
विदेश
मंत्री
एस
जयंशकरImage
Credit
source:
ANI
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
ने
रविवार
को
अपने
इजराइली
समकक्ष
इजराइल
काट्ज
के
साथ
टेलीफोन
पर
बातचीत
की.
उन्होंने
ईरान-इजराइल
तनाव
से
उत्पन्न
स्थिति
पर
भारत
की
चिंताओं
को
साझा
किया.
1
अप्रैल
को
दमिश्क
में
अपने
वाणिज्य
दूतावास
पर
हमले
के
जवाब
में
ईरान
ने
सैकड़ों
ड्रोन
और
मिसाइलें
दागकर
इजराइल
पर
पहली
बार
सीधा
हमला
बोला.
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
ने
कहा,
अभी-अभी
इजरायल
के
विदेश
मंत्री
इजराइल
काट्ज
के
साथ
बातचीत
समाप्त
हुई.
कल
के
घटनाक्रम
पर
अपनी
चिंता
साझा
की.
व्यापक
क्षेत्रीय
स्थिति
पर
चर्चा
की.
संपर्क
में
बने
रहने
पर
सहमति
व्यक्त
की.
इजराइल
और
ईरान
के
बीच
तनाव
पर
विदेश
मंत्रालय
ने
कहा
कि
हम
इजराइल
और
ईरान
के
बीच
बढ़ती
शत्रुता
से
गंभीर
रूप
से
चिंतित
हैं,
जिससे
क्षेत्र
में
शांति
और
सुरक्षा
को
खतरा
है.
तत्काल
तनाव
कम
करने
पर
जोर
भारत
ने
कहा
है
कि
हम
दोनों
देशों
से
तत्काल
तनाव
कम
करने,
संयम
बरतने,
हिंसा
से
पीछे
हटने
और
कूटनीति
के
रास्ते
पर
लौटने
का
आह्वान
करते
हैं.
विदेश
मंत्रालय
ने
कहा
कि
भारत
पश्चिम
एशिया
में
उभरती
स्थिति
पर
करीब
से
नजर
रख
रहा
है.
दोनों
देशों
के
बीच
तनाव
को
देखते
हुए
भारत
के
लोगों
से
इन
देशों
की
यात्रा
नहीं
करने
की
सलाह
दी
है.
Just
concluded
a
conversation
with
Israel
FM
@Israel_katz.Shared
our
concern
at
the
developments
yesterday.Discussed
the
larger
regional
situation.
Agreed
to
stay
in
touch.—
Dr.
S.
Jaishankar
(Modi
Ka
Parivar)
(@DrSJaishankar)
April
14,
2024
17
भारतीय
नागरिकों
की
रिहाई
की
मांग
इससे
पहले
विदेश
मंत्री
ने
ईरान
के
विदेश
मंत्री
होसैन
अमीर
–
अब्दुल्लाहियन
से
बात
की
थी.
बातचीत
के
दौरान
विदेश
मंत्री
ने
पुर्तगाली
ध्वज
वाले
मालवाहक
जहाज
पर
सवार
17
भारतीय
नागरिकों
की
रिहाई
की
मांग
की.
फोन
पर
बातचीत
के
दौरान
विदेश
मंत्री
ने
ईरान
से
तनाव
से
बचने,
संयम
बरतने
और
कूटनीति
के
रास्ते
पर
लौटने
का
आह्वान
भी
किया.
दरअसल,
शनिवार
को
होर्मुज
जलडमरूमध्य
के
पास
ईरानी
सेना
ने
इजराइल
के
एक
अरबपति
के
जहाज
को
अपने
कब्जे
में
ले
लिया
था.
इस
जहाज
पर
17
भारतीय
चालक
दल
के
सदस्यों
भी
मौजूद
हैं.
अब
भारत
सरकार
जहाज
पर
सवार
भारतीयों
की
रिहाई
सुनिश्चित
करने
के
लिए
ईरान
से
बातचीत
कर
रहा
है.