
नई
दिल्ली:
कांग्रेस
के
तारणहार
कहे
जाने
वाले
डीके
शिवकुमार
74
करोड़
के
चक्कर
में
अभी
फंसे
रहेंगे.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
डीके
शिवकुमार
को
झटका
दिया
है
और
सीबीआई
जांच
पर
अपनी
भी
मुहर
लगा
दी
है.
कर्नाटक
के
डिप्टी
सीएम
डीके
शिवकुमार
ने
अपने
खिलाफ
सीबीआई
की
एफआईआर
को
चुनौती
दी
थी.
मगर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
आय
से
अधिक
संपत्ति
मामले
में
उनकी
याचिका
खारिज
कर
दी.
डीके
शिवकुमार
ने
सुप्रीम
कोर्ट
के
इस
फैसले
को
अनुचित
बताया
है.
उन्होंने
कहा
कि
यह
अन्याय
है.
कुछ
भी
गलत
नहीं
किया
है
और
शीर्ष
अदालत
के
आदेश
का
पालन
करेंगे.
अंग्रेजी
चैनल
एनडीटीवी
से
बात
करते
हुए
कांग्रेस
के
संकटमोचक
कहे
जाने
वाले
डीके
शिवकुमार
ने
कहा,
‘यह
एक
झटका
है.
अब
क्या
किया
जा
सकता
है?
यह
अनुचित
(अनफेयर)
है.’
उन्होंने
कहा,
‘मैं
सभी
कानूनी
पहलुओं
को
देखूंगा
और
अपील
कैसे
दायर
कर
सकता
हूं,
यह
भी
देखूंगा.
सब
जानते
हैं
कि
कैसे
राजनीतिक
और
बदले
की
भावना
से
मेरे
साथ
यह
सब
हो
रहा
है…
जब
बीजेपी
की
सरकार
थी
तो
उन्होंने
सीबीआई
को
एफआईआर
दर्ज
करने
की
इजाजत
दी.
मैंने
इसे
रद्द
करने
के
लिए
कहा
था
लेकिन
उन्होंने
कहा
कि
वे
ऐसा
नहीं
कर
सकते.’
सुप्रीम
कोर्ट
से
लगा
झटका
समाचार
एजेंसी
पीटीआई
के
मुताबिक,
डीके
शिवकुमार
ने
कहा
कि
उन्होंने
कुछ
भी
गलत
नहीं
किया
है
और
शीर्ष
अदालत
के
आदेश
का
पालन
करेंगे.
शिवकुमार
ने
याद
दिलाया
कि
राज्य
सरकार
ने
उनके
खिलाफ
मुकदमा
चलाने
के
लिए
सीबीआई
को
दी
गई
मंजूरी
वापस
ले
ली
है
और
मामला
लोकायुक्त
को
सौंप
दिया
है,
इसलिए
सीबीआई
जांच
नहीं
कर
सकती.
डीके
शिवकुमार
कर्नाटक
प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
भी
हैं.
सुप्रीम
कोर्ट
में
जस्टिस
बेला
एम
त्रिवेदी
और
जस्टिस
एस
सी
शर्मा
की
पीठ
ने
कहा
कि
वह
कर्नाटक
हाईकोर्ट
के
आदेश
में
हस्तक्षेप
करने
को
इच्छुक
नहीं
है.
पीठ
ने
कहा,
‘सॉरी.
हम
याचिका
खारिज
करते
हैं.’
DK
शिवकुमार
हाजिर
हो…
SC
में
जैसे
लगी
आवाज,
भरी
अदालत
में
बोले
जज
साहब-
सॉरी,
आपकी…
‘मैंने
कुछ
गलत
नहीं
किया
है’
इसके
बाद
डीके
शिवकुमार
ने
कहा,
‘हमने
एफआईआर
रद्द
किये
जाने
का
आग्रह
किया
था.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
यह
नहीं
किया
जा
सकता.
मैंने
अपील
दायर
की
और
अब
मुझे
यह
संदेश
मिला
कि
उन्होंने
(सुप्रीम
कोर्ट)
भी
कहा
है
कि
यह
नहीं
किया
जा
सकता.
अदालत
जो
कुछ
कह
रही
है,
उसका
पालन
करूंगा.’
उन्होंने
कहा,
‘जांच
तो
होगी
ही.
सीबीआई
को
जांच
नहीं
करनी
चाहिए,
यह
कहने
के
बावजूद
वह
जांच
कर
रही
है.
लोकायुक्त
भी
जांच
कर
रहे
हैं.
उन्हें
करने
दीजिए,
मैंने
कुछ
गलत
नहीं
किया
है.’
‘आदेश
का
पालन
करना
होगा’
शिवकुमार
ने
सीबीआई
के
जांच
जारी
रखने
का
जिक्र
करते
हुए
कहा,
‘जब
हमारी
सरकार
ने
(मुकदमा
चलाने
की
मंजूरी)
वापस
ले
ली
और
मामला
लोकायुक्त
को
सौंप
दिया
गया,
तो
सीबीआई
जांच
नहीं
कर
सकती.
लेकिन
वे
(सीबीआई)
अदालत
चले
गए….
मेरी
संपत्ति
और
देनदारियों
का
विवरण,
जो
भी
आवश्यक
होगा
मैं
दूंगा.’
यह
पूछे
जाने
पर
कि
क्या
यह
इरादतन
किया
जा
रहा
है,
उन्होंने
कहा,
‘मैं
अदालती
विषयों
पर
कैसे
बोल
सकता
हूं?
अदालत
के
आदेश
का
पालन
करना
होगा.’
डीके
शिवकुमार
पर
क्या
है
मामला
दरअसल,
सुप्रीम
कोर्ट
,
कर्नाटक
हाईकोर्ट
के
19
अक्टूबर
2023
के
उस
आदेश
के
खिलाफ
डीके
शिवकुमार
की
याचिका
पर
सुनवाई
कर
रही
थी,
जिसमें
उनकी
अर्जी
खारिज
कर
दी
गई
थी.
कर्नाटक
हाईकोर्ट
ने
सीबीआई
को
जांच
पूरी
करने
और
तीन
महीने
के
अंदर
रिपोर्ट
सौंपने
का
निर्देश
दिया
था.
सीबीआई
ने
आरोप
लगाया
है
कि
डीके
शिवकुमार
ने
2013
से
2018
के
बीच
अपनी
आय
के
ज्ञात
स्रोत
से
अधिक
संपत्ति
अर्जित
की.
यह
केस
करीब
74
करोड़
का
है.
वह
इस
अवधि
के
दौरान
पूर्ववर्ती
कांग्रेस
सरकार
में
मंत्री
थे.
एफआईआर
3
सितंबर
2020
को
सीबीआई
द्वारा
दर्ज
की
गई
थी.
शिवकुमार
ने
प्राथमिकी
को
2021
में
उच्च
न्यायालय
में
चुनौती
दी
थी.
Tags:
DK
Shivakumar,
Karnataka
News,
Supreme
Court
FIRST
PUBLISHED
:
July
16,
2024,
08:06
IST