22 लाख छात्रों का क्‍या होता है? CJI चंद्रचूड़ ने पूछे एक के बाद कई सवाल

22 लाख छात्रों का क्‍या होता है? CJI चंद्रचूड़ ने पूछे एक के बाद कई सवाल


NEET
UG
2024:

सुप्रीम
कोर्ट
ने
18
जुलाई
को
मेडिकल
कॉलेजों
में
एडमिशन
के
लिए
अखिल
भारतीय
परीक्षा
में
व्यापक
अनियमितताओं
के
आरोपों
के
बाद
NEET-UG
2024
परीक्षा
को
रद्द
करने
की
मांग
करने
वाली
कई
याचिकाओं
पर
सुनवाई
की.
सुप्रीम
कोर्ट
के
चीफ
जस्टिस
(CJI)
डीवाई
चंद्रचूड़
की
अगुवाई
वाली
पीठ
ने
याचिकाकर्ताओं
से
कहा
है
कि
हमें
दिखाएं
कि
लीक
इतना
व्यवस्थित
है
और
इसने
पूरे
देश
में
परीक्षा
को
इस
तरह
प्रभावित
किया
है
कि
परीक्षा
रद्द
करनी
पड़ी.
अगर
हम
दोबारा
परीक्षा
के
लिए
सहमत
नहीं
हैं
तो
हम
जानना
चाहेंगे
कि
किस
अन्य
जांच
की
जरूरत
है.
इसके
अलावा
सुनवाई
के
दौरान
क्या-क्या
चर्चा
हुई
है
इसके
बारे
में
नीचे
विस्तार
से
पढ़
सकते
हैं.

CJI
ने
अभी
कहा
कि
लाखों
बच्चे
इंतज़ार
कर
रहे
हैं.
NEET
मामले
को
आज
सुनेंगे.
SG:
कल
भी
सुन
सकते
हैं.
CJI:
नहीं
आज
ही
शुरू
कर
देंगे.
SG: 
सीबीआई
ने
इस
मामले
में
एक
और
स्टेट्स
रिपोर्ट
दाखिल
की
है.
CJI:
हमने
पढ़ी
है.
CJI

CBI
जांच
चल
रही
है.
जो
CBI
ने
हमें
बताया
है,
वो
बताया
नहीं
जा
सकता.
इससे
जांच
पर
असर
पड़ेगा.
CJI
बचाव
पक्ष
के
वकील
से

आपको
हमें
बताना
होगा
कि
लीक
इतना
सिस्टमैटिक
था
कि
उससे
पूरी
परीक्षा
रद्द
करने
की
ज़रूरत
होगी.

याचिकाकर्ता
के
सीबीआई
की
स्टेट्स
रिपोर्ट
मांग
पर
CJI
का
बयान
CJI
ने
कहा
की
इस
मामले
में
जांच
जारी
हैं,
सीबीआई
ने
जो
हमें
बताया
है
अगर
वो
सार्वजनिक
होता
है
तो
लोग
(जांच
के
दायरे
में)
सावधान
हो
जाएंगे.
CJI
ने
याचिकाकर्ता
को
कहा
की
आप
हमें
संतुष्ट
करिए
की
पेपर
लीक
बड़े
पैमाने
पर
हुआ
और
परीक्षा
रद्द
होनी
चाहिए.
दूसरी
इस
मामले
में
जांच
की
दिशा
क्या
होना
चाहिए
वो
भी
हमें
बताएं.
उसके
बाद
हम
SG
को
सुनेंगे.

याचिकाकर्ता
ने
कहा
की
NTA
ने
100
लोगों
का
रिजल्ट
घोषित
किया
है.
जबकि
दूसरी
परीक्षाओं
में
पूरे
रिजल्ट
घोषित
होते
है.
CJI
ने
पूछा
सरकारी
कॉलेजों
में
कितनी
सीट
है.
याचिकाकर्ता
ने
कहा
56
हजार
सीटें
है.
CJI
ने
पूछा
क्या
आपके
हिसाब
से
कुछ
लोग
1
लाख
8
हजार
के
कैटेगरी
में

