नई
दिल्ली.
लोकसभा
चुनाव-2024
की
प्रक्रिया
धीरे
धीरे
अपने
अंतिम
पड़ाव
की
ओर
बढ़
रहा
है.
चार
चरण
संपन्न
हो
चुके
हैं
और
अब
राजनीतिक
दल
पांचवें
चरण
की
वोटिंग
के
लिए
अपना
सबकुछ
झोंके
हुए
हैं.
सत्ता
पक्ष
के
साथ
ही
विपक्षी
दलों
के
लिए
भी
एक-एक
सीट
का
महत्व
है.
सभी
दलों
के
स्टार
प्रचारक
जनता
को
अपनी
पार्टियों
के
एजेंडे
के
बारे
में
बताकर
उन्हें
आपनी
ओर
खींचने
की
कोशिश
में
जुटे
हैं.
भारत
के
चुनाव
में
जातिगत
समीकरण
का
खास
ख्याल
रखा
जाता
है.
जातिगत
बहुलता
को
ध्यान
में
रखते
हुए
विभिन्न
सीटों
के
लिए
प्रत्याशियों
का
चयन
किया
जाता
है.
इन
सबके
बीच,
झारखंड
में
लोकसभा
की
एक
ऐसी
सीट
है,
जहां
भूमिहार
और
ब्राह्मण
प्रत्याशियों
के
बीच
सीधा
मुकाबला
है.
आदिवासी,
ओबीसी
और
दलित
बहुल
इस
सीट
पर
बीजेपी
ने
भूमिहार
तो
कांग्रेस
ने
ब्राह्मण
उम्मीदवार
को
चुनाव
मैदान
में
उतारा
है.
लोकसभा
चुनाव-2024
के
पांचवें
चरण
के
तहत
20
मई
को
झारखंड
की
तीन
सीटों
पर
भी
वोटिंग
होनी
है.
इनमें
हजारीबाग,
कोडरमा
और
चतरा
की
सीटें
शामिल
हैं.
लोकसभा
की
तीनों
सीटों
में
से
चतरा
पर
दिलचस्प
मुकाबला
है.
चतरा
लोकसभा
सीट
पर
अन्य
पिछड़ी
जातियों
(OBC),
दलित
(SC)
और
आदिवासी
(ST)
मतदाताओं
की
तादाद
काफी
ज्यादा
है.
इन
तीनों
समुदाय
के
मतदाताओं
की
तादाद
75
फीसद
से
ज्यादा
है.
इसके
बावजूद
बीजेपी
ने
यहां
से
भूमिहार
तो
कांग्रेस
ने
ब्राह्मण
उम्मीदवार
को
मैदान
में
उतारा
है.
लोकसभा
चुनाव
के
पांचवें
चरण
में
चतरा
लोकसभा
सीट
का
अपना
खास
महत्व
है.
पहली
बार
लड़
रहे
चुनाव
भाजपा
ने
चतरा
लोकसभा
सीट
से
पेशे
से
टीचर
कालीचरण
सिंह
को
मैदान
में
उतारा
है.
वह
पहली
बार
चुनाव
लड़ने
जा
रहे
हैं.
कालीचरण
सिंह
भूमिहार
जाति
से
आते
हैं.
वर्ष
2014
और
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
बीजेपी
का
परचम
फहराने
वाले
सुनील
कुमार
सिंह
को
इस
बार
ड्रॉप
कर
दिया
गया
है.
सुनील
कुमार
सिंह
ने
पिछले
चुनाव
में
कांग्रेस
के
मनोज
कुमार
यादव
को
मात
दी
थी.
इस
बार
कांग्रेस
ने
भी
बीजेपी
की
तरह
चतरा
से
अपने
प्रत्याशी
बदल
दिए
हैं.
कांग्रेस
ने
इस
बाद
कृष्णनंदन
त्रिपाठी
को
मैदान
में
उतार
है.
वह
ब्राह्मण
जाति
से
आते
हैं.
इस
तरह
चतरा
लोकसभा
सीट
से
NDA
और
महागठबंधन
दोनों
ने
अपने
प्रत्याशी
बदले
हैं.
कभी
लालू
यादव
का
था
बोलबाला
राष्ट्रीय
जनता
दल
(RJD)
सुप्रीमो
लालू
यादव
का
चतरा
लोकसभा
सीट
से
गहरा
नाता
रहा
है.
लालू
यादव
की
पार्टी
RJD
यहां
से
दो
बार
लोकसभा
का
चुनाव
जीत
चुकी
है.
लालू
की
पार्टी
ने
साल
1999
और
2004
में
यहां
से
जीत
हासिल
की
थी.
हालांकि,
पिछले
दो
संसदीय
चुनावों
में
भाजपा
प्रत्याशी
ने
जीत
का
परचम
लहराया
है.
चतरा
लोकसभा
सीट
के
महत्व
को
इसी
बात
से
समझा
जा
सकता
है
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
कालीचरण
सिंह
के
समर्थन
में
यहां
चुनावी
रैली
कर
चुके
हैं.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
17,
2024,
12:15
IST