
Delhi
Airport
Roof
Collapse:
इंदिरा
गांधी
इंटरनेशनल
एयरपोर्ट
के
टर्मिनल
वन
की
छत
ढहने
और
इस
हादसे
में
एक
शख्स
की
जान
जाने
के
बाद
कई
तरह
के
सवाल
उठना
शुरू
हो
गए
हैं.
इनमें
कुछ
कड़वे
सवाल
ऐसे
भी
हैं,
जो
बीते
समय
के
साथ
अतीत
के
दामन
में
दफन
हो
चुके
थे.
लेकिन,
इस
घटना
के
बाद
वह
सभी
मुद्दे
और
सवाल
एक
बार
फिर
बाहर
निकल
कर
आना
शुरू
हो
गए
हैं,
जिसके
बारे
में
पूछते
ही
तमाम
एजेंसियां
बगले
झांकना
शुरू
कर
देती
थीं.
इन्हीं
सवालों
में
एक
सवाल
आईजीआई
एयरपोर्ट
के
टर्मिनल
वन
डी
के
निर्माण
को
लेकर
भी
था.
दरअसल,
शुक्रवार
को
आईजीआई
एयरपोर्ट
के
जिस
टर्मिनल
के
फोरकोर्ट
एरिया
की
छत
गिरी
है,
उसे
अतीत
में
टर्मिनल
वन-डी
के
नाम
से
जाना
जाता
था.
आपको
यह
जानकार
आश्चर्य
होगा
कि
टर्मिनल
वन-डी
देश
का
शायद
पहला
ऐसा
टर्मिनल
होगा,
जिसका
निर्माण
पहले
हो
गया
और
एयरपोर्ट
के
मास्टर
प्लान
में
सात
साल
के
बाद
शामिल
किया
गया.
जी
हां,
यह
बात
सच
है.
29
अक्टूबर
2007
को
सार्वजनिक
हुए
दिल्ली
एयरपोर्ट
के
मास्टर
प्लान
2006
में
टर्मिनल
वन-डी
का
जिक्र
ही
नहीं
था.
आपको
यहां
यह
भी
बता
दें
कि
इस
मास्टर
प्लान
में
2006
से
2026
के
बीच
एयरपोर्ट
पर
होने
वाले
सभी
निर्माण
कार्यों
का
जिक्र
चरणवद्ध
तरीके
से
किया
गया
था.
टर्मिनल
वन-डी
का
पहला
जिक्र
22
अगस्त
2017
को
सार्वजनिक
हुए
मास्टर
प्लान
2016
में
आया,
जिसमें
वन-डी
और
वन-सी
को
मिलाकर
इंट्रीग्रेटेड
टर्मिनल
बनाने
की
बात
कही
गई
थी.

दिल्ली
एयरपोर्ट
मास्टर
प्लान
2006:
2010
में
पूरे
होने
वाले
फेज
वन
बी
के
प्लान
में
भी
टर्मिनल
वन
डी
का
जिक्र
नहीं
है.
क्या
था
दिल्ली
एयरपोर्ट
का
मास्टर
प्लान
2006
दिल्ली
एयरपोर्ट
से
जुड़े
रहे
वरिष्ठ
अधिकारी
के
अनुसार,
मास्टर
प्लान
2006
के
अनुसार,
डायल
को
2008
तक
दिल्ली
एयरपोर्ट
पर
मौजूद
टर्मिनल
वन
और
टर्मिनल
टू
को
अपग्रेट
करते
हुए
नए
रनवे
29/11
का
निर्माण
करना
था.
वहीं
2010
तक
नए
टर्मिनल
थ्री
का
निर्माण
करना
था.
प्लान
के
तहत,
टर्मिनल
थ्री
का
निर्माण
पूरा
होने
के
बाद
टर्मिनल
टू
से
इंटरनेशनल
फ्लाइट
और
टर्मिनल
वन
से
प्रीमियम
डोमेस्टिक
फ्लाइट
को
टर्मिनल
थ्री
में
शिफ्ट
किया
जाना
था.
इसके
अलावा,
कुछ
समय
के
बाद
टर्मिनल
वन
से
लो-कॉस्ट
डोमेस्टिक
फ्लाइट
को
भी
शिफ्ट
किया
जाना
था.
