
पटना.
बिहार
के
नौकरशाही
और
भ्रष्टाचारियों
के
गठजोड़
पर
केंद्र
सरकार
की
जांच
एजेंसी
प्रर्वतन
निदेशालय
(ईडी)
ने
हथौड़ा
मारना
शुरू
कर
दिया
है.
ईडी
का
पहला
प्रहार
हाल
में
ही
किया
गया
है.
बीते
मंगलवार
बिहार
कैडर
के
एक
वरिष्ठ
आईएएस
अधिकारी
संजीव
हंस
और
उनके
बिजनेस
पार्टनर
कहे
जा
रहे
आरजेडी
के
पूर्व
एमएलए
गुलाब
यादव
के
कई
ठिकानों
पर
ईडी
ने
दबिश
दी.
हालांकि,
इसमें
क्या
मिला
और
किस
वजह
से
रेड
या
जांच
हुई
इस
पर
कोई
आधिकारिक
जानकारी
नहीं
दी
गई
है.
सूत्रों
की
मानें
तो
बिहार
में
ईडी
के
रडार
पर
मौजूदा
समय
में
कई
विभागों
के
प्रधान
सचिव
और
सचिव
स्तर
के
अधिकारियों
के
साथ-साथ
कुछ
पूर्व
अधिकारी
भी
आ
गए
हैं.
कहा
जा
रहा
है
कि
राजनीतिक
कारणों
से
इन
सबों
पर
अभी
तक
कार्रवाई
नहीं
हो
रही
थी,
जो
अब
शुरू
हो
चुकी
है.
सूत्रों
की
मानें
तो
अगले
कुछ
दिनों
में
बिहार
के
कई
और
बड़े
आईएएस
अधिकारियों
के
साथ-साथ
कुछ
रिटायर्ड
ब्यूरोक्रेट्स
से
भी
ईडी
अलग-अलग
मामलों
को
लेकर
पूछताछ
कर
सकती
है.
सूत्रों
की
मानें
तो
आने
वाले
दिनो
में
इन
सब
पर
बड़ी
कार्रवाई
से
इंकार
नहीं
किया
जा
सकता
है.
सूत्र
बता
रहे
हैं
कि
मंगलवार
को
ईडी
की
कार्रवाई
पर
नीतीश
सरकार
में
मंत्री
रहे
एक
वरिष्ठ
सांसद
ने
केंद्र
सरकार
के
एक
बड़े
मंत्री
से
बात
की
थी.
सूत्र
बताते
हैं
कि
इस
पर
केंद्रीय
मंत्री
ने
जवाब
दिया
कि
ईडी
की
कार्रवाई
नहीं
रुकेगी.
ईडी
वैसे
अधिकारी
या
अधिकारियों
पर
जरूर
कार्रवाई
करेगी,
जिसका
भ्रष्टाचार
को
लेकर
ईडी
के
पास
पहले
से
शिकायत
है.
इन
विभागों
के
सचिवों
की
भूमिका
की
भी
होगी
जांच?
आपको
बता
दें
कि
ईडी
के
रडार
पर
बिहार
सरकार
के
ऊर्जा,
हेल्थ,
जल
संसाधन,
पीएचईडी,
पथ
निर्माण,
शिक्षा
और
नगर
विकास
जैसे
कई
विभागों
के
प्रधान
सचिवों,
सचिवों
और
पूर्व
सचिव
भी
आ
सकते
हैं.
ये
अधिकारी
पिछले
कई
सालों
से
एक
ही
विभागों
में
जमे
हुए
हैं.
आपको
बता
दें
कि
बिहार
सरकार
के
कई
विभाग
ऐसे
हैं,
जहां
5-6
आईएएस
अधिकारियों
का
सालों
से
एक
ही
विभाग
में
कब्जा
है.
पिछले
कुछ
सालों
से
यही
पांच-छह
अधिकारी
इन
विभागों
में
आते-जाते
रहते
हैं.
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या
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नहीं
बन
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क्या
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छोड़
आए
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वर्मा
की
गलेगी
‘दाल’
बिहार
कैडर
के
एक
वरिष्ठ
आईएएस
अधिकारी
जो
खुद
भी
सचिव
स्तर
के
अधिकारी
हैं,
न्यूज
18
हिंदी
के
साथ
बातचीत
में
कहते
हैं,
‘माननीय
मुख्यमंत्री
जी
को
पटना
में
बैठे
पांच-छह
आईएएस
अधिकारियों
से
काबिल
कोई
दूसरा
आईएएस
अधिकारी
नजर
नहीं
आता
है.
बिहार
को
ये
5-6
आईएएस
अधिकारी
ही
या
उनसे
अच्छा
संबंध
रखने
वाले
कुछ
और
आईएएस
अधिकारी
चला
रहे
हैं.
