जिस खास दूध से नहाती थी क्लियोपेट्रा वो दुनिया में सबसे महंगा, किस जानवर का ये

जिस खास दूध से नहाती थी क्लियोपेट्रा वो दुनिया में सबसे महंगा, किस जानवर का ये

हाइलाइट्स


क्लियोपेट्रा
की
खूबसूरती
का
राज
वो
दूध
बताया
जाता
है,
जिससे
वो
रोज
नहाती
थी
ये
दूध
त्वचा
के
सारे
दाग
और
झुर्रियां
खत्म
कर
देता
है,
वैज्ञानिकों
ने
भी
इसे
करामाती
दूध
माना
है
ये
दूध
भारत
में
5000
से
6000
रुपए
प्रति
लीटर
की
कीमत
से
बिकता
और
दुनिया
में
भी
ये
काफी
महंगा

क्लियोपैट्रा
को
रोम
की
सबसे
खूबसूरत
रानी
माना
जाता
है.
कहा
जाता
है
कि
अपनी
खूबसूरती
और
दिलकश
अदाओं
से
वो
किसी
को
भी
अपना
दीवाना
बना
सकती
थी.
उसकी
खूबसूरती
का
राज
वो
दूध
बताया
जाता
है,
जिससे
वो
रोज
नहाती
थी
और
जो
उसको
निखार
देता
था.
ये
दूध
दुनिया
का
सबसे
महंगा
दूध
होता
है

करीब
5000
से
6000
रुपए
लीटर.

अब
आगे
हम
बताएंगे
ये
दूध
किस
जानवर
का
होता
है.
कहा
जाता
है
कि
30
ई.पू.
में
अलेक्जेंड्रिया
और
मिस्र
में
क्लियोपैट्रा
से
खूबसूरत
त्वचा
किसी
भी
महिला
की
नहीं
थी.
अपनी
त्वचा
की
खूबसूरती
के
लिए
क्लियोपैट्रा
हर
रोज
पानी
की
जगह
उसी
खास
जानवर
के
दूध
से
नहाती
थी.
एक
स्नान
के
लिए
भरपूर
दूध
जुटाने
के
लिए
700
जानवरों
की
जरूरत
पड़ती
थी.

क्लियोपैट्रा
की
सेवा
में
कई
हजार
सेवक-सेविकाएं
थे
जो
उनकी
जरूरत
का
हर
सामान
उसके
एक
आदेश
पर
जुटा
देते
थे.
इस
जानवर
के
दूध
से
नहाने
से
उसकी
झुर्रियां
और
झाइयां
गायब
हो
गईं.
इसी
से
क्लियोपैट्रा
में
इतना
आत्मविश्वास

गया
कि
वो
मार्क
एंथनी
को
अपनी
तरफ
मोहित
कर
पाई.


इस
जानवर
के
दूध
से
नहाती
थी

वो
जानवर
जिसके
दूध
से
क्लियोपैट्रा
नहाती
थी,
वह
गधी
का
दूध
है.
जो
पूरी
दुनिया
सबसे
महंगा
मिलता
है.
दूसरे
जानवरों
की
दूध
की
तुलना
में
ये
मीठा
नहीं
बल्कि
खट्टा
माना
जाता
है.


कितना
महंगा
है
ये
दूध

भारत
में
गधी
के
दूध
की
कीमत
5,000-7,000
रुपए
प्रति
लीटर
है.
जो
किसी
भी
दूध
की
तुलना
में
बहुत
अधिक
महंगा
है.
गाय
का
दूध
बाजार
में
65
रुपए
लीटर
के
आसपास
मिलता
है.
संयुक्त
राज्य
अमेरिका
और
यूरोप
में,
गधे
के
दूध
को
एक
विशेष
उत्पाद
माना
जाता
है
और
इसकी
कीमत
$60-$130
प्रति
लीटर
या
लगभग
₹4,950-₹10,704
के
बीच
है.
गधी
प्रतिदिन
करीब
एक
लीटर
दूध
ही
पैदा
करती
है.

मिस्र
की
रानी
क्लियोपेट्रा
एक
खास
दूध
से
रोज
नहाती
थी,
जिसको
उसकी
खूबसूरती
और
जवां
रहने
का
राज
बताया
जाता
है.


वैज्ञानिक
क्या
मानते
हैं

वैज्ञानिक
मानते
हैं
कि
गाय
या
भैंस
के
दूध
से
कई
गुना
बेहतर
होता
है
गधी
का
दूध.
जब
दूध
खट्टा
होता
है,
उसमें
मौजूद
लैक्टोज
शुगर
लैक्टिक
एसिड
में
बदल
जाता
है.
यह
काम
दूध
में
मौजूद
बैक्टीरिया
‘लेक्टोबैसिलस’
करते
हैं.

लैक्टिक
एसिड
एक
किस्म
का
अल्फा
हाइड्रोक्सी
एसिड
होता
है.
इस
तरह
के
एसिड
जैसे
ही
त्वचा
पर
लगाए
जाते
हैं,
वो
हमारी
‘डेड
स्किन’
को
हटा
देते
हैं,
जिससे
नई
और
चमकदार
त्वचा
सतह
पर

जाती
है.
रोज
ऐसा
करने
से
त्वचा
के
दाग
धब्बे
कम
होते
हैं.
इसीलिए
भारतीय
आयुर्वेद
में
दही
से
स्नान
करना
फायदेमंद
बताया
गया
है.

