‘पापा हमें बचा लो, आग लग गई है, हमारा दम घुट रहा है…’, मौत से ठीक पहले बच्चियों की पिता को आखिरी कॉल

‘पापा हमें बचा लो, आग लग गई है, हमारा दम घुट रहा है…’, मौत से ठीक पहले बच्चियों की पिता को आखिरी कॉल
‘पापा हमें बचा लो, आग लग गई है, हमारा दम घुट रहा है…’, मौत से ठीक पहले बच्चियों की पिता को आखिरी कॉल


प्रतीकात्मक
तस्वीर.

दिल्ली
के
सदर
बाजार
इलाके
में
मंगलवार
को
उस
वक्त
सनसनी
मच
गई
जब
वहां
स्थित
एक
घर
में
भीषण
आग
लग
गई.
इस
दर्दनाक
हादसे
में
दो
बच्चियों
की
जान
चली
गई.
उस
रात
शायद
ही
कोई
मोहल्ले
में
शांति
से
सो
पाया
होगा.
इस
हादसे
के
बाद
बच्चियों
की
वो
फोन
रिकॉर्डिंग
सामने
आई
है,
जिसमें
वो
अपने
पिता
से
कह
रही
हैं
कि-
पापा
हमें
बचा
लो,
आग
लगी
है
और
हमारा
दम
घुट
रहा
है.

परिजनों
की
मानें
तो
घर
में
जिस
समय
आग
लगी
थी,
उस
समय
दोनों
बहनें
अपने
कमरे
में
सो
रही
थीं.
आग
लगने
के
बाद
वे
बाथरूम
में
बंद
हो
गईं.
उन्हें
लगा
कि
शायद
बाथरूम
के
अंदर
धुआं
नहीं
पहुंचेगा.
बाद
में
जब
दम
घुटने
लगा
तो
बच्चों
ने
लखनऊ
में
मौजूद
अपने
पापा
यानि
हाजी
सालिम
कुरैशी
को
कॉल
की.

इसके
अलावा
दोनों
बहनों
ने
अपनी
मां
गुलिस्तां
को
भी
फोन
किया.
जिस
समय
आग
लगी
उस
समय
हाजी
सालिम
के
भाई
और
मुरादाबाद
से
विधायक
हाजी
मोहम्मद
नासिर
करोल
बाग
में
किसी
काम
से
आए
हुए
थे.
खबर
मिलने
के
बाद
वह
भी
तुरंत
कुरैश
नगर
भाई
के
मकान
पर
पहुंच
गए.
रेस्क्यू
का
काम
उनके
सामने
ही
हुआ.
आग
की
सूचना
मिलते
ही
दिल्ली
पुलिस
और
फायर
विभाग
की
गाड़ियां
मौके
पर
पहुंच
गई
थीं.
उन्होंने
कड़ी
मशक्कत
के
बाद
आग
पर
काबू
पाया.
लेकिन
दोनों
बच्चियों
को
बचाया
नहां
जा
सका.

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पढ़ें

मृतक
बहनों
के
नाम
थे
गुलआशना,
जो
कि
15
साल
की
थी.
जबकि,
अनाया
महज
13
साल
की
थी.
बच्चियों
की
मौत
के
बाद
पूरी
रात
भर
हजारों
लोगों
की
भीड़
हाजी
सालिम
कुरैशी
उर्फ
शब्बू
के
घर
के
बाहर
जुटी
रही.
दिल्ली
के
अलावा
दूरदराज
के
लोग
भी
बुधवार
सुबह
तक
वहां
आते
रहे.
मंगलवार
रात
को
करीब
9.30
बजे
हाजी
सालिम
लखनऊ
से
दिल्ली
पहुंच
गए.

परिजनों
का
पहले
कार्यक्रम
था
कि
मंगलवार
देर
रात
को
ही
दोनों
बहनों
को
सुपुर्द-ए-खाक
किया
जाएगा.
लेकिन
दूर
से
आने
वाले
रिश्तेदारों
की
वजह
से
बुधवार
सुबह
10
बजे
मस्जिद
तकिया
कब्रिस्तान,
ईदगाह
में
उनको
नम
आंखों
से
दफनाया
गया.
इस
दौरान
हजारों
लोग
मौजूद
रहे.


अभी
तक
नहीं
लग
पाया
आग
लगने
के
कारणों
का
पता

मृतक
परिवार
के
रिश्तेदारों
की
मानें
तो
गुलआशना
और
अनाया
का
दूसरे
स्कूल
में
दाखिला
होना
था.
मंगलवार
को
गुलिस्तां
के
भाई
आसिफ
अपनी
बहन
को
बच्चों
का
स्कूल
दिखाने
के
लिए
करोल
बाग
ले
गए
थे.
वहां
से
आने
के
बाद
गुलिस्तां
को
लगा
कि
दोनों
बेटियां
शायद
स्कूल
चली
गई
हैं.
आग
लगने
के
बाद
बच्चियों
ने
जब
उनको
कॉल
किया
तो
उनके
फंसे
होने
का
पता
चला.
बता
दें,
आग
लगने
के
कारणों
का
अभी
पता
नहीं
चल
पाया
है.
इसकी
जांच
अभी
की
जा
रही
है.
मकान
को
पुलिस
ने
सील
कर
दिया
है.
बुधवार
को
पुलिस
के
अलावा
एफएसएल
की
टीम
मौके
पर
पहुंची.
एफएसएल
की
टीम
ने
मौके
से
साक्ष्य
जुटाए.
आग
लगने
की
सही
वजहों
का
पता
लगाने
का
प्रयास
किया
जा
रहा
है.


धमाके
के
बाद
लगी
भीषण
आग

कुछ
पड़ोसियों
ने
दावा
किया
कि
हादसे
के
समय
घर
में
एक
छोटा
सा
धमाका
हुआ.
फिर
देखते
ही
देखते
आग
पूरे
घर
में
फैल
गई.
हाजी
सालिम
के
साले
ने
बताया
कि
आग
लगने
के
बाद
वह
घर
पहुंच
गए।
उन्होंने
अंदर
दाखिल
होने
की
कोशिश
की,
लेकिन
कई
बार
की
कोशिश
के
बाद
भी
वह
अंदर
दाखिल
नहीं
हो
पाए.