गए
है?
CJI
ने
कहा
की
अगर
1
लाख
8
हजार
लोगों
को
एडमिशन
मिलता
है
और
बाकी
के
22
लाख
लोगों
को
दाखिला
नहीं
मिलता
तो
इसका
मतलब
ये
तो
नही
की
पूरी
परीक्षा
को
रद्द
कर
दिया
जाए?
CJI:
आप
(याचिकाकर्ता)
पहले
फैक्ट्स
पर
बात
करें.
1
लाख
8
हजार
में
से
कितने
याचिकाकर्ता
है?
CJI:
इस
मामले
में
सबसे
कम
अंक
पाने
वाले
छात्र
जो
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिकाकर्ता
है
उनका
मार्क्स
कितना
है?
SG:
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दाखिल
कर
131
छात्र
दुबारा
परीक्षा
चाहते
है.
वही
254
सुप्रीम
कोर्ट
में
वो
छात्र
है
जो
दुबारा
परीक्षा
के
खिलाफ
है.
याचिकाकर्ता:
164
अंक
अगर
आप
आते
है
तो
आप
पास
हो
जाते
हो.
लेकिन
एडमिशन
सीट
के
हिसाब
से
मिलता
है.

याचिकाकर्ता
ने
कहा
कि
IIT
मद्रास
का
एक
निदेशक
NTA
के
गवर्निंग
बॉडी
में
है?
याचिकाकर्ता
ने
कहा
अगर
23
लाख
लोगों
के
लिए
डेटा
एनालिटिक्स
करना
है
तो
किस
स्टेज
पर
किया
जाएगा.
अगर
10,000
या
20,000
लोग
इसमें
घुसा
दिए
गए
हैं
तो
आप
कोई
गड़बड़ी
नहीं
पकड़
सकते
हैं.
सही
प्रक्रिया
तो
यही
थी
कि
इस
प्रक्रिया
को
1
लाख
8
हजार
लोगों
पर
लागू
किया
जाता.

IIT
मद्रास
की
रिपोर्ट
पर
भरोसा
नहीं
कर
सकते?
याचिकाकर्ता
ने
कहा
की
IIT
मद्रास
की
रिपोर्ट
पर
भरोसा
नही
कर
सकते
हैं.
CJI
ने
पूछा
क्या
आईआईटी
मद्रास
में
काम
करने
वाला
कोई
NTA
का
पार्ट
है.
इस
पर
SG
ने
कहा
की
वर्तमान
में
काम
करने
वाला
कोई
नही
है.

SG:
आईआईटी
JEE
का
पूर्व
सदस्य
NTA
का
सदस्य
है.
CJI:
NTA
की
भूमिका
आईआईटी
JEE
में
क्या
भूमिका
है.
SG:
कुछ
नहीं
SG:
IIT
मद्रास
के
डायरेक्टर
NTA
एक्स
ऑफिशियो
सदस्य
होते
हैं.
लेकिन
उन्होंने
किसी
दूसरे
को
इसके
लिए
नियुक्त
किया
था.
CJI:
आईआईटी
मद्रास
की
रिपोर्ट
में
क्या
कुछ
कहा
गया
है
वो
बताया
जाए.

याचिकाकर्ता:
एनटीए
और
सरकार
अंकों
में
तेजी
से
हुई
वृद्धि
के
लिए
दो
कारण
बता
रहे
हैं

एक,
पाठ्यक्रम
में
कमी.
दूसरा,
उम्मीदवारों
में
वृद्धि.
लेकिन
NTA
द्वारा
अपने
जवाब
में
पूरी
जानकारी
नहीं
दी
गई
है.
पाठ्यक्रम
में
भी
वृद्धि
हुई
है.

याचिकाकर्ता
के
वकील:
सिलेबस
में
बढ़ोतरी
और
कमी
दोनों
हुई
है.
NTA
सिलेबस
में
बढ़ोतरी
की
बात
नहीं
कर
रहा
है.
मैं
बढ़ा
हुआ
पाठ्यक्रम
दिखा
सकता
हूं.

याचिकाकर्ता
के
वकील:
अंकों
में
बढ़ोतरी
की
बात
स्वीकार
की
गई
है,
लीक
की
बात
स्वीकार
की
गई
है.
ग्राफ
मैप
में
इस
बात
का
संकेत
नहीं
है
कि
कोई
असामान्यता
नहीं
है.
क्योंकि,
डेटा
बहुत
बड़ा
है,
जिसे
पकड़ा
नहीं
जा
सकता.
23
लाख
अभ्यर्थियों
के
इस
बड़े
डेटा
में
बारीक
भिन्नता
नहीं
पकडी
जा
सकती.