यही
कारण
है
कि
क्लियोपैट्रा
ने
कई
सालों
तक
गधी
के
दूध
के
प्रयोग
से
खुद
को
खूबसूरत
बनाए
रखा.
आधुनिक
कॉस्मेटिक
इंडस्ट्री
में
जो
फेयरनेस
और
‘एंटी-रिंकल’
क्रीम
बनाए
जाते
हैं,
उनमें
अल्फा
हाइड्रोक्सी
एसिड
की
मात्रा
8%
के
आस-पास
रखी
जाती
है.
यह
मात्रा
गधी
के
दूध
में
मौजूद
लैक्टिक
एसिड
(7.4%)
के
बहुत
पास
है.

गधी
का
दूध
काफी
चमत्कारिक
माना
जाता
है,
ये
कुछ
खट्टा
सा
होता
है
और
इस
वजह
से
इसके
गुण
भी
खास
होते
हैं.
साइंस
ने
भी
इसका
लोहा
माना
है.
(wiki
commons)


ये
दूध
कॉस्मेटिक्स
का
भविष्य

हाल
ही
में
वैज्ञानिकों
ने
गधी
के
दूध
के
प्रयोग
से
बनी
एक
क्रीम
पर
रिसर्च
की.
इस
रिसर्च
के
परिणाम
चौंकाने
वाले
थे.
देखा
गया
कि
अन्य
क्रीमों
से
अलग
ये
क्रीम
बुढ़ापे
की
निशानी
यानी
झुर्रियां
हटाने
में
कई
गुना
अधिक
सक्षम
है.

लैक्टोज
के
साथ
ही
गधी
के
दूध
में
गाय
और
भैंस
के
दूध
की
तुलना
में
प्रोटीन,
विटामिन,
मिनरल,
बायोएक्टिव
एंजाइम
और
कोएंजाइम
अधिक
संतुलित
मात्रा
में
होते
हैं.
इसी
कारण
यह
निखार
बढ़ाने
और
झुर्रियों
को
घटाने
में
मददगार
होता
है.
सही
ढंग
से
गधी
के
दूध
का
प्रयोग
कर
क्रीम
बनाने
से
यह
पिंपल,
झाईं,
फोड़े-फुंसियों
और
त्वचा
में
होते
वाली
खुजली
से
भी
आराम
दिलाता
है.


और
भी
थे
इस
दूध
के
दीवाने

रोम
में
औरतों
की
खूबसूरती
उनकी
शक्ति
का
परिचय
होती
थी.
यही
कारण
है
कि
महिलाएं
अपना
रूप
को
निखारकर
राजाओं
को
अपना
दीवाना
बनाती
थीं.
इसके
लिए
क्लियोपैट्रा
की
ही
तरह
अन्य
महिलाएं
भी
गधी
के
दूध
से
नहाती
थीं.
इनमें
से
एक
थी
रोम
के
राजा
‘नीरो’
की
पूर्वपत्नी
पौपीया,
जो
गधी
के
दूध
से
नहाती
थी.


इस
करामाती
दूध
के
प्रोड्क्ट्स

अब
हम
आपको
बताते
हैं
कि
इस
करामाती
दूध
से
क्या
क्या
प्रोडक्ट्स
बनते
हैं
साबुन
-प्राकृतिक
अवयवों
से
बना
गधी
के
दूध
का
साबुन
त्वचा
को
पोषण
देता
है.
त्वचा
को
हाइड्रेट
करने
के
लिए
विटामिन,
खनिज
और
आवश्यक
फैटी
एसिड
से
भरपूर
होता
है.
कुछ
साबुनों
में
कम
से
कम
5फीसदी
गधी
का
दूध
होता
है,
जबकि
अन्य
में
40
फीसदी
गधी
का
दूध
होता
है.


शारीरिक
क्रीम

गधे
के
दूध
और
शहद
की
बॉडी
क्रीम
त्वचा
की
कोशिकाओं
को
पुनर्जीवित
करने
का
काम
करती
हैं.
ये
दूध
त्वचा
को
नया
जीवन
देता
है.


चेहरे
का
मास्क
गधी
के
दूध
का
उपयोग
अक्सर
इसके
मॉइस्चराइजिंग
और
एंटीऑक्सीडेंट
गुणों
के
कारण
एंटी-एजिंग
सौंदर्य
प्रसाधनों
में
किया
जाता
है.


शावर
जैल
गधे
के
दूध
के
शॉवर
जैल
मॉइस्चराइजिंग
और
पुनर्जीवित
करने
वाले
बॉडी
वॉश
हैं
जिनमें
डी-पैन्थेनॉल
(प्रोविटामिन
बी5)
और
एलांटोइन
जैसे
सक्रिय
मॉइस्चराइजिंग
यौगिक
होते
हैं.


हाथ
क्रीम
गधी
के
दूध
की
हाथ
क्रीम
जल्दी
अवशोषित
हो
जाती
हैं
और
सूखे
हाथों
पर
प्रभावी
होती
हैं.

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