24 घंटे में कांग्रेस पर ट्रिपल अटैक, निरुपम-विजेंदर और अब वल्लभ ने छोड़ी पार्टी

24 घंटे में कांग्रेस पर ट्रिपल अटैक, निरुपम-विजेंदर और अब वल्लभ ने छोड़ी पार्टी
24 घंटे में कांग्रेस पर ट्रिपल अटैक, निरुपम-विजेंदर और अब वल्लभ ने छोड़ी पार्टी


विजेंदर
सिंह,
संजय
निरूपम
और
गौरव
वल्लभ.

कांग्रेस
अभी
बॉक्सर
विजेंदर
सिंह
के
‘सियासी
पंच’
और
संजय
निरुपम
के
हमले
से
उबर
भी
नहीं
पाई
थी
कि
24
घंटे
में
गौरव
वल्लभ
के
रूप
में
ट्रिपल
अटैक
का
सामना
करना
पड़
गया.
गौरव
ने
बड़ी
सधी
हुई
भाषा
में
कांग्रेस
को
आइना
दिखाया
है
और
भटकी
हुई
पार्टी
करार
दिया
है.
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
एक्स
पर
किए
पोस्ट
में
वो
कहते
हैं,
कांग्रेस
पार्टी
आज
जिस
प्रकार
से
दिशाहीन
होकर
आगे
बढ़
रही
है,
उसमें
मैं
खुद
को
सहज
महसूस
नहीं
कर
पा
रहा.

गौरव
वल्लभ
अपने
पोस्ट
में
आगे
कहते
हैं,
भावुक
हूं.
मन
व्यधित
है.
काफी
कुछ
कहना
चाहता
हूं.
लिखना
चाहता
हूं,
बताना
चाहता
हूं
लेकिन
मेरे
संस्कार
ऐसा
कुछ
भी
कहने
से
मना
करते
है
जिससे
दूसरों
को
कष्ट
पहुंचे.
फिर
भी
में
आज
अपनी
बातों
को
आपके
समक्ष
रख
रहा
हूं,
क्योंकि
मुझे
लगता
है
कि
सच
को
छुपाना
भी
अपराध
है.
और
मैं
अपराध
का
भागी
नहीं
बनना
बाहता.


‘कुछ
दिनों
से
पार्टी
के
स्टैंड
से
असहज
महसूस
कर
रहा
हूं’

गौरव
वल्लभ
ने
कहा,
‘महोदय,
मैं
वित्त
का
प्रोफेसर
हूं.
कांग्रेस
पार्टी
की
सदस्यता
हासिल
करने
के
बाद
पार्टी
ने
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
बनाया.
कई
मुद्दों
पर
पार्टी
का
पक्ष
दमदार
तरीके
से
देश
की
महान
जनता
के
समक्ष
रखा
लेकिन
पिछले
कुछ
दिनों
से
पार्टी
के
स्टैंड
से
असहज
महसूस
कर
रहा
हूं.
जब
मैने
कांग्रेस
पार्टी
ज्वाइन
किया
तब
मेरा
मानना
था
कि
काग्रेस
देश
की
सबसे
पुरानी
पार्टी
है
जहा
पर
युवा,
बौद्धिक
लोगों
की,
उनके
आइडिया
की
कद्र
होती
है.

ये
भी
पढ़ें

वो
आगे
कहते
हैं,
पिछले
कुछ
वर्षों
में
मुझे
यह
महसूस
हुआ
कि
पार्टी
का
मौजूदा
स्वरूप
नये
आइडिया
वाले
युवाओं
के
साथ
खुद
को
एडजस्ट
नहीं
कर
पाती’.
पार्टी
का
ग्राउंड
लेवल
कनेक्ट
पूरी
तरह
से
टूट
चुका
है,
जो
नये
भारत
की
आकांक्षा
को
बिल्कुत
भी
नहीं
समझ
पा
रही
है.
जिसके
कारण

तो
पार्टी
सत्ता
में

पा
रही
और
ना
ही
मजबूत
विपक्ष
की
भूमिका
ही
निभा
पा
रही
है.

