
Bihar
Bureaucracy:
बिहार
के
ब्यूरोक्रेसी
में
बड़ा
बदलाव
होने
की
संभावना
से
अब
इंकार
नहीं
किया
जा
सकता
है.
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
पर
आए
दर्जनों
आईएएस
अधिकारियों
को
बिहार
लाने
की
कवायद
तेज
हो
गई
है.
दरअसल,
बिहार
कैडर
के
1997
बैच
के
आईएएस
अधिकारी
संजीव
हंस
पर
ईडी
की
कार्रवाई
के
बाद
राज्य
के
अफसरशाही
में
बड़े
पैमाने
पर
फेरबदल
के
कयासों
को
बल
मिला
है.
सूत्रों
की
मानें
तो
बिहार
में
‘बेलगाम’
हो
चुके
ब्यूरोक्रेसी
पर
लगाम
कसने
के
लिए
बुधवार
देर
रात
प्लान
तैयार
कर
लिया
गया
है.
इसमें
बिहार
कैडर
के
तीन
दर्जन
से
भी
अधिक
आईएएस
और
आईपीएस
अधिकारियों
को
बिहार
लाने
पर
चर्चा
हुई
है.
कहा
जा
रहा
है
कि
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
पर
जाने
की
इच्छा
रखने
वाले
एक
वरिष्ठ
आईएएस
अधिकारी
के
के
पाठक
को
एक
बार
फिर
से
बड़ी
जिम्मेदारी
मिल
सकती
है.
बुधवार
देर
रात
तक
सीएम
नीतीश
कुमार
अपने
कुछ
खास
सिपहसालारों
से
राज्य
की
ताजा
हालात
पर
चर्चा
की
है.
ऐसा
कहा
जा
रहा
है
कि
कुछ
वरिष्ठ
आईपीएस
अधिकारियों
के
भी
विभाग
बदले
जाएंगे.
बिहार
ब्यूरोक्रेसी
में
होगा
बड़ा
बदलाव?
सूत्रों
की
मानें
तो
शिक्षा
विभाग
के
प्रधान
सचिव
रहे
केके
पाठक
को
बड़ी
जिम्मेदारी
देने
की
कवायद
तेज
हो
गई
है.
केके
पाठक
को
शिक्षा
विभाग
से
तबादला
कर
राजस्व
विभाग
में
भेज
दिया
गया
था.
जिसके
बाद
से
के
के
पाठक
लंबी
छुट्टी
पर
चले
गए
थे.
अब
माना
जा
रहा
है
कि
के
के
पाठक
को
एक
बार
फिर
से
बिहार
सरकार
के
एक
महत्वपूर्ण
विभाग
का
प्रधान
सचिव
बनाया
जा
सकता
है.
आपको
बता
दें
कि
शिक्षा
विभाग
के
अपर
मुख्य
सचिव
के
के
पाठक
ने
हाल
ही
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
के
लिए
आवेदन
दिया
था,
जिस
पर
केंद्र
ने
अभी
तक
कोई
फैसला
नहीं
किया
है.
अब
कहा
जा
रहा
है
कि
के
के
पाठक
को
बिहार
में
ही
एक
महत्वपूर्ण
विभाग
की
जिम्मेदारी
मिलने
वाली
है.
केके
पाठक
की
तरह
बिहार
में
तकरीबन
आधा
दर्जन
आईएएस
अधिकारी
और
हैं,
जिनके
विभाग
बदल
कर
दूसरे
विभागों
में
कमिश्नरी
में
भेजा
जाएगा.
क्या
केके
पाठक
आ
गया
टाइम?
केके
पाठक
के
बारे
में
कहा
जाता
है
कि
वे
सीएम
नीतीश
कुमार
के
भरोसेमंद
अफसरों
में
से
एक
हैं.
सीएम
ने
पिछले
साल
ही
पाठक
को
शिक्षा
विभाग
का
प्रधान
सचिव
बनाया
था.
पाठक
के
शिक्षा
विभाग
में
प्रधान
सचिव
रहते
लाखों
शिक्षकों
की
नियुक्त
हुई
थी.
स्कूलों
में
बच्चों
की
अनुपस्थिति
और
शिक्षकों
की
अनुशासन
और
स्कूल
टाइमिंग
को
लेकर
काफी
सख्त
दिखे.
संजीव
हंस
प्रकरण
के
बाद
बिहार
ब्यूरोक्रेसी
की
छवि
सुधारने
के
लिए
नीतीश
कुमार
ने
कमर
कस
ली
है.
ऐसा
भी
कहा
जा
रहा
है
कि
बिहार
में
ईडी
के
रडार
पर
कई
महत्वपूर्ण
विभाग
के
प्रधान
सचिव
और
सचिव
हैं.
बिहार
सरकार
की
छवि
और
धुमिल
न
हो
इसके
लिए
अब
वैसे
अधिकारियों
के
विभाग
बदले
जाएंगे
जो
लंबे
समय
से
एक
ही
विभाग
में
टिके
हैं.
ऐसे
में
माना
जा
रहा
है
कि
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
पर
गए
कुछ
वरिष्ठ
आईएएस
अधिकारी
को
बिहार
भेजा
जा
सकता
है.
बिहार
में
काबिल
आईएएस
अधिकारियों
की
भारी
कमी
है,
क्योंकि
दर्जनों
काबिल
आईएएस
अधिकारी
केंद्र
से
बिहार
जाना
नहीं
चाह
रहे
हैं.
केंद्र
सरकार
ने
बिहार
के
लिए
359
पद
स्वीकृत
कर
रखे
हैं.
लेकिन,
बिहार
एडमिनिस्ट्रेशन
डिपार्टमेंट
की
डाटा
के
मुताबिक
एक
अक्टूबर
2023
तक
सिर्फ
236
आईएएस
अधिकारी
ही
काम
कर
रहे
हैं.
इनमें
आमिर
सुबहानी
जैसे
कई
वरिष्ठ
अधिकारी
पिछले
कुछ
महीनों
में
या
तो
रिटायर
हो
गए
हैं
या
फिर
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
पर
चले
गए
हैं.
प्रशिक्षु
आईएएस
अधिकारियों
को
मिलाकर
बिहार
में
इस
समय
तकरीबन
255-60
आईएएस
अधिकारी
ही
काम
कर
रहे
हैं.
इसी
को
ध्यान
में
रखकर
अब
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति
पर
गए
कई
आईएएस
और
आईपीएस
अधिकारियों
को
बिहार
भेजा
सकता
है.
Tags:
Bihar
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Nitish
Kumar,
IAS
Officer,
IPS
Officer
FIRST
PUBLISHED
:
July
18,
2024,
14:54
IST