क‍िसान जाएं तो जाएं कहां? कोर्ट ने शंभु-खनौरी बॉर्डर से हटाया, लेकिन वे जाने को तैयार नहीं, क्‍या फ‍िर द‍िखेगा संग्राम

क‍िसान जाएं तो जाएं कहां? कोर्ट ने शंभु-खनौरी बॉर्डर से हटाया, लेकिन वे जाने को तैयार नहीं, क्‍या फ‍िर द‍िखेगा संग्राम

क्‍या
फ‍िर
द‍िल्‍ली
के
बॉर्डर
पर
क‍िसानों
का
संग्राम
द‍िखेगा?
ये
सवाल
इसल‍िए
क्‍योंक‍ि
महीनों
से
धरना
दे
रहे
क‍िसानों
को
कोर्ट
ने
शंभु
और
खनौरी
बॉर्डर
खाली
करने
का
आदेश
दिया,
लेकिन
वे
हटने
को
तैयार
नहीं
हैं.
क‍िसी
भी
तरह
दि‍ल्‍ली
की
ओर
कूच
करना
चाहते
हैं.
बॉर्डर
पार
करना
चाहते
हैं.
हालात
देखते
हुए
दोनों
ओर
से
हर‍ियाणा
पुल‍िस
ने
रास्‍ते
बंद
कर
दिए
हैं.
लगातार
बैठकें
चल
रही
हैं.
एक
ओर
क‍िसान
आंदोलन
की
नई
रणनीत‍ि
बना
रहे
हैं,
तो
दूसरी
ओर
पुल‍िस
उन्‍हें
रोकने
की
कोश‍िशों
में
जुटी
है.

पंजाब
हर‍ियाणा
हाईकोर्ट
ने
आदेश
द‍िया
है
क‍ि
एक
हफ्ते
के
अंदर
क‍िसान
शंभु
और
खनौरी
बॉर्डर
खाली
कर
दें.
इसके
बाद
क‍िसान
संगठनों
ने
बैठक
की.
फैसला
ल‍िया
क‍ि
अगर
वे
सड़क
से
हटते
हैं
तो
दिल्ली
की
तरफ
बढ़ेंगे.
खाली
घर
लौटने
का
उनका
इरादा
कतई
नहीं
हैं.
जब
से
क‍िसानों
ने
यह
ऐलान
क‍िया
है,
दिल्‍ली
और
हर‍ियाणा
पुल‍िस
की
सांसें
फूलने
लगी
हैं.
बॉर्डर
पर
सख्‍त
इंतजाम
क‍िए
जा
रहे
हैं.
द‍िल्‍ली
पुल‍िस
को
डर
है
क‍ि
कहीं
पहले
की
तरह
क‍िसान
धावा

बोल
दें.


द‍िल्‍ली
कूच
के
ऐलान
से
पुलिस
अलर्ट

लगातार
पुल‍िस
की
बैठकें
हो
रही
हैं.
दिल्ली
में
भी
चाहे
वो
सिंघु
बॉर्डर,
चाहे
टिकरी
बॉर्डर
हर
जगह
आने
वाले
दिनों
के
लिए
क्या
इंतजाम
रखे
जाएंगे
इसकी
कवायद
शुरू
की
जा
चुकी
है.
क‍िसानों
की
आगे
होने
वाली
बैठकों
पर
भी
पुल‍िस
की
नजर
है.
एक
दिन
पहले
किसान
नेता
जगजीत
सिंह
डल्लेवाल
ने
बताया
था
क‍ि
22
जुलाई
को
दिल्ली
के
कांस्टीट्यूशनल
क्लब
में
क‍िसानों
की
सभा
होगी.
इसमें
देशभर
से
किसान
जत्थेबंदियों
के
नुमाइंदे
पहुंचेंगे.
वहीं
फैसला
ल‍िया
जाएगा
क‍ि
द‍िल्‍ली
की
ओर
कब
कूच
क‍िया
जाए.


क‍िसानों
की
क्‍या
योजना

जगजीत
सिंह
डल्लेवाल
ने
कहा,
सरकार
के
लोग
गलत
प्रचार
कर
रहे
हैं.
वे
कहते
हैं
क‍ि
क‍िसानों
को
एमएसपी
की
कानूनी
गारंटी
देने
से
बजट
पर
17.5
लाख
करोड़
का
खर्च
बढ़
जाएगा.
जबक‍ि
ऐसा
बिल्‍कुल
भी
नहीं
है.
हम
अनपढ़
नहीं
हैं,
हम
भी
जानते
हैं
क‍ि
सरकार
को
क‍ितना
पैसा
देना
होगा.
22
जुलाई
को
होने
वाली
बैठक
में
हम
विपक्षी
दलों
के
सांसदों
से
मांग
करेंगे
क‍ि
वे
अपने
वादे
पर
खरा
उतरें,
और
एमएसपी
की
कानूनी
गारंटी
वाला
प्राइवेट
बिल
पेश
करें.
फसलों
का
उच‍ित
दाम
दिलाने
के
ल‍िए
केंद्र
सरकार
पर
दबाव
बनाएं.
17

18
जुलाई
को
अंबाला
के
एसपी
दफ्तर
का
घेराव
भी
क‍िया
जाएगा.

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