‘जमीनी
कार्यकर्ताओं
के
बीच
की
दूरी
पाटना
बेहद
कठिन
है’

‘इससे
मेरे
जैसा
कार्यकर्ता
हतोत्साहित
होता
है.
बड़े
नेताओं
और
जमीनी
कार्यकर्ताओं
के
बीच
की
दूरी
पाटना
बेहद
कठिन
है
जो
कि
राजनैतिक
रूप
से
जरूरी
है.
जब
तक
एक
कार्यकर्ता
अपने
नेता
को
डायरेक्ट
सुझाव
नहीं
दे
सकता
तब
तक
किसी
भी
प्रकार
का
सकारात्मक
परिवर्तन
संभव
नहीं
है.’

Gaurav

Gaurav

अब
बात
करें
संजय
निरुपम
की
तो
उन
पर
पार्टी
विरोधी
बयानबाजी
और
गतिविधियों
में
शामिल
होने
का
आरोप
है
और
इसकी
सजा
है
‘6
साल
पार्टी
में
नो
एंट्री’.
कांग्रेस
अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन
खरगे
ने
संजय
को
बाहर
का
रास्ता
दिखाया
है.
उधर,
संजय
कांग्रेस
पर
हमलावर
हैं.
उनका
कहना
है
कि
जैसे
ही
उन्होंने
पार्टी
से
इस्तीफा
दिया,
उन्हें
निकाल
दिया
गया.
तंज
कसते
हुए
वो
कहते
हैं,
कांग्रेस
की
तेजी
देखकर
अच्छा
लगा.


‘इतनी
तत्परता
देखकर
अच्छा
लगा’

सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
एक्स
पर
संजय
ने
एक
पोस्ट
किया
है.
इसमें
वो
लिखते
हैं,
ऐसा
लगता
है
कि
कल
रात
पार्टी
को
मेरा
त्यागपत्र
मिलने
के
तुरंत
बाद
मेरे
निष्कासन
का
निर्णय
लिया.
इतनी
तत्परता
देखकर
अच्छा
लगा.
बस
ये
बताना
चाहता
हूं
कि
मैं
आज
साढ़े
11
से
12
बजे
के
बीच
विस्तार
से
अपनी
बात
रखूंगा.

इससे
पहले
कल
यानी
कि
विजेंदर
सिंह
ने
कांग्रेस
को
बड़ा
झटका
दिया
था.
सच
को
सच
और
गलत
को
गलत
कहने
की
बात
करते
हुए
भाजपाई
हो
गए.
इस
सियासी
उठापटक
से
कुछ
घंटे
पहले
उन्होंने
कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी
का
एक
पोस्ट
शेयर
किया
था.
ये
पोस्ट
राहुल
ने
बीजेपी
को
घेरते
हुए
किया
था.
हालांकि,
विजेंदर
जब
भाजपाई
हुए
तो
वो
पोस्ट
उनके
अकाउंट
से
विलुप्त
यानी
कि
डिलीट
हो
चुका
था.

‘हमें
कई
असुविधाओं
का
सामना
करना
पड़ा
था’

बीजेपी
मुख्यालय
में
पार्टी
की
सदस्यता
ग्रहण
करने
के
बाद
बॉक्सर
विजेंदर
ने
कहा,
मैं
आज
भाजपा
में
शामिल
हो
रहा
हूं.
यह
मेरे
लिए
घर
वापसी
जैसा
है.
मैं
देश
की
जनता
और
विकास
के
लिए
बीजेपी
में
शामिल
हुआ
हूं.
उन्होंने
खिलाड़ियों
को
सम्मान
देने
के
लिए
केंद्र
सरकार
का
आभार
भी
जताया
और
कहा
कि
पहले
जब
हम
फाइट
के
लिए
जाते
थे
तो
एयरपोर्ट
पर
हमें
कई
असुविधाओं
का
सामना
करना
पड़ा
था.
अब
हालात
बदल
रहे
हैं.