

उमर
अब्दुल्ला
और
महबूबा
मुफ्ती.
(फाइल
फोटो)
जम्मू-कश्मीर
से
अनुच्छेद-370
हटाए
जाने
के
बाद
राजनीतिक
गठबंधन
‘पीपुल्स
अलायंस
फॉर
गुपकार
डिक्लेरेशन’
अस्तित्व
में
आया
था.
इसके
प्रमुख
घटक
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
और
पीडीपी
थे.
मगर,
लोकसभा
चुनाव
से
पहले
इस
गठबंधन
की
राहें
जुदा
होती
दिख
रही
हैं.
इसकी
बानगी
तब
देखने
को
मिली
जब
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
ने
लोकसभा
चुनाव
को
लेकर
अपने
उम्मीदवारों
की
घोषणा
करनी
शुरू
कर
दी.
इस
पर
महबूबा
मुफ्ती
ने
भी
सभी
सीटों
पर
चुनाव
लड़ने
का
ऐलान
कर
दिया.
पीडीपी
(पीपुल्स
डेमोक्रेटिक
पार्टी)
मुखिया
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
के
फैसले
से
आहत
हैं.
उन्होंने
अपना
दर्द
भी
बयां
किया
है.
महबूबा
ने
कहा,
उमर
अब्दुल्ला
के
रवैये
से
मैं
और
मेरी
पार्टी
के
कार्यकर्ता
आहत
हैं.
आहत
कार्यकर्ताओं
से
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
को
समर्थन
देने
की
बात
कैसे
कहूं.
हमारे
बीच
I.N.D.I.A.
में
फारूक
अब्दुल्ला
वरिष्ठ
नेता
थे.
वो
कॉल
करके
बता
सकते
थे
कि
वो
खुद
चुनाव
लडेंगे.
हमने
निर्णय
लिया
है
कि
हम
लोकसभा
चुनाव
लडेंगे.
ये
भी
पढ़ें
पीडीपी
मुखिया
ने
आगे
कहा
कि
हम
कश्मीर
संभाग
में
लोकसभा
चुनाव
लड़ने
का
फैसला
कर
चुके
हैं.
जम्मू
को
लेकर
अभी
बातचीत
चल
रही
हैं
क्योंकि
उमर
ने
कोई
रास्ता
ही
नहीं
छोड़ा
है.उमर
ने
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
में
विधानसभा
चुनाव
को
लेकर
जो
कहा
वो
भी
आहत
करने
वाला
है.
हालांकि,
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
पार्टी
का
पार्लियामेंट्री
बोर्ड
करेगा.
उमर
बोले-
ये
बात
पीडीपी
को
कुबूल
नहीं
थी
नेशनल
कॉन्फ्रेंस
नेता
उमर
अब्दुल्ला
ने
कहा,
कश्मीर
की
तीन
सीटों
पर
हमने
उनके
(पीडीपी)
ही
फॉर्मूला
पर
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
किया
है.
डीडीसी
के
चुनाव
में
हमने
महबूबा
मुफ्ती
से
कहा
था
कि
2019
के
लोकसभा
चुनाव
के
नतीजों
के
हिसाब
से
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
किया
जाना
चाहिए.
ये
बात
पीडीपी
को
कुबूल
नहीं
थी.
उन्होंने
कहा
कि
लोकसभा
चुनाव
के
नतीजों
के
आधार
पर
नहीं
बल्कि
2014
के
विधानसभा
चुनाव
के
नतीजों
के
आधार
पर
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
होना
चाहिए.
#WATCH
|
National
Conference
leader
Omar
Abdullah
says,
“…If
she
(PDP
chief
Mehbooba
Mufti)
has
announced
to
field
candidates
on
all
5
seats,
it
is
her
choice.
We
have
fielded
candidates
on
3
seats
in
Kashmir
based
on
her
formula…If
she
is
fielding
her
own
candidates
then
pic.twitter.com/EZJCeuU2LF—
ANI
(@ANI)
April
3,
2024
उमर
ने
कहा,
फैसला
ये
हुआ
था
कि
जो
जहां
से
जीता
था,
वहां
से
अपने
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
करेगा.
अब
अगर
उन्होंने
5
सीटों
पर
उम्मीदवारों
के
नाम
का
ऐलान
करने
का
फैसला
किया
है
तो
हम
क्या
ही
कर
सकते
हैं.
इससे
ये
भी
जाहिर
होता
है
कि
शायद
वो
अब
विधानसभा
चुनाव
में
भी
गठबंधन
नहीं
चाहती
हैं.
हमने
तो
दरवाजा
खुला
रखा
था.
अब
अगर
उन्होंने
वो
दरवाजा
बंद
किया
है
तो
इसमें
हमारा
कसूर
नहीं
है.