गुवाहाटी.
असम
में
बाढ़
की
स्तिथी
दिन
प्रतिदिन
गंभीर
होती
जा
रही
है.
शुक्रवार
को
ताजा
मिले
रिपोर्ट
की
मानें
तो
बाढ़
की
वजह
से
कम
से
कम
छः
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है.
चक्रवात
रेमल
की
वजह
से
राज्य
में
लगातार
बारिश
से
11
जिलों
में
3.50
लाख
से
अधिक
लोग
प्रभावित
हुए
हैं.
जिन
जिलों
में
लोगों
की
मौत
हुईं-
कछार
में
तीन,
हैलाकांडी
में
दो
और
कार्बी
आंगलोंग
में
एक.
राज्य
में
28
मई
से
बाढ़,
बारिश
और
तूफान
के
कारण
मरने
वालों
की
कुल
संख्या
12
हो
गई
है.
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
ने
असम
को
बाढ़
की
इस
स्थिति
से
निपटने
के
लिए
केन्द्र
की
ओर
से
मदद
का
आश्वासन
दिया
है,
जबकि
केन्द्रीय
गृह
मंत्री
अमित
शाह
ने
राज्य
में
बाढ़
की
स्थिति
के
बारे
में
जानकारी
लेने
के
लिए
मुख्यमंत्री
हिमंत
विश्व
शर्मा
से
फोन
पर
बात
की.
असम
के
मुख्यमंत्री
शर्मा
ने
शाह
से
हुई
बातचीत
का
ब्योरा
देते
हुए
‘एक्स’
पर
एक
पोस्ट
में
कहा,
‘माननीय
गृह
मंत्री
अमित
शाह
जी
ने
चक्रवात
रेमल
के
प्रभाव
के
बाद
असम
के
विभिन्न
हिस्सों
में
बाढ़
की
स्थिति
के
बारे
में
जानकारी
लेने
के
लिए
मुझसे
फोन
पर
बात
की.’
शर्मा
ने
कहा,
‘हम
उनके
(शाह)
सक्रिय
प्रयासों
के
लिए
आभारी
हैं.
शाह
ने
हमें
इस
कठिन
समय
में
भारत
सरकार
की
ओर
से
पूर्ण
सहयोग
का
आश्वासन
दिया
है.
हम
उनके
सक्रिय
प्रयासों
के
लिए
आभारी
हैं.’
अधिकारियों
ने
बताया
कि
कार्बी
आंगलोंग,
धेमाजी,
होजाई,
कछार,
करीमगंज,
डिब्रूगढ़,
नागांव,
हैलाकांडी,
गोलाघाट,
पश्चिम
कार्बी
आंगलोंग
और
दीमा
हसाओ
जिलों
में
बाढ़
के
कारण
कुल
3,49,045
लोग
प्रभावित
हुए
हैं.
कछार
जिला
सबसे
अधिक
प्रभावित
है,
जहां
1,19,997
लोग
प्रभावित
हुए
हैं,
इसके
बाद
नागांव
(78,756),
होजाई
(77,030)
और
करीमगंज
(52,684)
हैं.
कुल
28,317
प्रभावित
लोगों
ने
187
राहत
शिविरों
में
शरण
ली
है,
जिनमें
कछार
में
15,626,
होजाई
में
5,308,
करीमगंज
में
3,937
और
हैलाकांडी
में
2,706
लोग
शामिल
हैं.
बचाव
दलों
ने
615
लोगों
को
सुरक्षित
स्थानों
पर
पहुंचाया,
जिनमें
होजाई
में
255,
कछार
में
152,
करीमगंज
में
90
और
नागांव
में
75
लोग
शामिल
हैं.
बाढ़
के
पानी
ने
11
सड़कों
को
भी
क्षतिग्रस्त
कर
दिया
और
तीन
तटबंधों
को
तोड़
दिया,
जबकि
कामरूप,
कछार
और
जोरहाट
से
शहरी
बाढ़
की
खबरें
आईं.
असम
में
बराक
नदी
के
खतरे
के
निशान
से
ऊपर
बहने
से
बराक
घाटी
में
रेल
और
सड़क
संपर्क
बुरी
तरह
प्रभावित
हुआ
है
और
सिलचर
के
कई
क्षेत्रों
में
बाढ़
आ
गयी
है।
चक्रवात
रेमल
के
फलस्वरूप
भारी
वर्षा
होने
से
स्थिति
बिगड़
गयी
है.
सिलचर
के
तारापुर
इलाके
में
नदी
के
समीप
स्थित
रेलवे
स्टेशन
पानी
में
डूब
गया
है
जिससे
रेलवे
परिचालन
काफी
बाधित
हो
गया
है.
पूर्वोत्तर
सीमांत
रेलवे
के
एक
प्रवक्ता
के
अनुसार
बराक
घाटी
के
एक
महत्वपूर्ण
केंद्र
सिलचर
से
कई
ट्रेन
रद्द
कर
दी
गयी
हैं
जबकि
कई
ट्रेन
को
गंतव्य
से
पहले
रोक
दिया
गया
है.
सिलचर-गुवाहाटी
एक्सप्रेस
और
सिलचर-रांगिया
एक्सप्रेस
को
दोनों
तरफ
से
शुक्रवार
एवं
शनिवार
के
लिए
रद्द
कर
दिया
गया
है.
जुगीजान
और
जमुनामुख
के
बीच
जलस्तर
काफी
बढ़
जाने
के
कारण
एवं
गति
संबंधी
प्रतिबंध
के
चलते
छह
और
ट्रेन
रद्द
रहेंगी.
तिरूवनंतपुम
सेंट्रल-सिलचर
एक्सप्रेस
अब
गुवाहाटी
तक
ही
आयेगी.
सियालदह
-अगरतला
कंचनजंघा
एक्सप्रेस
भी
गंतव्य
से
पहले
ही
रुक
जायेगी.
अगरतला
सिकंदराबाद
स्पेशल
गुवाहाटी
तक
ही
आयेगी.
भारत
मौसम
विज्ञान
विभाग
(आईएमडी)
के
अनुसार
चक्रवात
रेमल
के
प्रभाव
के
कारण
दक्षिण-पश्चिम
मानसून
अपने
निर्धारित
समय
से
पहले
असम
और
पूर्वोत्तर
क्षेत्र
के
अन्य
हिस्सों
में
प्रवेश
कर
गया
है.
आईएमडी
ने
अगले
दो
दिनों
में
गोलपाड़ा,
बोंगाईगांव,
सोनितपुर,
बिश्वनाथ,
डिब्रूगढ़,
करीमगंज,
कछार,
हैलाकांडी,
दीमा
हसाओ,
धुबरी
और
दक्षिण
सलमारा
जिलों
में
भारी
बारिश
और
तूफान
की
चेतावनी
जारी
की
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
May
31,
2024,
23:34
IST