सुप्रीम
कोर्ट.
(फाइल
फोटो)
सुप्रीम
कोर्ट
ने
बिहार
के
एक
डबल
मर्डर
केस
में
आरजेडी
के
पूर्व
सांसद
प्रभुनाथ
सिंह
को
उम्रकैद
की
सजा
सुनाई
थी.
इस
मामले
में
प्रभुनाथ
की
ओर
से
पुनर्विचार
याचिका
दायर
की
गई
थी.
इस
पर
सुप्रीम
कोर्ट
16
अप्रैल
को
फैसला
सुनाएगा.
इससे
पहले
कोर्ट
ने
प्रभुनाथ
और
बिहार
सरकार
को
आदेश
दिया
था
कि
वो
पीड़ित
को
दस
लाख
रुपये
का
मुआवजा
दे.
बता
दें
कि
प्रभुनाथ
सिंह
बिहार
की
महराजगंज
लोकसभा
सीट
से
तीन
बार
जेडीयू
और
एक
बार
आरजेडी
के
टिकट
पर
सांसद
रहे
हैं.
उन
पर
1995
में
मसरख
के
एक
मतदान
केंद्र
के
पास
तब
47
साल
के
दारोगा
राय
और
18
साल
के
राजेंद्र
राय
की
हत्या
का
आरोप
है.
कहा
जाता
है
कि
दोनों
ने
प्रभुनाथ
सिंह
समर्थित
उम्मीदवार
को
वोट
नहीं
किया
था.
इसलिए
दोनों
की
हत्या
कर
दी
गई.
बीते
साल
सुप्रीम
कोर्ट
ने
प्रभुनाथ
सिंह
को
1995
में
हुए
इस
डबल
मर्डर
केस
में
हाई
कोर्ट
के
फैसले
को
पलटते
हुए
दोषी
करार
दिया
था.
शीर्ष
अदालत
ने
अपने
फैसले
में
कहा
था
कि
प्रभुनाथ
सिंह
के
खिलाफ
पर्याप्त
सबूत
हैं.
जबकि
केस
के
बाकी
आरोपियों
की
रिहाई
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सही
ठहराया
था.
जस्टिस
संजय
किशन
कौल
की
अध्यक्षता
वाली
तीन
जजों
की
बेंच
ने
फैसला
सुनाया
था.
इसमें
पटना
हाई
कोर्ट
के
फैसले
को
पलट
दिया
था.
ये
भी
पढ़ें
निचली
अदालत
के
बाद
HC
ने
दिया
था
रिहाई
का
आदेश
डबल
मर्डर
केस
पहले
निचली
अदालत
में
चला.
फिर
हाई
कोर्ट
में
पहुंचा.
मगर,
निचली
अदालत
की
ओर
से
सुनवाई
के
बाद
पूर्व
सांसद
प्रभुनाथ
सिंह
को
रिहाई
का
आदेश
सुना
दिया
गया.
मामला
पटना
हाई
कोर्ट
पहुंचा
तो
उसने
भी
निचली
अदालत
के
फैसले
को
सही
ठहराते
हुए
रिहाई
का
आदेश
दे
दिया
था.
फैसले
से
असंतुष्ट
मृतक
के
परिजनों
ने
सुप्रीम
कोर्ट
की
ओर
से
रुख
किया
था.