

अखिलेश
यादव.
अखिलेश
यादव
परेशान
हैं.
कभी
परिवार
में
झंझट
शुरू
हो
जाता
है.
तो
कभी
समाजवादी
पार्टी
में.
पार्टी
का
हाल
ये
हैं
कि
एक
को
मनाओ
तो
दूसरा
रूठ
जाता
है.
रूठने
और
मनाने
के
चक्कर
में
लोकसभा
का
चुनाव
अखिलेश
यादव
के
लिए
मधुमक्खी
का
छत्ता
बन
गया
है.
मुरादाबाद
में
टिकट
बदलने
के
लिए
अखिलेश
को
वहांं
चार्टर्ड
प्लेन
भेजना
पड़ा
था.
आज
फिर
उन्हें
एक
ऐसा
ही
प्लेन
सहारनपुर
भेजना
पड़ा.
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
अखिलेश
यादव
की
मुश्किलें
कम
होने
का
नाम
नहीं
ले
रही
हैं.
लगातार
कोई
न
कोई
मुश्किल
उनके
सामने
आ
ही
रही
है.
चाहे
टिकट
वितरण
की
बात
हो
या
फिर
पार्टी
में
पद
देने
की.
अखिलेश
के
सामने
कोई
न
कोई
चुनौती
आ
ही
जाती
है.
हाल
ही
में
टिकट
वितरण
में
भी
ये
असमंजस
साफ
दिखाई
पड़ा
था.
एक
दो
नहीं
बल्कि
चार
लोकसभा
सीटों
पर
अखिलेश
यादव
को
टिकट
का
ऐलान
करने
के
बाद
बदलना
पड़ा.
नोएडा,
बदायूं,
मुरादाबाद
के
बाद
हाल
ही
मेरठ
में
अखिलेश
यादव
ने
लोकसभा
उम्मीदवार
को
बदल
दिया
था.
अब
सहारनपुर
में
अखिलेश
के
सामने
नया
संकट
आ
गया
है.
सहानपुर
में
क्यों
भेजा
चार्टर्ड
प्लेन
सहारनपुर
की
राजनीति
पिछले
कई
सालों
से
दो
परिवारों
के
आस
पास
रही
है.
चौधरी
यशपाल
और
मसूद
परिवार.
दोनों
परिवार
पहले
कांग्रेस
से
थे.
समय
बदला
इमरान
मसूद
अब
कांग्रेस
में
हैं.
चौधरी
यशपाल
के
बेटे
रूद्र
सेन
अब
समाजवादी
पार्टी
में
हैं.
रुद्रसेन
पार्टी
के
राष्ट्रीय
महासचिव
हैं.
बताया
जाता
है
कि
वे
इन
दिनों
नाराज
चल
रहे
हैं.
वे
लोकसभा
का
चुनाव
लड़ना
चाहते
थे.
कैराना
से
उनकी
दावेदारी
थी,
लेकिन
अखिलेश
यादव
ने
वहां
से
इकरा
हसन
को
टिकट
दे
दिया.
तब
से
रूद्रसेन
कोप
भवन
में
चले
गए
थे.
सूत्र
बताते
हैं
कि
उन्होंने
पार्टी
बदलने
का
मन
बना
लिया
था.
उन्हें
लग
रहा
था
कि
पार्टी
उन्हें
एमएलसी
बना
सकती
है.
पर
ये
भी
नहीं
हुआ.
अखिलेश
यादव
तक
ये
सारी
जानकारी
पहुंची.
तब
वे
रूद्रसेन
को
मनाने
के
मिशन
पर
जुट
गए.
रुद्रसेन
को
मनाने
के
लिए
भेजा
प्लेन
अखिलेश
यादव
ने
रूद्रसेन
को
फोन
किया.
उनके
लिए
चार्टर्ड
प्लेन
भेजा
गया.
समाजवादी
पार्टी
के
विधायक
आशु
मलिक
को
रूद्रसेन
को
लखनऊ
लेकर
आने
की
जिम्मेदारी
दी
गई.
इन
सब
नेताओं
के
चार्टर्ड
प्लेन
से
आने
का
फोटो
सोशल
मीडिया
में
वायरल
हो
रहा
है.
कहा
जा
रहा
है
कि
अखिलेश
ने
रूठे
हुए
चौधरी
रूद्रसेन
को
मना
लिया
है.
अब
वे
समाजवादी
पार्टी
में
ही
बने
रहेंगे