सिसोदिया के बाद केजरीवाल केस में ईडी ने दोहराई वो ही बात, AAP को लेकर क्या…


नई
दिल्ली.

सुप्रीम
कोर्ट
में
केंद्रीय
जांच
एजेंसी
ईडी
ने
कहा
कि
वह
दिल्ली
शराब
घोटाले
में
जल्द
ही
आम
आदमी
पार्टी
(AAP)
के
खिलाफ
आरोप
पत्र
दाखिल
करेगी.
ईडी
की
ओर
से
पेश
एएसजी
ने
सुप्रीम
कोर्ट
से
कहा
कि
इस
मामले
में
छह
कंप्लेंट
(चार्ज
शीट)
फाइल
होने
के
काम
के
बाद
दिल्ली
के
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
की
गिरफ्तारी
की
गई.
हम
आम
आदमी
पार्टी
(AAP)
के
खिलाफ
भी
ऐसा
करने
वाले
हैं.
वो
पाइपलाइन
में
है.
कई
आरोपियों
के
खिलाफ
कोर्ट
संज्ञान
ले
चुका
है.
हमारे
पास
उनके
खिलाफ
साक्ष्य
हैं.
इस
स्तर
पर
साक्ष्यों
की
विश्वसनीयता
नहीं
मापी
जा
सकती.

ईडी
की
ओर
से
एएसजी
ने
कहा
कि
सबसे
महत्वपूर्ण
बात
है
कि
सौ
करोड़
रुपये
की
रिश्वत
मांगी
गई.
वो
पैसा
अलग-अलग
जगह
गया.
गोवा
के
चुनाव
में
प्रयोग
हुआ.
ना
केवल
रिश्वत
की
रकम
की
जानकारी
हमारे
पास
है,
हमारे
पास
इस
बात
का
भी
सबूत
है
कि
गोवा
में
वो
सात
सितारा
होटेल
में
रुके
थे.
जिसका
बिल
लाखों
रुपये
में
था.
इसका
भुगतान
चमनप्रीत
सिंह
ने
किया
था.
सौ
करोड़
रुपये
में
से
45
करोड़
रुपये
इसी
चमनप्रीत
सिंह
ने
हैंडल
किए
थे.
ईडी
ने
सुप्रीम
कोर्ट
को
बताया
कि
AAP
को
भी
जल्द
ही
आरोपी
बनाया
जाएगा.


ईडी
ने
हाईकोर्ट
में
भी
यही
कहा
था

दो
दिन
पहले
मनीष
सिसोदिया
की
जमानत
याचिका
की
सुनवाई
के
दौरान
ईडी
ने
दिल्ली
हाईकोर्ट
में
भी
यही
बात
कही
थी.
एएसजी
ने
इसके
बारे
में
एमएसआर
के
बयान
का
हवाला
दिया.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
लेकिन
इस
गवाह
ने
पहले
कहा
था
कि
वो
किसी
जमीन
के
सिलसिले
में
मिलने
गया
था.
इस
पर
एएसजी
ने
कहा
कि
जांच
अधिकारी
के
पास
उसके
उस
बयान
पर
विश्वास
नहीं
करने
के
कारण
थे.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
क्या
हमने
फाइल
मांगी
थी,
क्या
वो
यहां
है.
इस
पर
एएसजी
ने
कहा
कि
वो
फाइल
है.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
उसको
हम
आज
देखेंगे.



स्‍वात‍ि
मालीवाल
के
घर
अचानक
क्‍यों
पहुंची
द‍िल्‍ली
पुल‍िस,
कैसे
बढ़
सकती
है
केजरीवाल
के
PA
बिभव
की
मुसीबत?

सिसोदिया के बाद... अब केजरीवाल केस की हियरिंग पर ईडी ने दोहराई वो ही बात, AAP को लेकर क्या बोली जांच एजेंसी


सुप्रीम
कोर्ट
देखेगा
फाइल

एएसजी
ने
कहा
कि
जांच
अधिकारी
अपने
हिसाब
से
देख
सकता
है
कि
एमएसआर
का
केजरीवाल
से
मिलने
का
पहला
कारण
जो
बताया
वो
सही
है
या
दूसरा.
कोर्ट
ये
नहीं
कह
सकता
कि
आप
इस
पर
विश्वास
करो
या
उस
पर.
इस
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
तो
जांच
अधिकारी
ने
फाइल
में
वो
कारण
लिखा
है
क्या,
जिसके
आधार
पर
उसे
विश्वास
हुआ
कि
पहला
बयान
ठीक
नहीं
है.
एएसजी
ने
कहा
कि
नहीं
ये
फाइल
में
नहीं
है.
इस
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
पूछा
कि
जांच
अधिकारी
इस
नतीजे
पर
कैसे
पहुंचा
कि
पहले
वाले
बयान
पर
विश्वास
नहीं
किया
जा
सकता.

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