8 साल की उम्र में देखी फैक्टरी में दवाएं बनती, अब 70 देशों में कारोबार, दिन-रात बिकते हैं 500 प्रोडक्ट

8 साल की उम्र में देखी फैक्टरी में दवाएं बनती, अब 70 देशों में कारोबार, दिन-रात बिकते हैं 500 प्रोडक्ट


Success
Story
:

जायडस
लाइफसाइंसेज
(Zydus
Lifesciences)
के
चेयरमैन
पंकज
पटेल
का
जन्म
अच्छे-खासे
गुजराती
परिवार
में
हुआ.
बिजनेस
उनकी
रगों
में
था.
उनके
पिताजी
रमनभाई
पटेल
ने
अपने
एक
दोस्त
इंद्रवर्धन
मोदी
के
साथ
मिलकर
कैडिला
हेल्थकेयर
की
स्थापना
की
थी.
पंकज
पटेल
ने
जब
कंपनी
की
बागडोर
अपने
हाथों
में
ली
तो
कंपनी
की
वैल्यूएशन
महज
250
करोड़
रुपये
थी.
अब
इसकी
वैल्यूएशन
लगभग
सवा
लाख
करोड़
रुपये
तक
पहुंच
चुकी
है.
जाहिर
है,
कंपनी
को
कई
गुना
ऊंचा
उठा
देने
वाले
पंकज
पटेल
कोई
साधारण
शख्सियत
नहीं
हैं.

1952
में
विटामिन
बनाने
के
लिए
उद्देश्य
से
रमनभाई
पटेल
ने
कैडिला
हेल्थकेयर
की
स्थापना
की.
पंकज
पटेल
1976
में
कैडिला
लैबोरेट्री
के
साथ
काम
करना
शुरू
कर
चुके
थे.
1995
में
1995
में
कैडिला
हेल्थकेयर
और
कैडिला
लैबोरेट्री
को
जायडस
ग्रुप
के
तहत
अलग-अलग
एन्टीटी
बनाया.
यही
वह
साल
था,
जब
पंकज
पटेल
के
हाथ
कंपनी
की
कमान
आई.
यह
बात
अलग
है
कि
पंकजभाई
पटेल
पहले
एक
फार्मासिस्ट
बनना
चाहते
थे.
जब
वे
केवल
8
साल
के
थे,
वे
अपने
पिता
के
साथ
फैक्टरी
में
जाते
और
कर्मचारियों
को
टैब्लेट
बनाने
वाली
मशीनों
पर
काम
करते
देखा
करता
था.



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बेची
कब्ज
हटाने
वाली
दवा,
8
साल
घिसे
फार्मा
सेक्टर
में,
फिर
बेचने
लगे
पाइप,
आज
जेब
में
31,000
करोड़
की
दौलत

जब
पंकज
पटेल
ने
कैडिला
हेल्थकेयर
को
संभाला,
तो
उनके
सामने
कुछ
चुनौतियां
थीं-
कंपनी
250
करोड़
रुपये
की
थी,
जबकि
मैनेजमेंट,
रिसर्च,
कंपनी
के
खर्च
और
कर्मचारियों
सहित
उनके
खर्चे
400
करोड़
रुपये
के
थे.
ऐसे
में
कंपनी
का
ज्यादा
समय
तक
सस्टेन
कर
पाना
मुश्किल
लग
रहा
था.
धीरे-धीरे
उन्होंने
ऐसा
काम
किया
कि
आज
जायडस
की
मार्केट
कैप
1,13,467.98
करोड़
रुपये
है.
मार्च
2024
में
कंपनी
ने
3,332.40
करोड़
की
सेल
की,
जबकि
नेट
प्रॉफिट
1,405.20
करोड़
का
बनाया.


पंकज
पटेल
ने
दी
नई
पहचान

पंकज
और
जायडस
अब
एक
ही
सिक्के
के
दो
पहलू
नजर
आते
हैं.
यही
देश
की
पहली
कंपनी
है,
जिसने
हाई-कॉलेस्ट्रोल
डायबिटिक्स
की
दवाई
बनाई.
2013
में
कंपनी
को
दवाई
बेचने
के
लिए
रेगुलेटर्स
का
अप्रूलव
मिला.
यह
दवाई
ब्लड
शुगर
और
कॉलेस्ट्रोल
दोनों
के
लिए
प्रभावी
थी.
इसके
बाद
कंपनी
ने
ब्लड
प्रेशर
कंट्रोल
करने
के
लिए
एक
अलग
से
गोली
भी
बनाई.



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मेरठ
के
लड़के
ने
छोड़ी
जमी-जमाई
नौकरी,
दोस्त
संग
उतरा
धंधे
में,
फ्लिपकार्ट-अमेज़न
को
ला
दिए
पसीने

आपने
शुगर-फ्री
(Sugar-Free)
का
नाम
तो
सुना
ही
होगा.
यह
जायडस
वेलनेस
द्वारा
बनाया
गया
एक
ऐसा
ब्रांड
है,
जो
डायबिटिक
लोगों
के
लिए
चीनी
का
विकल्प
बन
गया.
एवरीयूथ
फेस
वॉश
(Everyuth
face
wash)
भी
इसी
कंपनी
का
एक
प्रॉडक्ट
है,
जो
काफी
फेमस
है.


सही
सोच
और
अप्रोच
से
मिली
ग्रोथ

विश्वभर
में
70
से
अधिक
देशों
में
फैल
चुकी
कंपनी
की
जड़ें
भारत
में
हैं.
भारत
में
ही
इसके
लगभग
300
प्रोडक्ट
हैं
और
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
500
हेल्थकेयर
प्रोडक्ट
बिकते
हैं.
इस
सफलता
के
पीछे
उनकी
सही
सोच
और
अप्रोच
काम
कर
रही
है.
वे
भारतीय
वैज्ञानिकों
के
टैलेंट
में
भरोसा
करते
हैं,
रिसर्च
और
डेवलपमेंट
पर
पैसा
खर्च
करने
में
हिचकिचाते
नहीं
है.
इसी
के
बूते
कंपनी
अब
तक
कई
वैक्सीन
और
दवाइयां
बना
चुकी
हैं.

जब
स्वाइन
फ्लू
(swine
flu)
फैला
था,
तब
पंकज
पटेल
ने
इसकी
दवा
बनाने
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी.
कंपनी
ने
भारत
के
ड्रग
कंट्रोलर
जनरल
से
VaxiFlu-s
नामक
दवा
लॉन्च
करने
के
लिए
अप्रूवल
हासिल
किया
था.
यह
पहली
भारतीय
H1N1
वैक्सीन
थी.
दुनियाभर
की
कुछ
गिनी-चुनी
वैक्सीन
में
इसका
नाम
भी
शुमार
है.


पंकज
पटेल
की
नेट
वर्थ

फोर्ब्स
के
अनुसार,
पंकज
पटेल
की
नेट
वर्थ
10.6
बिलियन
डॉलर
है.
भारतीय
करेंसी
में
यह
अमाउंट
88
हजार
करोड़
रुपये
से
अधिक
है.
2023
तक
उनकी
नेट
वर्थ
4.8
बिलियन
डॉलर
थी,
मगर
2024
में
नेट
वर्थ
ने
बड़ा
उछाल
लिया
है
और
यह
दोगुने
से
भी
अधिक
हो
गई
है.
Zydus
के
शेयरों
में
आए
उछाल
के
बाद
उनकी
नेट
वर्थ
में
भी
तेजी
से
वृद्धि
हुई
है.

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