राजस्थान की उम्मीदों को लगे हैं पंख, एम्स, हाईवे और जानें किस-किसका है इंतजार

राजस्थान की उम्मीदों को लगे हैं पंख, एम्स, हाईवे और जानें किस-किसका है इंतजार


जयपुर.

केन्द्र
की
मोदी
सरकार
आज
अपने
तीसरे
कार्यकाल
का
पहला
बजट
पेश
करने
जा
रही
है.
केन्द्रीय
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
11
बजे
संसद
में
साल
2024
का
देश
का
बजट
पेश
करेंगी.
इस
बजट
से
राजस्थान
को
बड़ी
उम्मीदें
हैं.
ये
उम्मीदें
इसलिए
ज्यादा
जवां
हैं
क्योंकि
करीब
सात
माह
पहले
ही
राजस्थान
में
बीजेपी
ने
सत्ता
संभाली
है.
पूर्व
में
केन्द्र
सरकार
आरोप
लगाती
रही
थी
कि
राजस्थान
की
तत्कालीन
सत्तारुढ़
कांग्रस
सरकार
उसकी
योजनाओं
ने
रुचि
नहीं
लेती
थी.
इसलिए
केन्द्र
की
बड़ी
और
अच्छी
योजनाओं
का
प्रदेश
को
पूरा
लाभ
नहीं
मिल
पा
रहा.
अब
वो
शिकायत
नहीं
है.

अब
राजस्थान
में
बीजेपी
की
सरकार
है.
केन्द्र
में
भी
बीजेपी
गठबंधन
एनडीए
की
सरकार
है.
डबल
इंजन
की
सरकार
होने
से
प्रदेश
को
केन्द्र
के
बजट
से
अच्छा
संबल
मिलेगा.
राजस्थान
की
सत्ता
बीजेपी
को
सौंपने
के
बाद
केन्द्र
की
मोदी
सरकार
भी
सूबे
को
दिल
खोलकर
सौगातें
देंगी.
इसलिए
राजस्थान
के
वांशिदों
को
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
से
खासी
उम्मीदें
हैं.
वे
बेसब्री
से
राजस्थान
को
मिलने
वाली
विकास
की
सौगातों
का
इंतजार
कर
रहे
हैं.


राजस्थान
को
इन
सब
का
है
इंतजार


सबसे
पहले
तो
देश
के
अन्य
भागों
के
लोगों
की
मंशानुरूप
टैक्स
स्लेब
में
राहत
मिले.

राजस्थान
का
आधारभूत
ढांचा
कोई
बहुत
ज्यादा
मजबूत
नहीं
है
उसे
सुदृढ़
किया
जाए.

राजस्थान
में
पेयजल
एक
बहुत
बड़ी
समस्या
है.
इसके
समाधान
के
लिए
ठोस
योजना
लाई
जाए.

राजस्थान
के
मेडिकल
ढांचे
को
सुधारा
जाए
ताकि
यहां
के
वाशिंदे
योजनाओं
के
भ्रमजाल
से
बाहर
निकल
सकें.

सूबे
में
बेरोजगारी
की
दर
खासा
बढ़
रही
है.
युवाओं
को
सरकारी
नौकरी
और
अन्य
क्षेत्रों
में
बेहतर
अवसर
मिले.

राजस्थान
में
अन्य
राज्यों
के
मुकाबले
सड़कें,
राजमार्ग
और
राज्य
मार्ग
कमजोर
हैं.
उनके
लिए
बेहतरीन
योजना
मिले.

राजस्थान
की
दिन
प्रतिदिन
बढ़ती
जनसंख्या
को
देखते
हुए
बेहतर
इलाज
के
लिए
जयपुर
और
उदयपुर
को
एम्स
मिले.

राजस्थान
की
अधिकांश
कृषि
व्यवस्था
बारिश
के
भरोसे
है.
लिहाजा
किसानों
को
संबल
देने
के
लिए
सिंचाई
क्षेत्र
में
काम
हो.

राजस्थान
में
महिलाओं
को
संबल,
सुरक्षा,
आर्थिक
सुरक्षा
और
प्रोत्साहन
देने
वाली
योजनाएं
दी
जाए
ताकि
वे
और
आगे
बढ़
सकें.

महिलाओं,
किसानों
और
ग्रामीण
क्षेत्रों
से
लेकर
कर्मचारी,
कारोबारी,
युवा,
स्टूडेंट्स,
खिलाड़ी
समेत
हर
वर्ग
के
लोगों
को
राहत
की
उम्मीद
है.

राजस्थान
क्षेत्रफल
की
दृष्टि
से
देश
का
सबसे
बड़ा
प्रदेश
है.
यहां
विकास
की
अपार
संभावनाएं
हैं.
इनमें
सोलर
पावर
और
पेट्रोकेमिकल
कॉम्प्लेक्स
जैसे
प्रोजेक्ट
को
केंद्र
के
वित्त-पोषण
के
जरिए
गति
मिले.


इन
क्षेत्रों
को
लेकर
भी
है
उम्मीदें


सूक्ष्म,
लघु
और
मध्यम
उद्योगों
को
अपग्रेडेशन
के
लिए
विशेष
पैकेज
की
उम्मीद.

किसान
सम्मान
निधि
सालाना
6000
रुपये
से
बढ़ाकर
10-12
हजार
रुपये
की
जाए.

मनरेगा
के
तहत
मजदूरी
दिवस
100
से
बढ़ाकर
150
दिन
हों.
मनरेगा
मजदूरों
को
कृषि
क्षेत्र
के
साथ
जोड़ा
जाए.


राजस्थान
की
उम्मीदों
का
पहाड़
काफी
ऊंचा
है

केन्द्र
और
राज्य
में
बीजेपी
की
सरकार
होने
के
कारण
राजस्थान
के
वाशिंदों
की
उम्मीदों
का
पहाड़
काफी
ऊंचा
है.
हालांकि
डबल
इंजन
की
सरकार
आने
के
बाद
राजस्थान
की
बहुप्रतिक्षित
ईआरसीपी
अब
संशोधित
पीकेसी
योजना
के
रूप
में
अपने
कदम
आगे
बढ़ा
चुकी
है.
यह
योजना
राजस्थान
की
23
जिलों
में
पेयजल
और
सिंचाई
की
सुविधाओं
का
बढ़ाने
वाली
है.
इससे
लोगों
को
उम्मीद
बंधी
हुई
है
कि
इस
बार
राजस्थान
केन्द्रीय
वित्त
मंत्री
के
केन्द्र
बिन्दु
में
रहेगा
और
उन्हें
अन्य
राज्यों
के
मुकाबले
कुछ
बेहतर
मिलेगा.


(इनपुट-
हितेन्द्र
शर्मा)

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