
How
to
Avoid
Heart
Attack
During
Exercise:
हार्ट
पर
आंच
आना
यानी
जिंदगी
पर
आंच
आने
के
समान
है.
इसलिए
हमेशा
अपने
हार्ट
को
लेकर
सतर्क
हो
जाना
चाहिए
लेकिन
आजकल
यंग
जेनरेशन
में
बॉडी
बनाने
को
लेकर
एक
सनक
की
तरह
सवार
होने
लगी
है.
इस
कारण
वे
जिम
में
घंटों
पसीना
बहाते
हैं.
जिम
में
पसीना
बहाना
गलत
नहीं
है
लेकिन
गलत
तरीकेों
से
पसीना
बहाना
सेहत
पर
भारी
पड़
सकता
है.
आए
दिन
जिम
में
एक्सरसाइज
करते-करते
लोगों
की
मौत
से
संबंधित
कई
खबरे
सुनी
जाती
है.
डॉक्टरों
के
मुताबिक
इन
सबके
कई
कारण
हो
सकते
हैं
लेकिन
मुख्य
रूप
से
यंग
जेनेरेशन
के
लोग
जिम
में
आते
ही
बेहद
कठिन
एक्सरसाइज
करने
लगते
हैं
जिसके
कारण
हार्ट
की
पंपिंग
बढ़
जाती
है
और
इसमें
हार्ट
अटैक
का
खतरा
भी
बढ़
सकता
है.
ऐसे
में
जिम
जाने
से
पहले
कुछ
टेस्ट
कराना
जरूरी
है.
हार्ट
अटैक
के
कारण
फोर्टिस
अस्पताल
में
कार्डियोलॉजी
डिपार्टमेंट
के
डायरेक्टर
डॉ.
नित्यानंद
त्रिपाठी
ने
बताया
है
कि
हार्ट
अटैक
के
लिए
सबसे
बड़ा
कारण
हाई
ब्लड
प्रेशर
और
हाई
कोलेस्ट्रॉल
है.
लेकिन
इसके
अलावे
भी
कई
कारण
हो
सकते
हैं.
मुश्किल
यह
है
कि
हाई
ब्लड
प्रेशर
और
हाई
कोलेस्ट्रॉल
के
मामले
में
जल्दी
शरीर
में
कुछ
लक्षण
नहीं
दिखते.
उन्होंने
बताया
है
कि
जिम
में
एक्सरसाइज
के
दौरान
जो
हार्ट
अटैक
आते
हैं
उसका
सबसे
बड़ा
कारण
अनकस्टम्ड
एक्सरसाइज
है.
यानी
आते
ही
खूब
हार्ड
एक्सरसाइज
करने
में
मशगूल
हो
जाना.
चूंकि
शरीर
को
कठिन
एक्सरसाइज
के
लिए
पहले
सहन
करने
की
क्षमता
बढ़ानी
होती
है
लेकिन
इससे
पहले
युवा
बहुत
तेज
एक्सरसाइज
करने
लगते
हैं.
इस
कारण
अचानक
कार्डिएक
अरेस्ट
या
हार्ट
अटैक
आ
सकता
है.
इसलिए
एक्सरसाइज
धीरे-धीरे
करनी
चाहिए.
कौन
सा
टेस्ट
जरूरी
डॉ.
नित्यानंद
त्रिपाठी
ने
बताया
कि
आपके
एक्सरसाइज
करने
की
क्षमता
कितनी
है,
इसे
जानने
के
लिए
टीमएटी
यानी
ट्रेडमिल
टेस्ट
(TMT)
बहुत
फायदेमंद
साबित
हो
सकता
है.
टीएमटी
टेस्ट
से
यह
पता
चलता
है
कि
व्यक्ति
में
एक्सरसाइज
करने
की
क्षमता
कितनी
है.
इससे
रिस्पेरटी
सिस्टम
और
कार्डियोवैस्कुलर
सिस्टम
के
बारे
में
पता
चलता
है.
टीएमटी
से
यह
पता
चलता
है
कि
न
व्यक्ति
का
फंक्शनल
कैपेसिटी
कितनी
है,
एक्सरसाइज
करने
पर
ब्लड
प्रेशर
कितना
तक
बढ़ता
है,
हार्ट
रेट
कितना
बढ़ता
है,
कार्डियोवैस्कुलर
सिस्टम
और
रिस्पेरिटरी
सिस्टम
किस
तरह
रिस्पोंड
कर
रहा,
हार्ट
किस
तरह
पॉप-अप
कर
रहा
है,
ये
सब
बताता
है.
अगर
टीएमटी
टेस्ट
अच्छा
है
तो
डॉक्टर
उस
व्यक्ति
को
एक्सरसाइज
करने
के
लिए
कह
सकते
हैं.
लेकिन
बेहतर
रहेगा
कि
यदि
आप
एक्सरसाइज
करने
जा
रहे
हैं
तो
धीरे-धीरे
लोड
को
बढ़ाएं.
पहले
एक
महीने
तक
हल्की-फुल्की
सामान्य
एक्सरसाइज
करें.
जैसे-जैसे
क्षमता
बढ़ती
है
आपके
एक्सरसाइज
की
क्षमता
भी
बढ़
जाएगी.
इससे
काम
आसान
होगा.
शरीर
की
क्षमता
से
ज्यादा
एक्सरसाइज
न
करें.
खुद
से
भी
हार्ट
की
जांच
कर
सकते
हैं
डॉ.
नित्यानंद
त्रिपाठी
ने
बताया
कि
एक्सरसाइज
के
दौरान
टारगेट
हार्ट
रेट
220
माइनस
(-)
उम्र
का
85
प्रतिशत
है.
यानी
इतना
हार्ट
रेट
एक्सरसाइज
के
दौरान
सेफर
लिमिट
है.
इसकी
जांच
आप
खुद
भी
कर
सकते
हैं.
दरअसल,
नॉर्मल
कंडीशन
में
हार्ट
रेट
60
से
100
के
आसपास
होता
है.
लेकिन
जब
आप
दौड़
लगाएंगे
तो
यह
आगे
बढ़ेगा.
यह
कितने
आगे
तक
बढ़ना
चाहिए.
इसके
लिए
आप
दौड़
लगाइए
और
कलाई
पर
पल्स
रेट
की
खुद
से
जांच
कीजिए.
अगर
आपकी
उम्र
30
साल
है
तो
इसे
आप
220
में
घटा
दीजिए.
यानी
रिजल्ट
आएगा
190.
अब
190
का
85
प्रतिशत
161.5
होता
है.
यानी
आप
जब
दौड़
लगाते
हैं
तो
इस
दौरान
आपका
हार्ट
रेट
अगर
161.5
तक
हो
जाता
है
तो
इसका
मतलब
है
कि
आपके
हार्ट
में
कोई
दिक्कत
नहीं
है
लेकिन
इससे
ज्यादा
होना
यह
बताता
है
कि
आपके
हार्ट
क
क्षमता
में
कमजोरी
है.
इसलिए
उस
स्थिति
में
धीरे-धीरे
एक्सरसाइज
कीजिए.
Tags:
Health,
Health
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Heart
attack,
Lifestyle
FIRST
PUBLISHED
:
May
15,
2024,
16:28
IST