
नई
दिल्ली.
अगर
किसी
चीज
की
एक
बूंद
आपको
4
लाख
रुपये
से
ज्यादा
की
मिले
तो
आप
उसकी
अहमियत
को
समझ
सकते
हैं.
साथ
ही
इस
बात
का
भी
अनुमान
आप
लगा
सकते
हैं
कि
इसकी
उपलब्धता
कितनी
कम
होगी.
लेकिन
सबसे
ज्यादा
हैरानी
की
बात
तो
ये
है
कि
जिस
चीज
की
हम
बात
कर
रहे
हैं
वह
कोई
जड़ी-बूटी
या
अमृत
की
बूंद
नहीं
बल्कि
जहर
है.
अगर
यह
किसी
के
खून
में
मिल
जाए
तो
उसका
बचना
लगभग
नामुमिकन
हो
जाता
है.
हम
बात
कर
रहे
हैं
किंग
कोबरा
के
जहर
की.
किंग
कोबरा
के
जहर
को
भारत
से
एक्सपोर्ट
करने
वाली
एक
वेबसाइट
के
अनुसार,
इसके
1
मिलीलीटर
जहर
की
कीमत
70-90
लाख
रुपये
है.
जहर
कितना
महंगा
होगा
यह
इस
बात
पर
निर्भर
करता
है
कि
वह
कितना
विषैला
होगा.
4
लाख
रुपये
की
बूंज
अगर
औसतन
1
मिलीलीटर
की
कीमत
80
लाख
रुपये
भी
मान
ली
जाए
तो
यह
एक
बूंद
4
लाख
रुपये
की
होती
है.
आमतौर
पर
एक
बूंद
को
0.05
एमएल
का
माना
जाता
है.
अगर
इन
वैल्यू
को
लेकर
आप
गुणा-भाग
करते
हैं
तो
आपको
कोबरा
के
एक
बूंद
जहर
की
कीमत
4
लाख
रुपये
मिल
जाएगी.
इससे
एक
सवाल
और
उठता
है
कि
आखिर
कोबरा
का
जहर
इतना
महंगा
होता
क्यों
है?
क्यों
महंगा
है
जहर
कोबरा
के
जहर
का
इस्तेमाल
कई
बीमारियों
के
इलाज
में
किया
जाता
है.
मसलन,
कैंसर,
आर्थिराइटिस
व
थ्रोमबोसिस
आदि
के
इलाज
में
कोबरा
का
जहर
काम
आता
है.
हालांकि,
इस
सांप
को
पकड़ना
और
जहर
निकालना
बेहद
जटिल
और
दुर्लभ
काम
है.
यही
कारण
है
कि
इसकी
उपलब्धता
बेहद
कम
जबकि
डिमांड
काफी
ज्यादा
होती
है.
कोबरा
के
जहर
का
इस्तेमाल
जहर
को
काटने
वाली
दवा
बनाने
के
लिए
भी
किया
जाता
है.
इसे
आपराधिक
लोग
नशे
के
लिए
भी
यूज
करते
हैं
जिससे
इसकी
डिमांड
में
और
तेजी
आती
है.
यह
सब
कारण
मिलकर
कोबरा
के
जहर
को
इतना
मंहगा
बना
देते
हैं.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
16,
2024,
17:42
IST