
हाल
के
दिनों
में
देश
में
नकली
दवाओं
की
बड़ी
संख्या
में
सैम्पल
फेल
हो
रहे
हैं.
दरअसल
केंद्र
सरकार
ने
दवाओं
के
सैम्पल
की
जांच
बड़े
स्तर
पर
करना
शुरु
कर
दिया
है.
दावा
यह
किया
जा
रहा
है
कि
केंद्र
सरकार
दवाओं
को
लेकर
किसी
भी
तरह
का
कोई
कोताही
बर्दाश्त
नहीं
करना
चाहती
है.
ऐसे
में
हर
महीने
बड़े
पैमाने
पर
सैम्पलों
की
जांच
हो
रही
है,
जिससे
की
आम
आदमी
के
सेहत
पर
बुरा
प्रभाव
नहीं
पड़े.
आईएमए
के
पूर्व
सचिव
डॉ.
अनिल
गोयल
ने
टीवी9
भारतवर्ष
से
खास
बातचीत
में
कहा
कि
पिछले
10
वर्षों
में
रैंडम
चेकिंग
से
लेकर
सैंपलिंग
तक
का
काम
केंद्र
सरकार
ने
किया
है.
जिसका
परिणाम
हमें
देखने
को
मिला
है.
उन्होंने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
का
यह
कदम
काफी
सराहनीय
है.
क्या
कहते
हैं
आंकड़े
बात
अगर
साल
2024
के
फरवरी
की
करें
तो
1167
सैम्पल
इकट्ठा
किया
गया,
जिसमें
58
दवाई
सब
स्टैंडर्ड
पायी
गयी.
यही
हाल
जनवरी
महीने
का
भी
रहा,
जहां
932
सैम्पल
को
टेस्ट
किया
गया,
जिसमें
46
सैम्पल
गुणवत्ता
पर
फेल
पाए
गए.
पिछले
साल
की
बात
करें
तो
पाते
हैं
कि
1197
में
62
सैम्पल
फेल
पाए
गए.
कोविड
के
बाद
से
काफी
सैम्पलों
की
जांच
की
जा
रही
है.
आंकड़ों
की
बात
करें
तो
हाल
के
दिनों
में
लगभग
जितने
भी
सैम्पल
इकठ्ठा
किया
गया
उसका
5
प्रतिशत
फेल
हो
रहा
है.
वैसे
बात
यदि
फेल
सैम्पल
की
करें
तो
पहले
भी
इस
तरह
के
छापे
पड़ते
थे
लेकिन
उसमें
कई
मामलों
में
लोग
कारवाई
से
बच
जाते
थे.
साल
2009-10
का
आंकड़ा
-
परीक्षण
किए
गए
औषधि
नमूनों
की
संख्या
–
39248 -
मानक
घोषित
नमूनों
की
संख्या
गुणवत्ता
की
नहीं
–
1942 -
नकली/मिलावटी
घोषित
दवाओं
के
नमूनों
की
संख्या
–
117 -
अभियोजन
की
संख्या
–
138 -
गिरफ्तार
व्यक्तियों
की
संख्या
–
173 -
जब्त
की
गई
दवाओं
का
अनुमानित
मूल्य
(लाखों
में)
–
1007.53
इन
मामलों
के
अलावा,
पश्चिम
बंगाल
में
नकली/गलतब्रांडेड/मिलावटी
आईएसएम
(भारतीय
चिकित्सा
प्रणाली)
दवाओं
के
35
मामले
दर्ज
किए
गए
हैं.
साल
2010-11
का
आंकड़ा
-
परीक्षण
किए
गए
औषधि
नमूनों
की
संख्या
49682 -
मानक
घोषित
नमूनों
की
संख्या
गुणवत्ता
की
नहीं
–
2372 -
नकली/मिलावटी
घोषित
दवाओं
के
नमूनों
की
संख्या
–
95 -
अभियोजन
की
संख्या
–
167 -
गिरफ्तार
व्यक्तियों
की
संख्या
–
72 -
जब्त
दवाओं
का
अनुमानित
मूल्य
(लाखों
में)
–
121.218
इन
मामलों
के
अलावा,
पश्चिम
बंगाल
में
नकली/गलतब्रांडेड/मिलावटी
आईएसएम
(भारतीय
चिकित्सा
प्रणाली)
दवाओं
के
18
मामले
दर्ज
किए
गए
हैं.
साल
2011-12
का
आंंकड़ा
-
परीक्षण
किए
गए
औषधि
नमूनों
की
संख्या
48082 -
मानक
घोषित
नमूनों
की
संख्या
गुणवत्ता
की
नहीं
–
2186 -
नकली/मिलावटी
घोषित
दवाओं
के
नमूनों
की
संख्या
–
133 -
अभियोजन
की
संख्या
–
211 -
गिरफ्तार
व्यक्तियों
की
संख्या
–
141 -
जब्त
दवाओं
का
अनुमानित
मूल्य
(लाखों
में)
–
997.47
इन
मामलों
के
अलावा,
पश्चिम
बंगाल
में
नकली/गलतब्रांडेड/मिलावटी
आईएसएम
(भारतीय
चिकित्सा
प्रणाली)
दवाओं
के
11
मामले
दर्ज
किए
गए
हैं.
साल
2013
का
आंकड़ा
-
परीक्षण
किए
गए
औषधि
नमूनों
की
संख्या
29785 -
मानक
घोषित
नमूनों
की
संख्या
गुणवत्ता
की
नहीं
–
1137 -
नकली/मिलावटी
घोषित
दवाओं
के
नमूनों
की
संख्या
–
38 -
अभियोजन
की
संख्या
–
99 -
गिरफ्तार
व्यक्तियों
की
संख्या
35 -
फरवरी
2024
का
आंकड़ा -
परीक्षण
किए
गए
औषधि
नमूनों
की
संख्या
1167 -
मानक
घोषित
नमूनों
की
संख्या
गुणवत्ता
की
नहीं
–
58 -
नकली/मिलावटी
घोषित
दवाओं
के
नमूनों
की
संख्या
02
क्या
है
मिस
ब्रांड
ड्रग
विभाग
के
मुताबिक
दवाओं
की
जांच
में
जो
मिस
ब्रांड
मिलता
है.
उसका
अर्थ
यह
है
कि
दवाओं
पर
जो
दावा
किया
है,
जो
पदार्थ
मिले
होने
और
फार्मूला
की
बात
लिखी
है.
वास्तव
में
वह
दवा
में
मिले
ही
नहीं
है.
ऐसे
में
वह
फायदा
करने
के
बजाए
लंबे
समय
तक
सेवन
करने
पर
नुकसान
करता
है.
सरकार
ने
क्यू
आर
कोड
सिस्मट
किया
शुरु
दवाओं
की
गुणवत्ता
को
ध्यान
में
रखते
हुए
सरकार
ने
दवाओं
के
उपर
क्यू
आर
कोड
सिस्टम
भी
जारी
किया
है.
जिसे
कोई
भी
अपने
मोबाइल
पर
स्कैन
करके
यह
पता
कर
सकता
है
कि
दवा
सही
है
अथवा
गलत.
वैसे
आम
तौर
पर
कोई
भी
दवा
की
दुकान
में
इस
तरह
से
स्कैन
नहीं
करता
है
जिसका
खामियाजा
कभी-कभी
मरीजों
को
भुगतना
पड़ता
है.