

प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी,
केंद्रीय
गृहमंत्री
अमित
शाह
और
बीजेपी
अध्यक्ष
जेपी
नड्डा
गुजरात
बीजेपी
का
सबसे
मजबूत
दुर्ग
माना
जाता
है.
बीजेपी
की
यह
सियासी
प्रयोगशाला
भी
है.
2014
और
2019
के
चुनाव
में
बीजेपी
ने
सभी
26
सीटें
जीतने
में
सफल
रही
है
और
लतागार
तीसरी
बार
क्लीन
स्वीप
का
टारगेट
सेट
किया.
गुजरात
बीजेपी
में
इन
दिनों
सियासी
उठापटक
चल
रही
है.
बीजेपी
अपनों
के
विरोध
के
चलते
दो
उम्मीदवारों
का
टिकट
बदल
चुकी
है.
इसके
बावजूद
मामला
रुक
नहीं
रही
है
और
तीन
सीटों
पर
जिस
तरह
से
सियासी
संग्राम
छिड़ा
है,
उसके
चलते
टिकट
कटने
की
तलवार
लटक
रही
है.
गुजरात
बीजेपी
में
पहली
बार
इस
तरह
से
हो
रहा
है,
जिसके
बाद
सवाल
उठ
रहे
हैं
कि
पार्टी
में
ऑल
इज
वेल
नहीं
है.
गुजरात
में
सभी
26
लोकसभा
सीट
पर
तीसरे
चरण
में
सात
मई
को
चुनाव
है.
बीजेपी
ने
सभी
26
सीटों
पर
अपने
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
कर
रखा
है.
गुजरात
में
कांग्रेस
और
आम
आदमी
पार्टी
मिलकर
चुनाव
लड़
रही
हैं.
कांग्रेस
24
सीटों
पर
तो
आम
आदमी
पार्टी
दो
सीटों
भरूच
और
भावनगर
में
चुनाव
लड़
रही
है.
कांग्रेस
के
पास
गुजरात
में
खोने
के
लिए
कुछ
नहीं
है,
क्योंकि
पिछले
दो
चुनाव
से
उसका
खाता
तक
नहीं
खुला
है.
ऐसे
में
बीजेपी
के
सामने
ही
सारे
चैलेंज
है
और
पार्टी
में
जिस
तरह
सियासी
घमासान
मचा
है,
उससे
टेंशन
और
भी
बढ़
गई
है.
बीजेपी
दो
टिकट
बदल
चुकी
है
गुजरात
में
बीजेपी
अपनों
के
ही
विरोध
के
चलते
दो
उम्मीदवार
बदल
चुकी
है.
साबरकांठा
लोकसभा
सीट
पर
बीजेपी
ने
भीखाजी
ठाकोर
को
उम्मीदवार
घोषित
किया
था,
जिसके
बाद
विरोध
के
सुर
सुनाई
पड़ने
लगे.
विवाद
इतना
बढ़
गया
कि
भीखाजी
ठाकोर
ने
चुनाव
लड़ने
से
मना
कर
दिया
और
पार्टी
ने
उनकी
जगह
दूसरा
उम्मीदवार
घोषित
किया.
कांग्रेस
से
बीजेपी
में
आए
पूर्व
विधायक
महेंद्र
सिंह
बरैया
की
पत्नी
शोभना
बरैया
को
उम्मीदवार
घोषित
किया.
ये
भी
पढ़ें
बीजेपी
ने
वडोदरा
सीट
पर
दो
बार
की
सांसद
रंजन
बेन
भट्ट
को
उम्मीदवार
घोषित
करने
के
बाद
जबरदस्त
विरोध
हुआ.
रंजन
बेन
भट्ट
के
खिलाफ
पोस्टर
तक
लगा
दिए
गए,
जिसके
बाद
पार्टी
को
उनकी
उम्मीदवारी
का
बदलना
पड़ा.
रंजन
बेन
भट्ट
ने
चुनाव
लड़ने
से
ही
मना
कर
दिया
और
बीजेपी
ने
उनकी
जगह
पर
हेमांग
जोशी
को
उतारा
है.
बीजेपी
में
यह
यहीं
थम
नहीं
रहा
है
बल्कि
तीन
और
सीटों
पर
विरोध
चल
रहा
है,
जिनके
टिकट
बदले
जाने
की
मांग
उठ
रही
है.
रूपाला
के
बयान
पर
मचा
बवाल
राजकोट
लोकसभा
सीट
पर
बीजेपी
ने
केंद्रीय
मंत्री
पुरुषोत्तम
रूपाला
को
उम्मीदवार
बनाया
है.
रूपाला
के
एक
बयान
पर
इतना
विवाद
हो
रहा
है
कि
उसे
थामने
के
लिए
उन्हें
माफी
तक
मांगी
पड़ी.
इसके
बावजूद
मामला
रुक
नहीं
रहा
है.
रूपाला
ने
बयान
दिया
था
कि
अलग-अलग
राजपूत
शासकों
और
अंग्रेजों
के
बीच
सांठगांठ
थी,
जिसके
बाद
विवाद
हुआ
और
बढ़ता
ही
गया.
क्षत्रिय
समाज
अब
इस
पर
अड़ा
है
कि
पुरुषोत्तम
रूपाला
का
टिकट
काटा
जाए.
रुपाला
और
गुजरात
सीएम
भूपेंद्र
पटेल
सोमवार
को
दिल्ली
पहुंचे
और
बीजेपी
हाईकमान
से
मुलाकात
की
है.
