भारतीय निवेशकों को किस पर इतना भरोसा जो 5 महीने में झोंक दिए 2 लाख करोड़

भारतीय निवेशकों को किस पर इतना भरोसा जो 5 महीने में झोंक दिए 2 लाख करोड़


हाइलाइट्स


घरेलू
निवेशकों
ने
इस
साल
महज
96
सत्र
में
ही
2
लाख
करोड़
लगा
दिए.


इसमें
से
पहले
1
लाख
करोड़
का
निवेश
57
सत्रों
में
ही

गया
था.


दूसरा
1
लाख
करोड़
का
निवेश
महज
39
सत्रों
में
ही
पूरा
कर
लिया.


नई
दिल्‍ली.

भारतीय
शेयर
बाजार
(Indian
Share
Market)
में
पहली
बार
एक
अलग
ही
ट्रेंड
दिख
रहा
है.
अभी
तक
होता
ये
था
कि
विदेशी
निवेशकों
के
पैसे
लगाने
पर
घरेलू
निवेशक
भी
निवेश
करते
थे.
लेकिन,
साल
2024
में
घरेलू
निवेशकों
की
‘देशभक्ति’
कुछ
ज्‍यादा
ही
बढ़
गई
है.
उन्‍हें
परवाह
नहीं
कि
विदेशी
निवेशक
पैसे
डाल
रहे
या
नहीं.
आलम
ये
है
कि
साल
के
पहले
5
महीने
में
ही
घरेलू
निवेशकों
ने
इतना
पैसा
बाजार
में
लगा
दिया
जो
पिछले
कई
वर्षों
में
पूरे
साल
में
भी
नहीं
लगाया
था.
यह
अपने
आप
में
एक
रिकॉर्ड
है
और
बाजार
पर
घरेलू
निवेशकों
के
बढ़ते
भरोसे
को
भी
दिखाता
है.

आंकड़ों
से
पता
चलता
है
कि
मई
तक
घरेलू
संस्‍थागत
निवेशकों
(DIIs)
ने
भारतीय
बाजार
में
2
लाख
करोड़
रुपये
से
ज्‍यादा
का
निवेश
किया
है.
घरेलू
निवेशकों
में
म्‍यूचुअल
फंड,
बैंक
और
इंश्‍योरेंस
कंपनियों
सहित
अन्‍य
संस्‍थागत
निवेशक
आते
हैं.
यह
भारतीय
शेयर
बाजार
के
अब
तक
के
इतिहास
में
दूसरी
बार
हुआ
है,
जब
घरेलू
निवेशकों
ने
इतना
ताबड़तोड़
पैसा
लगाया
है.
इससे
पहले
साल
2022
में
ही
2
लाख
करोड़
रुपये
से
ज्‍यादा
का
निवेश
आया,
लेकिन
वह
पूरे
साल
में
आया
था.
इस
बार
2
लाख
करोड़
का
आंकड़ा
महज
5
महीने
में
ही
पार
हो
गया
है.



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ली
गाय,
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3000
करोड़
की
कंपनी


96
सत्रों
में
पार
हो
गया
2
लाख
करोड़

घरेलू
निवेशकों
ने
इस
साल
महज
96
सत्र
में
ही
2
लाख
करोड़
का
आंकड़ा
पार
कर
लिया.
इसमें
से
पहले
1
लाख
करोड़
का
निवेश
57
सत्रों
में
आया
तो
दूसरा
1
लाख
करोड़
39
सत्रों
में
ही
पूरा
कर
लिया.
मार्च
के
बाद
तो
जैसे
तूफान
ही

गया
और
सिर्फ
तीन
महीने
में
ही
1.42
लाख
करोड़
रुपये
का
निवेश
कर
दिया.
मार्च
में
घरेलू
निवेशकों
ने
56,356
करोड़
लगाए
तो
अप्रैल
में
40,720
करोड़
और
मई
में
45,000
करोड़
रुपये
का
निवेश
किया.


भारतीयों
ने
गिरने
नहीं
दिया
बाजार

घरेलू
निवेशकों
की
इस
रणनीति
ने
बाजार
पर
विदेशी
निवेशकों
का
दबाव
बढ़ने
के
बावजूद
बड़ी
गिरावट
नहीं
आने
दी.
2024
की
बात
करें
तो
घरेलू
निवेशकों
ने
2.89
अरब
डॉलर
(करीब
24
हजार
करोड़
रुपये)
की
निकासी
बाजार
से
की
है.
डीएसपी
म्‍यूचुअल
फंड
के
इक्विटी
हेड
विनीत
सांभरे
का
कहना
है
कि
घरेलू
निवेशकों
का
यह
रुख
चुनाव
बाद
स्‍थायी
सरकार
बनने
की
उम्‍मीद
को
लेकर
है.
उनका
मानना
है
कि
स्‍थायी
सरकार
आने
से
बाजार
को
आगे
और
उछाल
पाने
में
मदद
मिलेगी.


सिप
के
जरिये
बढ़ा
निवेश

मिराई
एसेट
इनवेस्‍टमेंट
के
सीईओ
और
वीसी
स्‍वरूप
मोहंती
का
कहना
है
कि
बाजार
में
घरेलू
निवेश
इसलिए
भी
बढ़ा
है,
क्‍योंकि
सिप
के
जरिये
निवेश
में
तेजी
आई
है.
2024
के
5
महीने
में
सिप
के
जरिये
20
हजार
करोड़
का
निवेश
आया
है.
इसके
अलावा
ईपीएफओ,
PMS,
AIF,
बीमा
कंपनियों
की
ओर
से
भी
30
से
32
हजार
करोड़
का
निवेश

चुका
है.


10
साल
में
सिर्फ
एक
बार
निकाला
पैसा

स्‍थायी
सरकार
और
घरेलू
निवेशकों
के
बीच
भरोसे
का
कितना
गहरा
संबंध
है,
इसकी
बानगी
आंकड़ों
में
साफ
दिखती
है.
साल
2014
में
मोदी
की
सरकार
बनने
के
बाद
बीते
10
साल
में
घरेलू
निवेशकों
ने
सिर्फ
एक
बार
निकासी
की
है,
वह
भी
साल
2020
में
जब
कोरोना
की
वजह
से
76
दिन
का
लॉकडाउन
लगा
था.
2022
में
तो
रिकॉर्ड
2.75
लाख
करोड़
रुपये
का
निवेश
आया.
2023
में
भी
1.81
लाख
करोड़
रुपये
घरेलू
निवेशकों
ने
बाजार
में
लगाए.
इससे
पहले
साल
2008
से
2014
तक
7
वर्षों
में
से
4
साल
घरेलू
निवेशकों
ने
बाजार
से
पैसे
निकाले
थे.

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