

नवनीत
कौर
राणा
महाराष्ट्र
के
अमरावती
से
निर्दलीय
सांसद
सदस्य
नवनीत
कौर
राणा
के
जाति
प्रमाण
पत्र
मामले
पर
सुप्रीम
कोर्ट
का
बड़ा
फैसला
सामने
आया
है.
कोर्ट
ने
राणा
के
राहत
दी
है
और
उनकी
याचिका
को
मंजूरी
दी.
वहीं
कोर्ट
ने
जाति
प्रमाण
पत्र
को
रद्द
करने
के
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
भी
रद्द
कर
दिया
है.
इस
बार
सांसद
नवनीत
कौर
राणा
बीजेपी
के
टिकट
पर
लोकसभा
चुनाव
में
उतरेंगी.
जस्टिस
जेके
माहेश्वरी
और
जस्टिस
संजय
करोल
की
बेंच
ने
नवनीत
के
जाति
प्रमाण
पत्र
मामले
में
फैसला
सुनाया
है.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
बॉम्बे
हाईकोर्ट
के
उस
फैसले
को
रद्द
कर
दिया,
जिसमें
अमरावती
से
सांसद
नवनीत
राणा
का
अनुसूचित
जाति
(SC)प्रमाण
पत्र
रद्द
कर
दिया
गया
था.
नवनीत
ने
साल
2019
में
निर्दलीय
चुनाव
लड़ा
था
और
जीत
दर्ज
की
थी.
लेकिन
इस
बार
वो
बीजेपी
के
टिकट
पर
चुनाव
लड़ेंगी.
क्या
है
पूरा
मामला
8
जून
साल
2021
में
बॉम्बे
हाईकोर्ट
ने
नवनीत
राणा
का
जाति
प्रमाण
पत्र
ये
कहते
हुए
खारिज
कर
दिया
था
कि
नवनीत
ने
मोची
जाति
का
प्रमाण
पत्र
फर्जी
दस्तावेजों
का
इस्तेमाल
करके
धोखाधड़ी
से
हासिल
किया.
कोर्ट
ने
कहा
था
कि
रिकॉर्ड
से
पता
चलता
है
कि
वो
सिख-चमार
जाति
से
थीं.
साथ
ही
हाईकोर्ट
ने
उन
पर
2
लाख
रुपए
जुर्माना
भी
लगाया
था.
नवनीत
ने
अपना
जाति
प्रमाण
पत्र
रद्द
करने
के
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
चुनौती
दी
थी.
जिसके
बाद
अब
सुप्रीम
कोर्ट
ने
नवनीत
को
राहत
दे
दी
है.
ये
भी
पढ़ें
सुप्रीम
कोर्ट
ने
क्या
फैसला
सुनाया
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
सांसद
नवनीत
राणा
के
जाति
प्रणाम
पत्र
में
कोई
खामी
नहीं
है.
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
कि
स्क्रूटनी
कमेटी
ने
प्रमाण
पत्र
को
सही
माना
था,
इसके
बावजूद
हाईकोर्ट
ने
उनका
जाति
प्रमाण
पत्र
रद्द
कर
दिया
था,
जो
सही
नहीं
है.
हम
हाईकोर्ट
के
फैसले
को
रद्द
करते
हैं.
भाजपा
की
टिकट
पर
अब
लड़ने
वाली
है
नवनीत,
2019
में
निर्दलीय
लड़ी
थी.
नवनीत
राणा
को
2019
लोकसभा
चुनाव
में
महाराष्ट्र
की
अमरावती
की
उस
सीट
से
जीत
मिली
थी
जो
अनुसूचित
जाति
के
लिए
आरक्षित
है.