शेयर और म्‍यूचुअल फंड पुरानी बात, सेबी ला रहा निवेश का नया ऑप्‍शन

शेयर और म्‍यूचुअल फंड पुरानी बात, सेबी ला रहा निवेश का नया ऑप्‍शन


हाइलाइट्स


सेबी
के
नए
निवेश
विकल्‍प
में
ज्‍यादा
जोखिम
होगा.


इसमें
न्‍यूनतम
10
लाख
रुपये
से
शुरुआत
होगी.


निवेश
की
अधिकतम
सीमा
50
लाख
रुपये
रखी
है.


नई
दिल्‍ली.

शेयर
बाजार
और
म्‍यूचुअल
फंड
में
निवेश
करने
वालों
के
लिए
जल्‍द
एक
नया
ऑप्‍शन
आने
वाला
है.
सेबी
ने
कहा
है
कि
लाखों
रुपये
का
निवेश
करने
वालों
को
नया
विकल्‍प
दिया
जाएगा.
इसमें
न्‍यूनतम
10
लाख
रुपये
से
50
लाख
रुपये
तक
निवेश
किया
जा
सकेगा.
माना
जा
रहा
है
कि
सेबी
का
यह
कदम
फ्यूचर
एंड
ऑप्‍शन
ट्रेडिंग
से
छोटे
निवेशकों
को
दूर
ले
जाने
के
लिए
है.
सेबी
ने
साफ
कहा
है
कि
नए
विकल्‍प
में
छोटे
निवेशकों
को
पैसे
लगाने
का
मौका
नहीं
दिया
जाएगा.

भारतीय
प्रतिभूति
एवं
विनिमय
बोर्ड
(सेबी)
ने
मंगलवार
को
बताया
कि
निवेश
का
नया
उत्पाद
निवेशकों
की
उभरती
श्रेणी
की
जरूरतों
को
पूरा
करने
के
लिए
एक
रेगुलेटेड
जरिया
उपलब्ध
कराएगा.
यह
उत्पाद
अधिक
लचीला
और
उच्च
जोखिम
लेने
की
क्षमता
वाली
विशेषता
से
युक्त
होगा.
इसका
इस्‍तेमाल
ऐसे
निवेशक
कर
सकेंगे
जो
10
लाख
रुपये
से
50
लाख
रुपये
के
बीच
फंड
रखते
हैं.
इसका
मकसद
म्यूचुअल
फंड
और
पोर्टफोलियो
प्रबंधन
सेवाओं
(पीएमएस)
के
बीच
अंतर
को
पाटना
है.



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दूर
रहेंगे
खुदरा
निवेशक

सेबी
के
अनुसार,
परिसंपत्ति
की
नई
श्रेणी
के
तहत
निवेश
के
लिए
न्यूनतम
राशि
10
लाख
रुपये
प्रति
निवेशक
हो
सकती
है.
सेबी
का
कहना
है
कि
यह
सीमा
खुदरा
निवेशकों
को
इस
श्रेणी
में
निवेश
से
हतोत्साहित
करेगी
और
10
लाख
रुपये
से
50
लाख
रुपये
के
बीच
निवेश
योग्य
कोष
वाले
निवेशकों
को
आकर्षित
करेगी.
साथ
ही
वैसे
उत्पाद
में
निवेश
करने
से
रोकेगी,
जो
अनधिकृत
और
गैर-पंजीकृत
पोर्टफोलियो
प्रबंधन
सेवा
प्रदाताओं
की
ओर
जारी
किए
जा
रहे
हैं.


कैसा
होगा
नया
विकल्‍प

सेबी
ने
कहा
है
कि
प्रस्तावित
नए
परिसंपत्ति
वर्ग
का
उद्देश्य
गैर-पंजीकृत
और
अनधिकृत
निवेश
उत्पादों
के
प्रसार
पर
लगाम
लगाना
है.
नए
परिसंपत्ति
वर्ग
को
म्यूचुअल
फंड
(एमएफ)
संरचना
के
तहत
पेश
करने
का
प्रस्ताव
है.
परिसंपत्ति
की
ऐसी
नई
श्रेणी
को
पर्याप्त
रूप
से
प्रभावी
बनाने
के
लिए
विवेकपूर्ण
मानदंडों
में
छूट
दी
जाएगी.


जोखिम
के
साथ
रिटर्न
भी
ज्‍यादा

सेबी
की
ओर
से
जारी
परामर्श
पत्र
में
कहा
गया
है
कि
इस
तरह
की
छूट
से
उत्पाद
से
जुड़े
जोखिम
बढ़
सकते
हैं,
लेकिन
न्यूनतम
निवेश
आकार
पर
उच्च
सीमा
लगाकर
इसे
कम
किया
जा
सकता
है.
निवेशकों
के
पास
नए
परिसंपत्ति
वर्ग
के
तहत
निवेश
रणनीतियों
के
लिए
व्यवस्थित
निवेश
योजना
(एसआईपी)
जैसी
योजनाओं
का
विकल्प
हो
सकता
है.

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