Budget 2024: कहां से आता है सरकार के पास पैसा और कहां होता है खर्च, जानिए बजट में हर 1 रुपये का हिसाब?

Budget 2024: कहां से आता है सरकार के पास पैसा और कहां होता है खर्च, जानिए बजट में हर 1 रुपये का हिसाब?


नई
दिल्ली.

मोदी
सरकार
3.0
का
पहला
फुल
बजट
इसी
महीने
23
जुलाई
को
पेश
होगा.
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
(Nirmala
Sitharaman)
लगातार
सातवीं
बार
बजट
पेश
करेंगी.
बता
दें
कि
बजट
सरकार
के
खर्च
और
आय
का
लेखा-जोखा
होता
है.
आपके
मन
में
भी
सवाल
आता
होगा
कि
आखिर
सरकार
के
पास
बजट
के
लिए
पैसा
कहां
से
आता
है
और
यह
पैसा
कहां
जाता
है.
हम
यहां
बजट
आवंटन
के
लिए
मिलने
वाले
पैसे
और
खर्च
का
लेखाजोखा
समझाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं.

वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
1
फरवरी
को
अंतरिम
बजट
पेश
किया
था.
सीतारमण
ने
चालू
वर्ष
में
राजकोषीय
घाटे
(Fiscal
deficit)
को
कम
करके
5.8
फीसदी
और
2024-25
तक
5.1
फीसदी
तक
कम
करने
का
अनुमान
लगाया
था.


अंतरिम
बजट
में
टोटल
एक्सपेंडिचर
47,65,768
करोड़
रुपये
रहने
का
अनुमान

वित्त
वर्ष
2024-25
के
अंतरिम
बजट
में
टोटल
एक्सपेंडिचर
47,65,768
करोड़
रुपये
रहने
का
अनुमान
लगाया
गया
था.
इसमें
11,11,111
करोड़
रुपये
का
महत्वपूर्ण
कैपिटल
एक्सपेंडिचर
शामिल
है.
साल
2024-25
के
लिए
प्रभावी
कैपिटल
एक्सपेंडिचर
14,96,693
करोड़
रुपये
निर्धारित
किया
गया
था,
जो
पिछले
वित्तीय
वर्ष
के
संशोधित
अनुमानों
की
तुलना
में
17.7
फीसदी
की
उल्लेखनीय
बढ़ोतरी
है.


कहां
से
आता
है
पैसा

बजट
दस्तावेजों
के
मुताबिक,
सरकार
के
रेवेन्यू
संरचना
से
पता
चलता
है
कि
सबसे
ज्यादा
हिस्सा
28
फीसदी
बॉरोइंग
और
अन्य
लायबिलिटी
से
आता
है.
इसके
बाद
इनकम
टैक्स
से
19
फीसदी
और
जीएसटी
से
18
फीसदी
पैसा
आता
है.
कॉरपोरेशन
टैक्स
का
योगदान
17
फीसदी
है,
जबकि
नॉन-टैक्स
रीसीट
7
फीसदी
हैं.
सेंट्रल
एक्साइज
ड्यूटी
और
कस्टम्स
कुल
मिलाकर
9
फीसदी
है,
नॉन-डेट
कैपिटल
रीसीट
कुल
आय
का
1
फीसदी
हैं.


कहां
जाता
है
पैसा

सरकार
का
सबसे
ज्यादा
20
फीसदी
खर्च
ब्याज
को
चुकाने
और
टैक्स
ड्यूटीज
में
राज्य
की
हिस्सेदारी
में
चला
जाता
है.
सेंट्रल
सेक्टर
की
योजनाएं
और
अन्य
खर्च
क्रमशः
16
फीसदी
और
9
फीसदी
हैं,
जबकि
रक्षा
क्षेत्र,
केंद्रीय
प्रायोजित
योजनाएं
और
वित्त
आयोग
से
आवंटन
8-8
फीसदी
होता
है.
कुल
खर्च
में
सब्सिडी
का
हिस्सा
6
फीसदी
है,
जबकि
पेंशन
का
हिस्सा
4
फीसदी
है.

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