एसी में रहने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा, बाहर निकलते ही गर्म होने लगेगी शरीर की भट्ठी, गर्मी में खुद को यूं रखें कूल

एसी में रहने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा, बाहर निकलते ही गर्म होने लगेगी शरीर की भट्ठी, गर्मी में खुद को यूं रखें कूल


Air-condition
Pose
Heatstroke
Risk:

एयरकंडीशन
में
रहना
वाकई
अच्छा
होता
है.
यह
बाहरी
तापमान
और
अंदर
के
तापमान
के
बीच
बैरियर
का
काम
करता
है
जिसे
आप
अपने
हिसाब
से
कम-ज्यादा
कर
सकते
हैं.
पर
इसका
नुकसान
भी
कम
नहीं
है.
एसी
में
रहने
वाले
लोग
जब
तपिश
भरी
गर्मी
में
बाहर
निकलते
हैं
तो
थोड़ी
देर
के
अंदर
शरीर
में
गर्मी
से
तिलमिलाहट
निकलने
लगती
है.
अगर
ज्यादा
देर
तक
बाहर
रहा
जाए
तो
ऐसे
व्यक्तियों
में
हीट
स्ट्रोक
का
खतरा
कई
गुना
ज्यादा
बढ़
सकता
है.
इतना
ही
नहीं
इस
दौरान
अगर
व्यक्ति
के
शरीर
से
पसीना

निकले
तो
यह
और
अधिक
घातक
हो
सकता
है.


तेज
धूप
में
बॉडी
में
क्या
होता
है

भारत
के
राष्ट्रपतियों
के
फिजिशियन
रह
चुके
और
वर्तमान
में
सर
गंगाराम
अस्पताल
के
सीनियर
कंसल्टेंट
डॉ.
एम
वली
कहते
हैं
कि
तपिश
भरी
गर्मी
अपने
आप
में
घातक
होती
है.
इसमें
सामान्य
लोगों
में
भी
हीटस्ट्रोक
का
खतरा
रहता
है
लेकिन
जो
लोग
एसी
में
रहते
हैं,
उनके
लिए
गर्मी
के
दिनों
में
बाहर
निकलना
ज्यादा
मुश्किल
भरा
काम
है.
ऐसे
लोगों
की
बॉडी
एक्सट्रीम
हीट
को
सहन
नहीं
कर
पाती
है.
यही
कारण
है
कि
जब
आप
एसी
गाड़ी
से
धूप
में
अचानक
बाहर
निकलेंगे
तो
आपको
ज्यादा
गर्मी
लगेगी
और
5
मिनट
के
अंदर
आपको
हीटस्ट्रोक
भी

सकता
है.
डॉ.
वली
ने
कहा
कि
एसी
में
रहने
वाले
लोग
जब
धूप
में
बाहर
निकलेंगे
तो
उनका
सामना
तेज
गर्मी
से
होगी.
लेकिन
जब
ऐसे
लोग
तेज
धूप
में
बाहर
निकलते
हैं
तापमान
एसी
रूम
से
कई
गुना
ज्यादा
होता
है.
इतने
कम
समय
के
अंदर
बॉडी
इस
गर्मी
के
लिए
एडजस्ट
नहीं
हो
पाती
है.
इस
स्थिति
में
शरीर
खुद
को
ठंडा
करने
के
लिए
पसीना
निकालेगा.
लेकिन
एसी
में
ज्यादा
देर
तक
रहने
के
कारण
स्किन
ड्राई
होने
लगती
है
जिससे
पसीना
निकलने
में
परेशानी
हो
सकती
है.
अगर
पसीना
नहीं
निकलता
तो
यह
बेहद
घातक
स्थिति
हो
सकती
है.
इससे
हीट
स्ट्रोक
का
खतरा
कई
गुना
बढ़
सकता
है.


किडनी
भी
हो
सकती
है
फेल

डॉ.
एम
वली
ने
बताया
कि
जब
पसीना
कम
निकलेगा
तो
शरीर
का
वाष्पीकरण
मैकेनिज्म
फेल
हो
जाएगा.
इससे
कोल्ड
टेंपरेचर
बढ़
जाएगा.
इससे
खून
गाढ़ा
होने
लगेगा.
इसके
बाद
शरीर
में
कई
तरह
की
परेशानियां
बढ़
जाएगी.
उन्होंने
बताया
कि
इसमें
मसल्स
में
जो
प्रोटीन
होते
हैं,
वे
टूटने
लगते
हैं.
इस
कारण
शरीर
में
बहुत
अधिक
थकान
और
कमजोरी
होने
लगती
है.
व्यक्ति
को
किसी
भी
तरह
का
काम
करने
में
मन
नहीं
लगता.
शरीर
में
पानी
की
कमी
होने
लगती
है
और
दिमाग
में
कंफ्यूजन
होने
लगता
है.
एक्सट्रीम
केस
में
किडनी
फेल
हो
सकता
है,
हार्ट
रेट
कम
हो
जाती
है
और
मेमोरी
लॉस
हो
सकती
है.
अंततः
व्यक्ति
बेहोश
होकर
गिर
सकता
है.
डॉ.
वली
ने
बताया
कि
यही
कारण
है
कि 
अगर
कोई
व्यक्ति
एसी
गाड़ी
से
उतर
कर
तेज
धूप
में
5
मिनट
भी
खड़ा
हो
जाता
है
तो
उसका
हाल
बुरा
हो
जाता
है.
इसलिए
एसी
में
रहने
वाले
व्यक्ति
का
शरीर
ज्यादा
देर
तक
धूप
में
रहने
के
काबिल
नहीं
होता
और
बाहर
निकलते
ही
वह
तिलमिलाने
लगता
है.


ऐसे
लोगों
को
क्या
करना
चाहिए

डॉ.
एम
वली
कहते
हैं
कि
जो
लोग
एसी
में
रहते
हैं,
सबसे
पहले
तो
एसी
को
25
से
उपर
चलाना
चाहिए.
वहीं
अगर
आप
बाहर
निकलते
हैं
तो
पहले
कुछ
देर
बिना
एसी
में
रहने
की
प्रैक्टिश
कर
लें.
यानी
एसी
को
बंद
कर
दें.
यदि
आप
कार
में
हैं
और
आप
बाहर
निकल
रहे
हैं
तो
इससे
पहले
एसी
बंद
कर
दें.
इसके
साथ
ही
आप
गर्मियों
के
मौसम
में
पानी
वाले
फूड
का
ज्यादा
सेवन
करें.
तरबूज,
खीरा,
ककड़ी
आदि
का
सेवन
बढ़ा
दें.
ताजे
फल
का
सेवन
बहुत
फायदेमंद
साबित
होगा.
बाहर
निकलने
के
दौरान
ढीले
कपड़े
पहनें.
सूती
और
सफेद
कपड़ा
गर्मी
में
ज्यादा
फायदेमंद
है.
दिन
भर
खूब
पानी
पीएं.
अगर
गर्मी
ज्यादा
महसूस
हो
तो
गीले
कपड़े
सिर
पर
डाल
लें.
कोशिश
करें
कि
तपिश
भरी
गर्मी
में
ज्यादा
देर
बाहर

रहना
पड़े.


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