Budget 2024: बजट में चमड़े वाले लाल रंग के ब्रीफकेस की शुरुआत कब और कहां से हुई?

Budget 2024: बजट में चमड़े वाले लाल रंग के ब्रीफकेस की शुरुआत कब और कहां से हुई?


नई
दिल्ली.

केंद्रीय
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
(Nirmala
Sitharaman)
आज
यानी
23
जुलाई
को
वित्त
वर्ष
2024-25
के
लिए
अपना
लगातार
सातवां
बजट
पेश
करके
इतिहास
रचने
वाली
हैं.
बजट
पेश
करने
की
परंपरा
आजादी
के
पहले
से
चली

रही
है
और
आज
भी
कायम
है.
बजट
के
दस्‍तावेज
रखने
के
लिए
इस्‍तेमाल
किए
जाने
वाले
ब्रीफकेस
को
लेकर
समय-समय
पर
कई
तरह
के
प्रयोग
किए
जाते
रहे
हैं.
अब
भारत
में
बजट
का
रूप
डिजिटल
हो
गया
है.
इसमें
पहले
की
तरह
कागजात
नहीं
रखे
जाते,
लेकिन
ब्रीफकेस
रखने
की
परंपरा
अब
भी
जारी
है.

बजट,
अंग्रेजी
शब्द
Budget
से
आया
है.
इस
शब्द
का
मतलब
किसी
प्रशासन
की
वित्तीय
स्थिति
से
होता
है.
बजट
शब्द
मूल
रूप
से
फ्रेंच
शब्द
Bougette
से
लिया
गया
है
जिसका
मतलब
होता
है
लेदर
ब्रीफकेस.


ब्रिटेन
से
लिया
गया
ब्रीफकेस
लाने
की
परंपरा

भारत
में
ब्रीफकेस
लाने
की
परंपरा
को
ब्रिटेन
से
लिया
गया.
1860
में
ब्रिटिश
बजट
को
पेश
करने
वाले
चीफ
विलियम
ई.
ग्लैडस्टोन
ने
पहली
बार 
ब्रीफकेस
का
इस्तेमाल
किया
था,
जो
बाद
में
‘ग्लैडस्टोन
बॉक्स’
के
रूप
में
लोकप्रिय
हुआ.


आजाद
भारत
के
पहले
बजट
में
लेदर
ब्रीफकेस
का
इस्तेमाल

भारत
ने
भी
ब्रिटिश
परंपरा
का
पालन
किया,
लेकिन
ब्रिटेन
के
विपरीत
भारत
में
अलग-अलग
वित्त
मंत्री
अलग-अलग
ब्रीफकेस
या
अलग-अलग
रंगों
के
बैग
ले
जाते
थे.
भारत
के
पहले
वित्त
मंत्री
आरके
शनमुखम
चेट्टी
ने
26
नवंबर
1947
को
भारत
का
पहला
बजट
पेश
करने
के
लिए
रेड
लेदर
के
ब्रीफकेस
का
इस्तेमाल
किया
था.
1958
में
देश
के
प्रधानमंत्री
पंडित
जवाहर
लाल
नेहरू
ने
लाल
रंग
की
बजाय
काले
रंग
के
ब्रीफकेस
में
बजट
को
पेश
किया.


मोदी
सरकार
में
टूटी
गुलामी
की
परंपरा,
ब्रीफकेस
से
बही-खाता
और
फिर
टैबलेट

समय-समय
पर
बैग
के‍
रंग
और
डिजाइनंस
को
लेकर
कई
तरह
के
बदलाव
किए
गए.
साल
2019
में
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
बजट
ब्रीफकेस
की
परंपरा
को
छोड़
दिया
और
केंद्रीय
बजट
के
कागजात
ले
जाने
के
लिए
‘बही-खाता’
का
विकल्प
चुना.
2021
में
निर्मला
सीतारमण
ने
बजट
पेश
करने
के
लिए
‘बही-खाता’
को
‘टैबलेट’
के
साथ
बदल
दिया.
बजट
पहली
बार
पूरी
तरह
से
पेपरलेस
हो
गया.

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