जब
टर्मिनल
वन
डी
के
तौर
पर
मिला
सबको
सप्राइज
दिल्ली
एयरपोर्ट
से
जुड़े
रहे
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि
2008
में
टर्मिनल
वन-ए
और
ओल्ड
उड़ान
भवन
के
बीच
अचानक
से
टर्मिनल
वन-डी
का
निर्माण
शुरू
कर
दिया
गया.
टर्मिनल
वन-डी
को
लेकर
उस
समय
कहा
गया
था
कि
चूंकि
टर्मिनल
थ्री
को
आने
में
समय
है
और
यात्रियों
की
संख्या
अपेक्षा
से
कहीं
अधिक
रफ्तार
से
इजाफा
हो
रहा
है,
जिसको
देखते
हुए
टर्मिनल
वन-डी
के
तौर
पर
अस्थाई
टर्मिनल
का
निर्माण
किया
जा
रहा
है.
टर्मिनल
वन
से
सभी
फ्लाइट्स
की
शिफ्टिंग
होते
ही
अस्थाई
टर्मिनल
वन-डी
को
डिमोलिश
कर
दिया
जाएगा.
यह
काम
2016
तक
पूरा
होना
था.

दिल्ली
एयरपोर्ट
मास्टर
प्लान
2006
के
अनुसार
2016
तक
टर्मिनल
टू
को
तोड़कर
टर्मिनल
4
का
निर्माण
पूरा
होना
था,
लेकिन…
10
सालों
में
बदल
गए
डायल
के
अपने
इरादे…
दिल्ली
एयरपोर्ट
के
मास्टर
प्लान
2006
के
अनुसार,
2016
तक
टर्मिनल
थ्री
के
विस्तार
का
काम
पूरा
होना
था.
इसके
अलावा,
टर्मिनल
टू
को
डिमोलिश
कर
उसकी
जगह
पर
टर्मिनल
फोर
का
निर्माण
होना
था.
साथ
ही,
टर्मिनल
वन
से
फ्लाइट
ऑपरेशन
को
पूरी
तरह
से
टर्मिनल
थ्री
और
फोर
में
शिफ्ट
किया
जाना
था.
लेकिन,
ऐसा
हुआ
नहीं.
न
ही
टर्मिनल
थ्री
का
विस्तार
हुआ
और
न
ही
टर्मिनल
टू
का
डिमोलिश
कर
टर्मिनल
फोर
का
निर्माण
किया
गया
है.
2016
आते-आते
डायल
के
इरादे
लगभग
पूरी
तरह
से
बदल
चुके
थे,
जिसका
खुलासा
22
अगस्त
2017
को
सामने
आए
डायल
के
नए
मास्टर
प्लान
2016
के
बाद
हुआ.
मास्टर
प्लान
2016
में
पूरी
तहर
से
पलटा
प्लान
दिल्ली
एयरपोर्ट
से
जुड़े
रहे
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि
22
अगस्त
2017
को
सार्वजनिक
हुए
मास्टर
प्लान
2016
में
अब
तक
के
पूरे
प्लान
को
पूरी
तरह
से
पलट
दिया
गया.
टर्मिनल
टू
को
तोड़ने
और
टर्मिनल
फोर
को
बनाने
का
प्लान
पूरी
तरह
से
ड्र्रॉप
हो
गया.
इस
मास्टर
प्लान
में
1986
में
बनकर
तैयार
हुए
टर्मिनल
टू
को
अपग्रेड
कर
टर्मिनल
वन
से
कुछ
एयरलाइंस
को
शिफ्ट
करने
की
बात
कही
गई.
वहीं
2016
में
जिस
टर्मिनल
वन-डी
को
डिमोलिश
कर
दिया
जाना
था,
उस
टर्मिनल
वन-डी
को
वन-सी
से
मिलाकर
इंट्रीग्रेटेड
टर्मिनल
बनाने
की
बात
होने
लगी.
यानी
एयरपोर्ट
पर
नए
निर्माण
की
जगह
पुरानी
बोतल
में
नए
लेबल
के
प्लान
को
अपना
लिया
गया.
ऐसे
में,
शुक्रवार
जैसे
हादसे
तो
सिर्फ
एक
बानगी
हैं,
आगे
देखिए
क्या
क्या
होता
है.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
1,
2024,
09:30
IST