याचिकाकर्ता:
571
शहरों
की
बात
कही
जा
रही
हैं.
NTA
का
कहना
हैं
कि
टॉपर्स
अलग
अलग
शहरों
से
हैं.
लेकिन
जो
डेटा
देते
हैं,
वह
सिर्फ़
17
छात्रों
का
है.
वे
क्यों
पीछे
हट
रहे
हैं?
अगर
उन्होंने
टॉप
100
की
लिस्ट
दी
है,
तो
उन्हें
सिर्फ़
17
नहीं,
बल्कि
टॉप
100
के
बारे
में
भी
बताना
चाहिए.

याचिकाकर्ता:
IIT
मद्रास
की
रिपोर्ट
कहती
है
कि
23
लाख
छात्रों
के
डेटा
के
एनालिसिस
पर
शेप
का
कर्व
बन
रहा
इसलिए
कोई
गड़बड़
या
लीक
नहीं
हुआ
है.
लेकिन
इतने
बड़े
डेटा
में
लीक
और
गड़बड़ियां
इतने
सूक्ष्म
स्तर
पर
हुई
हैं
कि
उसे
इतनी
आसानी
से
नहीं
पकड़ा
जा
सकता
है.

वकील
हुड्डा:
बहादुरगढ़
में
एक
हरदयाल
स्कूल
था.
8
छात्र
अंदर
गए
और
केनरा
बैंक
से
प्रश्नपत्र
लिए
गए
हैं.
यह
यहां
दर्ज
नहीं
है.
⁠यह
एक
गंभीर
बात
है.
⁠एनटीए
ने
कभी
इसका
खुलासा
नहीं
किया
कि
हरदयाल
स्कूल
झज्जर
में
केनरा
बैंक
से
प्रश्नपत्र
बिना
किसी
देरी
के
वितरित
किया
गया
था.
प्रिंसिपल
ने
वीडियो
पर
कहा
कि
पेपर
एसबीआई
और
केनरा
से
लिया
गया
था
और
केनरा
बैंक
का
पेपर
वितरित
किया
गया
था.
इसका
कभी
खुलासा
नहीं
किया
गया.

याचिकाकर्ता:
571
शहरों
की
बात
कही
जा
रही
हैं.
NTA
का
कहना
हैं
कि
टॉपर्स
अलग
अलग
शहरों
से
हैं.
लेकिन
जो
डेटा
देते
हैं,
वह
सिर्फ़
17
छात्रों
का
है.
वे
क्यों
पीछे
हट
रहे
हैं?
अगर
उन्होंने
टॉप
100
की
लिस्ट
दी
है,
तो
उन्हें
सिर्फ़
17
नहीं,
बल्कि
टॉप
100
के
बारे
में
भी
बताना
चाहिए.

CJI:
क्या
टॉप
रैंक
वाला
छात्र
गुंटूर
से
है?
SG:
हां

याचिकाकर्ता:
जयपुर
के
नौ
लोग
हैं,
जिन्हें
आईआईटी
ने
अपनी
रिपोर्ट
में
शामिल
नहीं
किया
है.
याचिकाकर्ता:
बहादुरगढ़
के
हरदयाल
स्कूल
की
अलग
कहानी
है…वहां
6
लोग
थे…बहादुरगढ़
में
जो
हुआ
वो
चौंकाने
वाला
है.
एनटीए
ने
कभी
नहीं
बताया
कि
कैनरा
बैंक
से
लिया
गया
प्रश्नपत्र
वितरित
किया
गया.
कोई
देरी
नहीं
हुई.
स्कूल
के
प्रिंसिपल
ने
ऑन
रिकॉर्ड
बताया
है
कि
उन्होंने
एसबीआई
और
कैनरा
बैंक
से
प्रश्नपत्र
एकत्र
किए.
SG:
यह
एक
अलग
मुद्दा
है…

NTA
ने
कहा
कि
देश
भर
के
टॉप
100
छात्रों
का
एनालिसिस
हुआ
है,
टॉपर्स
अलग
अलग
सेंटर
के
हैं.
याचिकाकर्ता:
पायथन
सॉफ्टवेयर
पेपर
लीक
की
गड़बड़ी
नहीं
पकड़
सकता
क्योंकि
IIT
ने
एनालिसिस
के
लिए
बेसिक
नंबर
23
लाख
रखा
जबकि
इसे
1
लाख
8
हजार
रखना
चाहिए
था.
इतने
बड़े
आंकड़े
में
गलती
नहीं
पकड़ी
जा
सकती
है.

Tags:

DY
Chandrachud
,

Justice
DY
Chandrachud
,

NEET
,

Neet
exam
,

Supreme
Court