भूपेंद्र
पटेल
ने
पीएम
मोदी
से
भी
मुलाकात
की
और
माना
जा
रहा
है
कि
बीजेपी
में
हो
रहे
सियासी
संग्राम
की
जानकारी
दी
है.
इसके
अलावा
साबरकांठा
लोकसभा
सीट
पर
भी
टिकट
को
लेकर
सियासी
घमासान
थमने
का
नाम
नहीं
ले
रहा
है.
बीजेपी
शीर्ष
नेतृत्व
अब
गुजरात
में
मचे
सियासी
संग्राम
को
खत्म
करने
के
लिए
कसरत
शुरू
कर
दी
है.
गुजरात
बीजेपी
में
पहली
बार
संग्राम
गुजरात
की
वरिष्ठ
पत्रकार
गोपी
मनिहार
ने
टीवी-9
डिजिटल
से
बातचीत
करते
हुए
कहा
कि
गुजरात
की
सियासत
में
पहली
बार
ऐसा
दिख
रहा
है
कि
बीजेपी
के
लोकसभा
उम्मीदवारों
का
विरोध
हो
रहा
है.
अभी
तक
इस
तरह
का
कल्चर
कांग्रेस
में
रहा
है,
जहां
टिकटों
पर
विरोध
होते
रहे
है
जबकि
बीजेपी
तो
अनुशासन
वाली
पार्टी
रही
है.
बीजेपी
में
शीर्ष
नेतृत्व
के
फैसले
को
सभी
स्वीकार
करते
थे,
लेकिन
गुजरात
बीजेपी
में
जो
विरोध
प्रदर्शन
हो
रहे
हैं
वह
काफी
ज्यादा
है.
इसीलिए
बीजेपी
की
चिंता
बढ़
गई
है.
90
के
दशक
में
इस
तरह
का
वाकया
शंकर
सिंह
वाघेला
के
समय
देखा
गया
था,
लेकिन
उसके
बाद
अब
हो
रहा
है.
गोपी
कहती
हैं
कि
राजकोट
से
उम्मीदवार
पुरुषोत्तम
रूपाला
का
विरोध
हो
रहा
है.
रूपाला
का
विरोध
चिंता
की
बात
है,
क्योंकि
राजकोट
बीजेपी
का
मजबूत
गढ़
माना
जाता
है.
नरेंद्र
मोदी
जब
2001
में
गुजरात
मुख्यमंत्री
बने
तो
उन्होंने
अपना
जिंदगी
का
पहला
चुनाव
राजकोट
से
लड़ा
था.
गुजरात
में
क्षत्रिय
खुलकर
विरोध
में
उतर
गए
हैं,
जो
बड़ी
संख्या
में
है.
गुजरात
के
ग्रामीण
इलाकों
में
क्षत्रिय
वोटर
अहम
रोल
में
है,
जिसे
बीजेपी
किसी
भी
सूरत
में
नाराज
नहीं
करना
चाहती
है.
इसीलिए
सीएम
भूपेंद्र
पटेल
ने
क्षत्रिय
नेताओं
के
साथ
बैठक
की
है
और
उन्हें
समझाने
की
कवायद
है.
वडोदरा
और
साबरकांठा
सीट
पर
बदले
गए
उम्मीदवार
बता
दें
कि
पीएम
नरेंद्र
मोदी
और
गृह
मंत्री
अमित
शाह
गुजरात
आते
हैं.
ऐसे
में
बीजेपी
किसी
भी
सूरत
में
गुजरात
में
जोखिम
भरा
कदम
नहीं
उठाना
चाहेगी.
इसीलिए
बीजेपी
ने
वडोदरा
और
साबरकांठा
में
उम्मीदवारों
का
विरोध
हुआ
तो
पार्टी
ने
उनका
फौरन
टिकट
काट
दिया.
साबरकांठा
सीट
पर
बीजेपी
ने
भीखाजी
भाई
ठाकोर
का
टिकट
काटकर
कांग्रेस
से
बीजेपी
में
आए
पूर्व
विधायक
महेंद्र
सिंह
की
पत्नी
शोभना
को
उम्मीदवार
घोषित
किया
गया
था.
इसके
बाद
साबरकांठा
में
काफी
विरोध
सामने
आया
था.
यह
विवाद
भीखाजी
ठाकोर
की
टिकट
बहाल
करने
की
मांग
को
लेकर
था.
साबरकांठा
सीट
पर
विवाद
बढ़ने
पर
दो
दिन
पहले
मुख्यमंत्री
भूपेंद्र
पटेल
ने
साबरकांठा
से
जुड़े
तमाम
नेताओं
के
साथ
बंद
कमरे
में
बैठक
की
थी.
ऐसा
माना
जा
रहा
है
कि
सीएम
ने
साबरकांठा
और
राजकोट
के
घटनाक्रम
से
पीएम
मोदी
को
अवगत
कराया
है.
गुजरात
पहुंच
कर
सीएम
भूपेंद्र
पटेल
ने
क्षत्रिय
नेताओं
के
साथ
बैठक
कर
रुपाला
के
खिलाफ
उनकी
नाराजगी
को
खत्म
करने
की
कवायद
की
है.
ऐसे
में
देखा
है
कि
बीजेपी
किस
तरह
से
गुजरात
में
ऑल
इज
वेल
का
माहौल
स्थापित
कर
पाती
है?