Budget 2024: हिमाचल को फिर मिलेगी निराशा? बजट से क्या उम्मीद लगाए बैठे हैं CM सुक्खू

Budget 2024: हिमाचल को फिर मिलेगी निराशा? बजट से क्या उम्मीद लगाए बैठे हैं CM सुक्खू


हमीरपुर
.
मोदी
सरकार
3.0
में
मंत्री
निर्मला
सीतारमण

(Nirmala
Sitarama
2024)

मंगलवार
को
बजट
पेश
करने
जा
रही
हैं.
ऐसे
में
पूरे
देश
की
निगाहें
उनपर
टिकी
हुई
हैं.
हिमाचल
प्रदेश
बजट
पर
नजरें
गड़ाए
हुए
है
और
उम्मीद
है
कि
पिछले
दो
बजट
में
निराश
रहे
हिमाचल
प्रदेश

(Himachal
Pradesh)

को
कुछ
ना
कुछ
वितमंत्री
के
पिटारे
से
मिलेगा.
हिमाचल
प्रदेश
को
रेल
लाइन,
टूरिज्म
सेक्टर
को
लेकर
कुछ
ना
कुछ
घोषणा
होने
की
उम्मीद
है.

हिमाचल
प्रदेश
के
सीएम
सुखविंदर
सिंह
सुक्खू
ने
एक
बयान
में
कहा
कि
बीते
मॉनसून
सीजन
में
10
हजार
करोड़
रुपये
से
अधिक
की
संपत्ति
को
नुकसान
पहुंचा
था
और
ऐसे
में
हिमाचल
सरकार
केंद्र
से
ब्याज
मुक्त
लोन
की
उम्मीद
कर
रही
है.
साथ
ही
हिमाचल
सरकार
कांगड़ा
के
गग्गल
एयरपोर्ट
के
लिए
3500
करोड़
रुपये
की
मांग
भी
कर
रहा
है.
हालांकि,
केंद्रीय
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
के
साथ
प्री-बजट
कंसल्टेशन
मीटिंग
में
सीएम
सुखविंदर
सिंह
सुक्खू
शामिल
नहीं
हुए
थे
और
 उनके
स्थान
पर
उद्योग
मंत्री
हर्षवर्धन
चौहान
गए
थे.
उन्होंने
केंद्रीय
वित्त
मंत्री
से
मुलाकात
कर
सात
मांगें
रखी
थी,
जिनमें
रेल
कनेक्टिविटी,
इन्फ्रास्ट्रक्चर
के
अलावा
सेब
उत्पाद
शुल्क
जैसे
मामले
शामिल
थे.

उधऱ,
हमीरपुर 
में
लोगों
ने
भी
अपनी
राय
बजट
को
लेकर
रखी.
हमीरपुर
नगर
परिषद
के
पूर्व
अध्यक्ष
दीप
बजाज
ने
कहा
कि
मोदी
सरकार
के
तीसरे
कार्यकाल
का
पहला
बजट
है
और
इस
बार
का
बजट
किसान
और
बेरोजगारों
के
लिए
होगा.
स्थानीय
युवा
मुन्ना
का
कहना
है
कि
इससे
पहले
हम
मोदी
सरकार
के
दो
बजट
देख
चुके
हैं,
मगर
हिमाचल
के
लिए
कुछ
खास
नहीं
रहा
था.
उन्होंने
कहा
कि
हिमाचल
प्रदेश
में
युवाओं
को
रोजगार
मिलना
चाहिए
और
उन्होंने
कहा
कि
अग्निवीर
योजना
में
भी
संशोधन
होना
चाहिए.
साथ
ही
अग्निवीरों
को
शहीद
का
दर्जा
भी
मिलना
चाहिए.

स्थानीय
दुकानदार
जसवंत
का
कहना
है
कि
केंद्र
सरकार
ऑनलाइन
बिजनेस
पर
रोक
लगाए.
क्यों
कि
इससे
व्यापारी
और
छोटे.छोटे
दुकानदारों
की
आय
कम
हो
रही
है.
जब
से
ऑनलाइन
बिजनेस
आया
है,
तब
से
छोटे
दुकानदारों
का
कामकाज
ठप
हो
गया
है.
स्थानीय
दुकानदार
सुरेंद्र
का
कहना
है
कि
हिमाचल
प्रदेश
को
स्पेशल
स्टेट
का
दर्जा
मिलना
चाहिए
और
बढ़ती
बेरोजगारी
को
देखते
हुए
यहां
पर
इंडस्ट्री
को
भी
बढ़ावा
देना
चाहिए.
जोगिंदर
ने
कहा
कि
लोगों
को
रोजगार
उपलब्ध
होना
चाहिए.
इसके
अलावा,
सुभाष
वर्मा
का
कहना
था
है
कि
रोटी,
कपड़ा
और
मकान
और
साथ
में
स्वास्थ्य,
बेरोजगारी,
महंगाई,
शिक्षा
जैसे
मुद्दे
हैं.
इन
सभी
मुद्दों
पर
सरकार
को
ध्यान
देना
चाहिए.

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