FPI Investment : बजट से पहले एफपीआई धड़ाधड़ खरीद रहे हैं शेयर

FPI Investment : बजट से पहले एफपीआई धड़ाधड़ खरीद रहे हैं शेयर


हाइलाइट्स


एफपीआई
ने
मई
में
शेयरों
से
25,586
करोड़
रुपये
निकाले
थे.
एफपीआई
फरवरी,
मार्च
और
जून
में
खरीदार
रहे
थे.


बजट
से
पहले
एफपीआई
बाजार
में
अच्‍छा
पैसा
लगा
रहे
हैं.


नई
दिल्‍ली.

सरकार
की
सुधारों
को
जारी
रखने
की
प्रतिबद्धता
और
मजबूत
घरेलू
मांग
की
वजह
से
एफपीआई
का
भारतीय
बाजार
में
प्रवाह
बढ़ा
है.
मॉर्निंगस्टार
इन्वेस्टमेंट
रिसर्च
इंडिया
के
एसोसिएट
निदेशक

प्रबंधक
शोध
हिमांशु
श्रीवास्तव
ने
कहा
कि
विदेशी
निवेशकों
के
लिए
आगामी
आम
बजट
आर्थिक
वृद्धि
के
लिए
सरकार
की
योजनाओं
को
समझने
का
सबसे
प्रमुख
घटनाक्रम
है.
डिपॉजिटरी
के
आंकड़ों
के
मुताबिक,
विदेशी
पोर्टफोलियो
निवेशकों
ने
इस
महीने
अबतक
(12
जुलाई
तक)
शेयरों
में
शुद्ध
रूप
से
15,352
करोड़
रुपये
डाले
हैं.
इससे
पहले
जून
में
उन्होंने
शेयरों
में
26,565
करोड़
रुपये
का
निवेश
किया
था.

आम
चुनाव
को
लेकर
असमंजस
के
बीच
एफपीआई
ने
मई
में
शेयरों
से
25,586
करोड़
रुपये
निकाले
थे.
मॉरीशस
के
साथ
भारत
की
कर
संधि
में
बदलाव
और
अमेरिकी
बॉन्ड
प्रतिफल
में
वृद्धि
की
चिंता
के
बीच
अप्रैल
में
एफपीआई
ने
8,700
करोड़
रुपये
से
अधिक
की
बिकवाली
की
थी.



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बॉन्ड
बाजार
में
डाले
8,484
करोड़
रुपये

समीक्षाधीन
अवधि
में
एफपीआई
ने
शेयरों
के
अलावा
ऋण
या
बॉन्ड
बाजार
में
8,484
करोड़
रुपये
का
निवेश
किया
है.
इससे
इस
साल
अबतक
बॉन्ड
बाजार
में
उनका
निवेश
77,109
करोड़
रुपये
पर
पहुंच
गया
है.
घरेलू
संस्थागत
निवेशक
(डीआईआई)
2024
में
जहां
हर
महीने
शेयर
बाजार
में
शुद्ध
लिवाल
रहे
हैं,
वहीं
एफपीआई
के
प्रवाह
में
उतार-चढ़ाव
देखने
को
मिला
है.
एफपीआई
ने
जनवरी,
अप्रैल
और
मई
में
कुल
मिलाकर
60,000
करोड़
रुपये
के
शेयर
बेचे
हैं।
वहीं
फरवरी,
मार्च
और
जून
में
उन्होंने
63,200
करोड़
रुपये
की
खरीदारी
की
है.


एफपीआई
प्रवाह
में
क्‍यों
होता
है
उतार-चढ़ाव

जियोजित
फाइनेंशियल
सर्विसेज
के
मुख्य
निवेश
रणनीतिकार
वीके
विजयकुमार
ने
का
कहना
है
कि
एफपीआई
गतिविधि
बाहरी
कारकों
जैसे
कि
अमेरिकी
बॉन्ड
यील्ड
और
अन्य
बाजारों
में
मूल्यांकन
से
प्रभावित
होती
है,
जबकि
डीआईआई
गतिविधि
मुख्य
रूप
से
बाजार
में
घरेलू
प्रवाह
से
प्रेरित
होती
है.
इस
कारण
एफपीआई
के
निवेश
में
उतार-चढ़ाव
देखने
को
मिलता
है.
लोटसड्यू
के
स्मॉलकेस
मैनेजर
और
संस्थापक
अभिषेक
बनर्जी
ने
कहा
कि
एफपीआई
के
पास
भारत
में
बहुत
अच्छा
मौका
है,
क्योंकि
वे
विदेशी
मुद्रा
में
उच्च
रिटर्न
कमा
सकते
हैं,
बढ़ते
स्टॉक
मूल्यों
से
लाभ
उठा
सकते
हैं
और
गिरते
बॉन्ड
यील्ड
से
लाभ
उठा
सकते
हैं.

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