मशीन में दबा शरीर, कटा पैर… कंपनी वाले दूसरे जिले में फेंक आए मैनेजर का शव; पुलिस ने किया खुलासा

मशीन में दबा शरीर, कटा पैर… कंपनी वाले दूसरे जिले में फेंक आए मैनेजर का शव; पुलिस ने किया खुलासा
मशीन में दबा शरीर, कटा पैर... कंपनी वाले दूसरे जिले में फेंक आए मैनेजर का शव; पुलिस ने किया खुलासा


प्रतीकात्मक
तस्वीर.

उत्तर
प्रदेश
के
लखनऊ
में
इंसानियत
को
शर्मसार
कर
देने
वाली
घटना
सामने
आई
है.
यहां
बंथरा
में
लखनऊ-कानपुर
एक्सप्रेस
वे
के
निर्माण
कार्य
में
लगी
पीएनसी
कंपनी
की
हाइड्रा
मशीन
में
दबकर
एरीज
एग्रो
कंपनी
के
मैनेजर
की
मौत
हो
गई.
उसका
एक
पैर
भी
कटकर
अलग
हो
गया.
लेकिन
बजाय
इसके
कि
कंपनी
वाले
मृतक
के
घर
वालों
और
पुलिस
को
इसकी
जानकारी
देते,
उन्होंने
इस
घटना
को
छुपाने
की
कोशिश
की.
शव
को
ले
जाकर
उन्नाव
के
सोहरामऊ
इलाके
में
सड़क
किनारे
फेंक
दिया.

जब
पुलिस
ने
मामले
की
जांच
शुरू
की
तो
आरोपियों
की
शर्मनाक
करतूत
उजागर
हुई.
इसके
बाद
पीएनसी

एरीज
एग्रो
कंपनी
के
मालिकों
समेत
पांच
पर
नामजद

अन्य
अज्ञात
कर्मचारियों,
अफसरों
के
खिलाफ
मामला
दर्ज
किया
गया.

जानकारी
के
मुताबिक,
रायबरेली
के
हरचंदरपुर
थानाक्षेत्र
का
रहने
वाला
देशराम
(49)
बंथरा
स्थित
एरीज
एग्रो
कंपनी
में
पांच
साल
से
मैनेजर
के
पद
पर
कार्यरत
था.
वह
तीन
अप्रैल
की
रात
से
लापता
था.
उसके
परिजनों
ने
आठ
अप्रैल
को
बंथरा
थाने
में
गुमशुदगी
की
रिपोर्ट
दर्ज
कराई.
उधर,
इससे
पहले
चार
अप्रैल
की
सुबह
उन्नाव
के
सोहरामऊ
थानाक्षेत्र
में
लखनऊ-कानपुर
हाईवे
के
किनारे
एक
शव
मिला
था.
सात
अप्रैल
को
पुलिस
ने
लावारिस
में
उसका
पोस्टमार्टम
कराने
के
बाद
अंतिम
संस्कार
कर
दिया.
बंथरा
पुलिस
ने
शव
की
फोटो,
कपड़े
आदि
दिखाए
तो
देशराम
के
परिजनों
ने
उनकी
शिनाख्त
की.

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कट
गया
था
दाहिना
पैर

पुलिस
ने
बताया
कि
जांच
में
पता
चला
कि
एक्सप्रेस
वे
के
काम
में
लगी
हाइड्रा
में
दबकर
देशराम
घायल
हो
गया
था.
उसका
दाहिना
पैर
कट
गया
और
फिर
मौत
हो
गई.
पीएनसी
और
एरीज
के
कर्मचारियों

अधिकारियों
ने
मिलकर
उसका
शव
सोहरामऊ
में
फेंक
दिया.
दोनों
कंपनियों
के
मालिक,
डीजीएस
साहू,
गोपाल
पात्रा,
मृत्युंजय

अज्ञात
कर्मचारियों
पर
हत्या,
साक्ष्य
मिटाने

साजिश
रचने
की
धारा
में
केस
दर्ज
किया
गया.
सभी
आरोपी
फरार
हैं.
उनकी
तलाश
की
जा
रही
है.


इस
तरह
खुला
मौत
का
राज

डीसीपी
टीएस
सिंह
ने
बताया
कि
शव
की
शिनाख्त
होने
के
बाद
तफ्तीश
में
पता
चला
कि
कंपनी
के
बाहर
पास
में
एक
घर
में
पीएनसी
का
कर्मचारी
रवि
पांडेय
रहता
है.
देशराम
उसी
के
साथ
रहता
था.
रवि
से
सख्ती
से
पूछताछ
की
गई
तब
उसने
पूरी
वारदात
बताई.
बताया
कि
तीन
अप्रैल
की
रात
में
ही
देशराम
की
मौत
हो
गई
थी.
आरोपियों
ने
शव
ठिकाने
लगा
दिया
था.
उसे
मुंह
बंद
रखने
की
धमकी
दी
गई
थी.