आपलोग
विभाग
के
वेबसाइट
पर
जाकर
देख
लें
कि
ये
अधिकारी
पिछले
कितने
साल
से
विभाग
के
मलाईदार
पोस्ट
पर
बैठे
हैं.
वह
किस
लिए
बैठे
हैं?
क्या
वह
कमीशन
लेते
हैं?
निश्चित
तौर
पर
ईडी
के
रडार
पर
इन
विभागों
के
कई
प्रोजेक्ट्स
और
उससे
जुड़ी
कंपनियां
और
टेंडर
प्रक्रिया
की
ईडी
को
जांच
करनी
चाहिए.’
गिर
रहे
थे
पुल,
बिल्डिंग
और
सड़क
आपको
बता
दें
कि
पिछले
कुछ
दिनों
से
बिहार
में
लगातार
गिर
रहे
पुल,
बिल्डिंग
और
सड़क
धंसने
की
घटनाओं
ने
केंद्र
सरकार
को
बिहार
में
ईडी
की
कार्रवाई
करने
को
मजबूर
कर
दिया.
इन
घटनाओं
से
बिहार
सरकार
के
साथ-साथ
केंद्र
सरकार
की
भी
फजीहत
हो
रही
थी.
आखिरकार
मंगलवार
को
पुराने
गड़े
मुर्दे
खोदने
के
बहाने
ही
सही
ईडी
ने
ऊर्जा
विभाग
के
प्रधान
सचिव
संजीव
हंस
और
उनके
तथाकथित
साझेदार
कहे
जाने
वाले
गुलाब
यादव
के
ठिकाने
पर
ताबड़तोड़
रेड
किया.
बिहार
क
करीब
से
जानने
वाले
एक
पत्रकार
न्यूज
18
हिंदी
के
साथ
बातचीत
में
कहते
हैं,
‘बिहार
मे
भ्रष्ट
लोकसेवकों
पर
नकेल
कसने
के
लिए
निगरानी
ब्यूरो,
आर्थिक
अपराध
ईकाई
और
विशेष
निगरानी
ईकाई
पहले
से
ही
काम
रही
है.
लेकिन,
ये
विभाग
सिर्फ
दिखाने
के
लिए
हैं.
पिछले
10-15
सालों
से
नौकरशाह
और
नेताओं
के
गठजोड़
के
कारण
इन
एजेंसियों
ने
बड़ी
मछली
को
नहीं
पकड़ा
है.
बड़ी
मछली
तो
अपने
पद
और
पावर
का
इस्तेमाल
कर
बच
निकलते
हैं.
लेकिन,
इस
खेल
में
शामिल
छोटे
मछली
जैसे
सचिव
और
सहायक
स्टॉफ
या
फिर
छोटे
बाबूओं
को
बली
का
बकरा
बना
दिया
जाता
है.
हाल
के
दिनों
में
बिहार
में
कई
ऐसी
घटनाएं
सामने
आई
है,
जिससे
आपको
समझ
में
आ
जाएगा
कि
बड़ी
मछली
को
कौन
बचा
रहा
है?
गुलाब
यादव
से
दोस्ती
या
फिर
कुछ
और…
मंगलवार
को
प्रवर्तन
निदेशालय
ने
बिहार
के
वरिष्ठ
आईएएस
अधिकारी
संजीव
हंस
और
उनके
तथाकथित
बिजनेस
पार्टनर
आरजेडी
के
पूर्व
विधायक
गुलाब
यादव
के
21
से
ज्यादा
ठिकानों
पर
रेड
किया.
ईडी
सूत्रों
की
मानें
तो
ऊर्जा
विभाग
के
प्रधान
सचिव
संजीव
हंस
के
पटना,
पुणे
और
दिल्ली
के
ठिकानों
से
कई
दस्तावेज
मिले
हैं,
जिससे
गुलाब
यादव
के
साथ
उनके
संबंध
का
पता
लगाया
जाएगा.
ईडी
की
टीम
मंगलवार
को
संजीव
हंस
के
पटना
स्थित
आवास
और
ऊर्जा
विभाग
के
दफ्तर
से
टेंडर
से
जुड़े
कई
दस्तावेज
लेकर
गई
है.
ईडी
जांच
कर
रही
है
कि
क्या
ऊर्जा
विभाग
के
प्रधान
सचिव
संजीव
हंस
विभाग
की
टेंडर
प्रक्रिया
को
भी
प्रभावित
करते
थे?
Tags:
Bihar
News,
Chief
Minister
Nitish
Kumar,
Enforcement
directorate,
IAS
Officer
FIRST
PUBLISHED
:
July
17,
2024,
17:54
IST