हाइलाइट्स
इस
बार
नाम
नहीं,
काम
के
दम
पर
वोट
मांग
रही
हैं
स्मृति.
2024
में
फटाफट
गिनाती
हैं
स्मृति
ईरानी
अमेठी
में
कराए
गए
काम.2019
के
बाद
विकास
पर
मांग
रही
वोट.
अमेठी
:
एक
दशक
पहले
अमेठी
पहुंची
सिल्वर
स्क्रीन
की
संस्कारी
बहु
स्मृति
ईरानी
अमेठी
की
फायर
ब्रांड
नेता
बन
गई
हैं.
2014
की
सलीकेदार
बहु
2024
के
चुनाव
में
अमेठी
की
लोकप्रिय
दीदी
स्मृति
ईरानी
बन
गई
हैं.
स्मृति
ईरानी
अमेठी
में
अवधि
भाषा
में
चुनावी
प्रचार
कर
रही
हैं.
इस
बार
नाम
नहीं,
2019
के
बाद
विकास
के
दम
पर
वोट
मांग
रही
हैं.
सिलसिलेवार
ढंग
से
कराए
गए
काम
गिनाती
हैं.
अमेठी
लोकसभा
2014
में
अमेठी
की
सियासत
में
जब
स्मृति
ईरानी
मैदान
में
उतरीं
तो
उनकी
छवि
एक
टीवी
सीरियल
की
सलीकेदार
बहू
वाली
थी.
उस
समय
स्मृति
ईरानी
ने
खुद
को
अमेठी
की
दीदी
कहकर
परिचय
दिया
था,
लेकिन
एक
दशक
बाद
2024
अमेठी
की
आक्रामक
दीदी
बनकर
अवधि
भाषा
मे
चुनाव
प्रचार
कर
रही
हैं.
अमेठी
में
5
साल
पहले
2019
में
स्मृति
ईरानी
की
कोई
सभा
ऐसी
नहीं
होती
रही
होगी,
जिसमें
वह
राहुल
गांधी
का
नाम
ना
लेती
रही
हों.
2014
के
चुनाव
में
वे
रोजाना
राहुल
गांधी
से
एक
सवाल
किया
करती
थी
और
कहती
थीं
कि
अमेठी
पूछे
एक
सवाल.
वहीं
2019
के
चुनाव
में
भी
राहुल
गांधी
के
सांसद
रहते
हुए
उनके
द्वारा
कराए
गए
विकास
कार्यों
को
लेकर
वे
उन्हें
घेरा
करती
थीं.
एक
दशक
बाद
स्मृति
ईरानी
के
प्रचार
का
अंदाज
बिल्कुल
बदला
हुआ
है.
अब
स्मृति
ईरानी
नुक्कड़
सभाओं
के
मंचों
से
सवाल
नहीं
करती
हैं,
बल्कि
अमेठी
में
अपने
द्वारा
कराए
गए
विकास
कार्यों
का
सिलसिलेवार
ब्योरा
देती
हैं.
ककवा
ओवर
ब्रिज
से
लेकर
अमेठी
बाईपास,
तिलोई
का
मेडिकल
कॉलेज,
सैनिक
स्कूल,
केंद्रीय
विद्यालय
जैसे
बड़े
उपक्रमों
के
साथ
ही
जिले
में
किसान
सम्मान
निधि,
राशन
बिजली
कनेक्शन,
शौचालय
आदि
के
लाभार्थियों
का
डेटा
उन्हें
मुंह
जुबानी
याद
है,
जिसे
वह
हर
मंच
से
बताती
हैं.
10
साल
पहले
जहां
इक्का-दुक्का
लोग
ही
उनसे
परिचित
थे,
वही
अब
जिले
के
किसी
भी
मंच
से
सामने
बैठे
लोगों
को
वो
नाम
से
पुकारती
हैं.
दादा
तेजभान
जैसे
वरिष्ठ
नेता
2014
के
चुनाव
में
भी
उनके
साथ
चलते
थे
और
आज
भी
तमाम
नुक्कड़
सभाओं
और
मंचों
में
उनके
बगल
ही
बैठे
रहते
हैं.
पहले
की
तरह
ही
पहुंचते
ही
पैर
छूकर
उनका
आशीर्वाद
लेती
हैं.
जिस
प्रकार
से
2014
और
2019
में
गोविंद
सिंह
चौहान
सभाओं
का
संचालन
किया
करते
थे.
उसी
तरह
से
इस
साल
भी
स्मृति
ईरानी
के
आने
से
पहले
वो
माइक
थामे
रहते
हैं.
2014
के
रण
में
उनके
साथ
रहे
गोविंद
नारायण
शुक्ला
अब
एमएलसी
बन
चुके
हैं
और
प्रदेश
में
कामकाज
देखते
हैं,
जबकि
2014
में
जिलाध्यक्ष
रहे
दयाशंकर
यादव,
2019
में
जिला
अध्यक्ष
रहे
दुर्गेश
त्रिपाठी
अभी
भी
उनकी
कोर
टीम
में
शामिल
हैं.
अमेठी
के
व्यवसायी
नेता
व
जिला
पंचायत
अध्यक्ष
राजेश
अग्रहरि
के
साथ
ही
तमाम
अन्य
लोग
भी
इस
चुनाव
में
बढ़-चढ़कर
उनके
साथ
दे
रहे
हैं.
दिन
भर
में
5
से
10
गांव
में
पहुंचकर
लोगों
से
मिलती-जुलती
हैं.
साथ
ही
उनके
आवास
पर
भी
अलग-अलग
वर्ग
और
संगठन
के
लोगों
का
जमावड़ा
देर
रात
तक
चलता
रहता
है.
ब्लॉक
प्रमुख,
मंत्री
और
विधायक
सुरेश
पासी
जगदीशपुर
क्षेत्र
में
उनके
साथ-साथ
रहते
हैं.
सलोन
क्षेत्र
में
अशोक
कोरी
भी
ऐसा
ही
करते
हैं.
स्मृति
अपने
बयानों
में
राम
के
साथ
ही
धर्म
की
बातों
को
मुखरता
से
रखती
हैं,
जबकि
जनता
से
विपक्षी
पार्टी
की
लंका
लगाने
की
अपील
भी
करती
हैं.
इस
दौरान
वे
पूरी
तरह
से
आक्रामक
नजर
आती
हैं.
राहुल
गांधी
भले
ही
अमेठी
के
रण
में
इस
बार
नहीं
हैं,
लेकिन
उनके
निशाने
पर
राहुल
गांधी
और
प्रियंका
वाड्रा
ही
रहते
हैं.
स्थानीय
उम्मीदवार
को
लेकर
वे
कुछ
नहीं
कहती
हैं.
2014
और
2019
की
तुलना
में
उनकी
टीम
के
सदस्यों
में
इजाफा
जरूर
हुआ
है,
लेकिन
अब
वह
ज्यादातर
कार्य
खुद
निपटा
लेती
हैं.
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Amethi
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Irani,
Union
Minister
Smriti
Irani
FIRST
PUBLISHED
:
May
17,
2024,
12:12
IST