

प्रवर्तन
निदेशालय.
दिल्ली
जल
बोर्ड
घोटाला
मामले
में
ईडी
ने
चार्जशीट
दाखिल
की
है.
चार्जशीट
के
मुताबिक
आम
आदमी
पार्टी
को
चुनाव
में
फंडिंग
के
लिए
दिल्ली
जल
बोर्ड
के
अधिकारियों
को
दो
करोड़
रुपए
की
रिश्वत
दी
गई.
ईडी
आम
आदमी
पार्टी
को
लेकर
जांच
कर
रही
है.
एजेंसी
ने
पांच
लोगों
के
खिलाफ
चार्जशीट
दाखिल
की
है.
इस
केस
में
आरोपियों
में
दिल्ली
जल
बोर्ड
के
पूर्व
चीफ
इंजीनियर
जगदीश
अरोड़ा,
अनिल
कुमार
अग्रवाल,
तजिंदर
पाल
सिंह,
एनकेजी
इंफ्रास्ट्रक्चर
लिमिटेड
और
एनबीसीसी
के
उस
समय
फरीदाबाद
जोन
के
जनरल
मैनेजर
हैं.
एजेंसी
ने
आरोपियों
की
8.80
करोड़
रुपए
की
संपत्ति
भी
अटैच
की
है.
8
हजार
पेज
का
दस्तावेज
दाखिल
इसमें
एजेंसी
ने
शराब
नीति
घोटाले
में
भी
पैसा
AAP
के
पार्टी
फंड
में
जाने
की
बात
कही
है.
ED
ने
दिल्ली
जल
बोर्ड
मामले
में
8
हज़ार
पेज
के
दस्तावेज़
दाखिल
किया,
जिसमें
140
पेज
ऑपरेटिव
पार्ट
है.
एजेंसी
ने
कहा
कि
NKG
कंपनी
को
आरोपी
बनाया
है,
उसके
डायरेक्टर
की
मौत
हो
गई
इसलिए
उनको
आरोपी
नहीं
बनाया.
NKG
कंपनी
को
टेंडर
ED
ने
कहा
कि
NBCC
के
अधिकारी
मित्तल
ने
जो
सर्टिफिकेट
जारी
किया
उसी
के
आधार
पर
NKG
कंपनी
को
टेंडर
मिला
था.
उन्होंने
कहा
कि
NKG
ने
कोई
काम
नहीं
किया
था
उसको
टेंडर
मिला
था.
NBCC
के
रिकॉर्ड
में
NKG
के
बारे
में
कुछ
नहीं
था.
एजेंसी
ने
कहा
कि
जगदीश
अरोड़ा,
अनिल
अग्रवाल,
तजेंद्र
सिंह
चार्टेड
अकाउंटेड
है,
जो
जगदीश
अरोड़ा
का
करीबी
है.
मित्तल
NBCC
के
अधिकारी
है,
उन्होंने
NKG
कम्पनी
को
फ़र्ज़ी
दस्तावेज़
मुहैया
कराया
था.
38
करोड़
का
टेंडर
ईडी
ने
कहा
कि
दिल्ली
जल
बोर्ड
ने
NKG
को
38
करोड़
का
टेंडर
दिया,
24
करोड़
रुपये
जारी
हुआ,
24
में
NKG
ने
6
करोड़
36
लाख
रिटेन
किया.
एजेंसी
ने
कहा
कि
6
करोड़
36
लाख
रिटेन
किया
गया.
यह
प्रोसीड
ऑफ
क्राइम
है,
इसमें
से
56
लाख
रुपया
तजेंद्र
सिंह
के
ज़रिए
जगदीश
अरोड़ा
को
मिला
था,
36
करोड़
में
से
सिर्फ
14
करोड़
रुपए
का
इस्तेमाल
हुआ.
एजेंसी
के
मुताबिक
NKG
और
इंटीग्रल
ग्रुप
से
पैसे
जगदीश
अरोड़ा
को
गया
था,
क्योंकि
उनसे
ही
टेंडर
जारी
किया
था,
इसके
बदले
घुस
ली
गई
थी.
ईडी
ने
कहा
कि
जगदीश
कुमार
अरोड़ा
को
कुल
3.19
करोड़
रुपया
मिला
था
जिसमे
56
लाख
NKG
और
बाकी
इंटीग्रल
ग्रुप
से
मिला
था.