
बेंगलुरु.
कर्नाटक
में
सोमवार
को
187
करोड़
रुपये
के
घोटाले
की
जांच
कर
रहे
प्रवर्तन
निदेशालय
(ईडी)
के
2
अधिकारियों
के
पुलिस
केस
दर्ज
हुआ
है.
उनपर
आरोप
है
कि
राज्य
सरकार
के
एक
अधिकारी
पर
मुख्यमंत्री
सिद्धारमैया
और
वित्त
विभाग
को
‘फंसाने’
के
लिए
दबाव
डाला
जा
रहा
था.
दोनों
अधिकारियों
पर
सामाजिक
कल्याण
विभाग
के
एडिशनल
डायरेक्टर
कलेश
बी
(54)
की
शिकायत
की
शिकायत
पर
विल्सन
गार्डन
पुलिस
ने
मामला
दर्ज
किया
है.
यह
मामसा
कांग्रेस
विधायक
और
पूर्व
आदिवासी
मामलों
के
मंत्री
बी
नागेंद्र
को
स्थानीय
अदालत
द्वारा
न्यायिक
हिरासत
में
भेजे
जाने
के
कुछ
ही
घंटों
बाद
हुआ
है.
पुलिस
ने
जिन
दो
अधिकारियों
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
किया
है
उनकी
पहचान
ईडी
के
सहायक
निदेशक
मुरली
कन्नन
और
उनके
बॉस
मित्तल,
जो
एक
आईआरएस
अधिकारी
हैं,
ने
उनसे
तत्कालीन
मंत्री
नागेंद्र
और
वित्त
विभाग
के
अधिकारियों
का
नाम
बताने
को
कहा,
जिन्होंने
उन्हें
फंड
ट्रांसफर
करने
का
निर्देश
दिया
था.
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
दोनों
अधिकारियों
ने
अपने
पावर
का
प्रयोग
करते
हुए
कहा
कि
अगर
उनका
नाम
नहीं
बताया
तो
ऐसी
आईपीसी
की
धारा
लगाकर
जेल
भेजेंगे
जिसमें
दो
साल
तक
जमानत
नहीं
मिलेगी.
187
करोड़
के
घोटाले
का
है
आरोप
गौरतलब
है
कि
कर्नाटक
सरकार
द्वारा
गठित
विशेष
जांच
दल
के
अलावा,
सीबीआई
भी
187
करोड़
रुपये
के
कथित
गबन
की
जांच
कर
रही
है,
जिसमें
हैदराबाद
स्थित
कंपनियों
को
88
करोड़
रुपये
का
अवैध
ट्रांसफर
भी
शामिल
है.
कल्लेश
ने
कहा
कि
16
जुलाई
को
पूछताछ
के
दौरान
कन्नन
ने
उनसे
17
सवाल
पूछे
और
उन्होंने
तुरंत
उनके
जवाब
दिए.
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
कन्नन
ने
उनसे
मामले
में
पूर्व
मंत्री
बी.
नागेंद्र,
मुख्यमंत्री
सिद्धारमैया
और
वित्त
विभाग
का
नाम
लेने
को
कहा.
सीएम
को
फंसाने
की
घमकी
का
आरोप
इसके
अलावा,
कल्लेश
ने
कहा
कि
मित्तल
ने
कथित
तौर
पर
उन्हें
मामले
में
फंसाने
की
धमकी
दी
और
कहा
कि
अगर
वह
चाहते
हैं
कि
ईडी
उनकी
मदद
करे,
तो
उन्हें
मुख्यमंत्री,
नागेंद्र
और
वित्त
विभाग
का
नाम
लेना
चाहिए.
शिकायतकर्ता
ने
दावा
किया
कि
हालांकि
वह
अपराध
में
शामिल
नहीं
थे,
लेकिन
उन्हें
बुलाया
गया
और
धमकाया
गया
तथा
लिखित
में
देने
के
लिए
कहा
गया
कि
मुख्यमंत्री,
पूर्व
मंत्री
और
वित्त
विभाग
के
अधिकारी
इसमें
शामिल
थे.
(भाषा
इनपुट
के
साथ)
Tags:
Enforcement
directorate,
Karnataka
FIRST
PUBLISHED
:
July
23,
2024,
07:55
IST