
नई
दिल्ली.
दशकों
से
संसद
की
सुरक्षा
में
तैनात
सीआरपीएफ
की
सोमवार
को
ऑफिशियली
विदाई
हो
रही
है,
इनके
जगह
सीआईएसएफ
(CISF)
के
जवान
सुरक्षा
की
कमान
संभालेंगे.
पिछले
साल
संसद
में
एक
बड़े
सुरक्षा
उल्लंघन
के
लगभग
पांच
महीने
बाद
यह
बड़ा
कदम
उठाया
गया.
13
दिसंबर
को
संसद
की
सुरक्षा
में
बड़ी
चूक
होने
के
बाद
से
ही
बड़े
बदलाव
के
कायास
लगाए
जा
रहे
थे.
मालूम
हो
कि
1,400
से
अधिक
सीआरपीएफ
(CRPF)
के
जवानों
की
जगह
सीआईएसएफ
के
3300
से
अधिक
कर्मी
आतंकवाद
रोधी
तथा
अन्य
सुरक्षा
दायित्वों
की
जिम्मेदारी
अपने
हाथों
में
ले
लेंगे.
आधिकारिक
सूत्रों
ने
कहा
कि
केंद्रीय
रिजर्व
पुलिस
बल
(सीआरपीएफ)
के
संसद
दायित्व
समूह
(पीडीजी)
ने
शुक्रवार
को
परिसर
से
अपना
पूरा
प्रशासनिक
और
अभियानगत
अमला-
वाहन,
हथियार
और
कमांडो
को
हटा
लिया
तथा
इसके
कमांडर
एवं
उपमहानिरीक्षक
रैंक
के
अधिकारी
ने
सभी
सुरक्षा
जिम्मेदारियां
सीआईएसएफ
(CISF)
को
सौंप
दीं.
इसके
बारे
में
जानकारी
देते
हुए
सीनियर
अधिकारी
ने
कहा
कि
पुराने
और
नए
संसद
भवन
तथा
इस
परिसर
में
स्थित
संबंधित
ढांचों
की
सुरक्षा
के
लिए
सीआईएसएफ
के
कुल
3,317
कर्मियों
को
शामिल
किया
जा
रहा
है.
पिछले
साल
13
दिसंबर
को
हुई
सुरक्षा
चूक
की
घटना
के
बाद
सरकार
ने
सीआईएसएफ
(CISF)
को
सीआरपीएफ
(CRPF)
से
सुरक्षा
कार्यभार
संभालने
को
कहा
गया
था.
साल
2001
में
संसद
पर
हुए
आतंकवादी
हमले
की
बरसी
पर
एक
बड़ी
सुरक्षा
चूक
में
13
दिसंबर,
2023
को
शून्यकाल
के
दौरान
दो
व्यक्ति
दर्शक
दीर्घा
से
लोकसभा
कक्ष
में
कूद
गए
थे
और
उन्होंने
कैन
से
पीला
धुआं
छोड़ा
था
तथा
नारेबाजी
की
थी।
इन
लोगों
को
सांसदों
ने
पकड़
लिया
था.
उस
दिन
लगभग
उसी
समय
संसद
परिसर
के
बाहर
दो
अन्य
व्यक्तियों
ने
नारे
लगाते
हुए
कैन
से
रंगीन
धुआं
छोड़ा
था.
घटना
के
तुरंत
बाद,
संसद
परिसर
के
समग्र
सुरक्षा
मुद्दों
को
देखने
और
उचित
सिफारिशें
करने
के
लिए
सीआरपीएफ
महानिदेशक
की
अध्यक्षता
में
एक
समिति
गठित
की
गई
थी.
अधिकारी
ने
नाम
उजागर
न
करने
की
शर्त
पर
बताया
कि
सीआईएसएफ
(CISF)
की
आतंकवाद
रोधी
सुरक्षा
इकाई
सोमवार,
20
मई
को
सुबह
छह
बजे
से
संसद
परिसर
का
पूरा
प्रभार
संभाल
लेगी.
सीआईएसएफ
(CISF)
के
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
कहा
कि
इसके
साथ
ही
अब
तक
संसद
की
संयुक्त
रूप
से
सुरक्षा
करने
वाले
सीआरपीएफ
पीडीजी,
दिल्ली
पुलिस
(लगभग
150
कर्मी)
और
संसद
सुरक्षा
स्टाफ
(पीएसएस)
को
हटा
दिया
गया
है.
उन्होंने
कहा
कि
सीआईएसएफ
के
कर्मी
पिछले
10
दिन
से
परिसर
से
परिचित
होने
का
अभ्यास
कर
रहे
हैं.
स्वागत
कक्ष
क्षेत्र
का
प्रबंधन
करने
वाले
बल
के
पुरुष
तथा
महिला
कर्मियों
को
सफारी
सूट
के
अलावा
हल्के
नीले
रंग
की
पूरी
आस्तीन
वाली
कमीज
और
भूरे
रंग
की
पैंट
वाली
नयी
वर्दी
दी
गई
है.
सीआईएसएफ
कर्मियों
को
संसद
ड्यूटी
के
लिए
भेजे
जाने
से
पहले
सामान
की
जांच,
व्यक्तिगत
तलाशी,
विस्फोटक
सामग्री
का
पता
लगाने
और
इसके
निपटान,
आतंकवाद
रोधी
त्वरित
प्रतिक्रिया,
अचूक
निशानेबाजी
और
सार्वजनिक
बातचीत
एवं
शिष्टाचार
जैसा
प्रशिक्षण
दिया
गया
है.
इन
कर्मियों
ने
हाल
ही
में
राष्ट्रीय
सुरक्षा
गार्ड
(एनएसजी)
के
‘ब्लैक
कैट’
कमांडो
के
साथ
भी
ट्रेनिंग
लिया
है,
जिन्हें
आतंकवादी
हमले
जैसी
स्थिति
से
निपटने
के
लिए
नए
संसद
परिसर
में
भारतीय
वायुसेना
के
हेलीकॉप्टर
से
उतारा
गया
था.
सीआरपीएफ
के
एक
अधिकारी
ने
कहा
कि
17
मई
को
संसद
परिसर
छोड़ने
वाले
पीडीजी
जवानों
ने
देश
के
लोकतंत्र
के
सर्वोच्च
मंदिर
की
‘कुशलतापूर्वक’
सुरक्षा
करने
की
याद
में
सेल्फी
और
तस्वीरें
लीं.
उन्होंने
कहा,
‘2001
के
आतंकवादी
हमले
के
दौरान
सीआरपीएफ
कर्मियों
ने
अन्य
एजेंसियों
के
जवानों
के
साथ
मिलकर
कायरतापूर्ण
हमले
को
विफल
के
लिए
असाधारण
वीरता
का
प्रदर्शन
किया
था.
इस
दौरान
एक
जवान
ने
अपने
प्राणों
की
आहुति
दी
थी.
संसद
की
सुरक्षा
में
अतुलनीय
योगदान
के
लिए
कई
कर्मियों
को
वीरता
पदकों
से
सम्मानित
किया
गया
था.’
2023
में
हुई
सुरक्षा
चूक
के
लिए
वे
जिम्मेदार
नहीं
थे.
सीआरपीएफ
अधिकारी
ने
कहा,
‘पीडीजी
कर्मी
यह
सोचकर
दुखी
हुए
कि
अपना
सर्वश्रेष्ठ
देने
के
बावजूद
उन्हें
यह
दायित्व
छोड़ना
पड़
रहा
है.’
Tags:
CISF,
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FIRST
PUBLISHED
:
May
19,
2024,
19:09
IST