

फाइव
स्टार
होटल
(प्रतीकात्मक
तस्वीर)
चंडीगढ़
में
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
प्रचार
पर
आने
वाले
स्टार
प्रचारक
अब
आलीशान
फाइव
स्टार
होटलों
के
प्रेजिडेंशियल
सुइट
का
लुत्फ
नहीं
ले
पाएंगे.
चुनाव
आयोग
ने
जो
रेट
तय
किये
है
उसके
हिसाब
से
ज्यादा
से
ज्यादा
4200
रुपये
का
कमरा
ही
स्टार
प्रचारक
चंडीगढ़
में
रुकने
के
लिए
ले
सकेंगे.
चंडीगढ़
में
फाइव
स्टार
होटलों
में
प्रेसिडेंशियल
सूट
का
किराया
10
हजार
रूपए
से
शुरू
होकर
एक
लाख
तक
रहता
है.
ऐसे
में
चंडीगढ़
में
स्टार
प्रचारकों
को
लाने
में
पार्टियों
के
लिए
मुश्किल
भी
हो
सकती
है.
हालांकि
कांग्रेस
चुनाव
आयोग
के
इस
फैसले
का
विरोध
कर
रही
है
तो
वहीं
बीजेपी
का
कहना
है
कि
हमारे
स्टार
प्रचारक
कार्यकर्ता
ही
है
वो
सस्ते
कमरों
और
बीजेपी
कार्यकर्ताओं
के
घरों
में
भी
रुक
सकते
हैं.
4200
तक
के
सुइट
में
रूक
सकते
हैं
सीनियर
नेता
लोकसभा
चुनाव
प्रचार
के
दौरान
चंडीगढ़
में
राजनीतिक
दलों
के
उम्मीदवार
के
समर्थन
में
कार्यक्रम
और
रैली
करने
के
लिए
आने
वाले
वीआईपी,
स्टार
प्रचारक
और
सीनियर
नेता
सिर्फ
4200
तक
के
होटल
के
प्रेसीडेंशियल
सुइट
में
ही
रह
सकते
हैं.
चंडीगढ़
प्रशासन
के
चुनाव
विभाग
ने
उम्मीदवारों
की
और
से
प्रयोग
की
जाने
वाली
वस्तुओं
और
सुविधाओं
के
जो
रेट
चार्ट
तय
किए
हैं
उसमें
होटल
के
कमरों
और
सुइट
का
अधिकतम
किराया
भी
तय
किया
गया
है.
कमरों
और
सुइट
का
तय
किया
किराया
चुनाव
आयोग
की
तरफ
से
होटल
के
कमरों
में
नेताओं
और
स्टार
प्रचारकों
को
रोकने
को
लेकर
प्रेसीडेंशियल
सुइट
का
किराया
4200
फिक्स
किया
गया
है.
सुपर
डीलक्स
रूम
का
किराया
3700
तय
किया
गया
है.
डीलक्स
रूम
का
किराया
₹3000
तय
किया
गया
है.
सेमी
डीलक्स
रूम
का
किराया
2200
रुपए
तय
किया
गया
है.
सिंगल
बेड
वाले
एसी
रूम
का
किराया
₹1100
तय
किया
गया
है.
वहीं
सिंगल
बेड
वाले
बिना
एसी
के
रूम
का
किराया
₹800
तय
कर
दिया
गया
है.
कांग्रेस
ने
किया
विरोध
कांग्रेस
ने
चुनाव
विभाग
के
इस
आदेश
का
विरोध
किया
है.
पार्टी
का
कहना
है
कि
चंडीगढ़
जिसे
स्मार्ट
सिटी
के
तौर
पर
जाना
चाहता
है
वहां
पर
होटल
में
4200
में
तो
सामान्य
रूम
नहीं
मिलता
तो
ऐसे
में
प्रेसिडेंशियल
सुइट
कैसे
4200
में
मिल
सकता
है.
चंडीगढ़
कांग्रेस
अध्यक्ष
एच
एस
लकी
ने
कहा
कि
कांग्रेस
का
चुनाव
प्रचार
करने
के
लिए
कई
शहरों
के
बड़े
चेहरे,
फिल्म
अभिनेता
और
दूसरे
राज्यों
के
मुख्यमंत्री
भी
चंडीगढ़
पहुंचेंगे.
ऐसे
में
चुनाव
आयोग
को
अपने
फैसले
पर
पुनर्विचार
करना
चाहिए.
लकी
ने
कहा
कि
चंडीगढ़
में
एकमात्र
चंडीगढ़
प्रशासन
का
यूटी
गेस्ट
हाउस
रहने
लायक
है,लेकिन
वहां
के
कमरे
चुनाव
के
दौरान
आचार
संहिता
लागू
होने
की
वजह
से
राजनेताओं
को
नहीं
दिए
जाते
और
ऐसे
में
4200
में
किसी
भी
होटल
में
प्रेसिडेंशियल
सुइट
या
बढ़िया
कमरा
मिलना
मुश्किल
है.
ऐसे
में
इसे
लेकर
चुनाव
विभाग
को
अपने
रेट
चार्ट
पर
एक
बार
फिर
से
विचार
करना
चाहिए.
बीजेपी
ने
लगाए
ये
आरोप
चंडीगढ़
बीजेपी
अध्यक्ष
जितेंद्र
पाल
मल्होत्रा
ने
चुनाव
विभाग
के
रेट
चार्ट
को
सही
ठहराते
हुए
कहा
कि
भले
ही
किसी
भी
पार्टी
का
कोई
स्टार
प्रचारक
आए,
फिल्म
अभिनेता
आए
या
फिर
कोई
भी
बड़ा
चेहरा
आए
वो
होता
तो
पार्टी
का
कार्यकर्ता
ही
है
और
पार्टी
का
कार्यकर्ता
एक
सामान्य
होटल
के
रूम
में
रुक
सकता
है.
साथ
ही
अगर
चाहे
तो
बीजेपी
कार्यकर्ताओं
और
नेताओं
के
घर
पर
जाकर
भी
रह
सकता
है,
लेकिन
कांग्रेस
ने
जिस
तरह
से
देश
को
लूटा
है
तो
अब
उन्हें
अपने
पैसे
को
कहीं
ना
कहीं
इस्तेमाल
में
लाना
ही
है.
इसी
वजह
से
उनके
नेताओं
को
सस्ते
होटल
में
रुकने
से
दिक्कत
हो
रही
है.
तय
की
है
चनाव
प्रचार
की
खर्च
सीमा
दरअसल
इस
बार
चुनाव
आयोग
ने
हर
उम्मीदवार
के
चुनाव
प्रचार
की
खर्च
सीमा
75
लाख
रुपए
तय
की
है.
इसी
के
तहत
दूसरे
राज्यों
से
आ
रहे
वीवीआईपी
नेताओं,
मुख्यमंत्रियों
और
फिल्म
अभिनेताओं
जैसे
स्टार
प्रचारकों
के
शहर
में
रुकने
के
नियमों
में
भी
सख्ती
की
गई
है.
आयोग
की
तरफ
से
चंडीगढ़
के
होटलों
के
तय
किए
गए
रेट
की
वजह
से
कांग्रेस
रेट
चार्ट
पर
सवाल
खड़े
कर
रही
है.