

बोरवल
में
गिरा
दो
साल
का
सात्विक
कहते
हैं
जाको
राखे
साइयां…मार
सके
ना
कोई.
हमने
कई
बार
इस
तरह
के
मौके
देखें
हैं
जिसमें
ये
बात
सामने
आई
है
कि
जिसकी
रक्षा
खुद
भगवान
करते
हैं
उसका
मौत
भी
कुछ
नहीं
बिगाड़
सकती.
एक
और
ऐसा
ही
मामला
सामने
आया
आंध्र
प्रदेश
के
एक
गांव
से
जहां
बोरवेल
में
गिरा
एक
छोटा
बच्चा
सात्विक
20
घंटे
तक
बिना
खाने,
पानी,
हवा-रोशनी
के
भी
जिंदा
रहा
और
बचा
ली
गया.
आंध्र
प्रदेश
के
विजयपुर
जिले
के
इंडी
तालुक
के
लाचना
गांव
में
बोरवेल
में
गिरा
एक
छोटा
बच्चा
सात्विक
बच
गया.
हैरानी
की
बात
ये
है
की
वह
एक,
दो
नहीं
बल्कि
पूरे
20
घंटे
बोरवेल
में
फंसे
रहने
के
बाद
भी
जिंदा
बचा
रह
गया.
ये
इतना
बड़ा
चमत्कार
था
कि
खुद
डॉक्टर
भी
हैरान
रह
गए.
सात्विक
बिना
किसी
खाने,
पानी,
हवा-रोशनी
के
भी
वहां
जिंदा
रह
गया
ये
किसी
करिश्मे
से
कम
नहीं
है.
खुले
बोरवेल
में
गिरा
दो
साल
का
सात्विक
एक
खुले
बोरवेल
में
गिरा
दो
साल
का
कंडम्मा
सात्विक
बच
गया.
एनडीआरएफ,
एसडीआरएफ
और
अग्निशमन
कर्मियों
ने
लगातार
20
घंटे
तक
सघन
अभियान
चलाकर
सात्विक
को
जिंदा
बाहर
निकाला.
डॉक्टर
खुद
इस
बात
से
हैरान
हैं
कि
दो
साल
का
बच्चा
बिना
भोजन,
पानी,
हवा
और
रोशनी
के
20
दिनों
तक
जीवित
रहा.
20
घंटों
तक
लगातार
चले
ऑपरेशन
के
बाद
सात्विक
को
जिंदा
बाहर
निकाला
गया
और
सीधे
इंडी
डिस्ट्रिक्ट
हॉस्पिटल
भेज
दिया
गया.
बाद
में,
भारत
तालुक
चिकित्सा
अधिकारी
अर्चना
कुलकर्णी
और
उनके
स्टाफ
ने
ऑक्सीजन,
पल्स
रेट
सहित
बच्चे
की
स्वास्थ्य
स्थिति
की
जांच
की.
बाद
में
पाया
गया
की
बच्चे
को
कोई
चोट
नहीं
आई
है.
अर्चना
कुलकर्णी
ने
मीडिया
के
सामने
स्पष्ट
किया
कि
सात्विक
ठीक
है,
साथ
ही
बच्चे
की
सेहत
देखकर
डॉक्टर
भी
हैरान
हैं.
सीएम
सिद्धारमैया
ने
किया
ट्वीट
इस
मामले
पर
सीएम
सिद्धारमैया
ने
इस
संबंध
में
ट्वीट
किया
है.
विजयपुर
जिले
के
इंडी
तालुक
के
लछ्याना
गांव
में
दुर्घटनावश
एक
ट्यूबवेल
में
गिरे
दो
साल
के
लड़के
सात्विक
का
बचाव
अभियान
सफल
रहा.
उन्होंने
कहा
कि
बच्चे
की
सुरक्षा
के
लिए
चौबीसों
घंटे
काम
करने
वाले
कर्मचारियों
और
जनता
की
दक्षता
सराहनीय
है.
उन्होंने
कहा
कि
बच्चे
के
परिवार
और
देश
के
लाखों
लोगों
की
इच्छाएं
पूरी
हो
गई
हैं,
मौत
पर
जीत
हासिल
करने
वाला
नन्हा
कंदम्मा
अपने
माता-पिता
को
दोबारा
देखकर
खुश
है.
रातभर
चला
ऑपरेशन
यह
सच
है
कि
वयस्क
पानी,
चावल,
हवा-रोशनी
के
बिना
20
घंटे
तक
जीवित
नहीं
रह
सकते.
वो
बीमार
हो
जाते
हैं.
यह
आश्चर्य
की
बात
है
कि
केवल
दो
साल
का
बच्चा
सात्विक
बिना
पानी,
भोजन,
हवा
या
रोशनी
के
बीस
घंटे
तक
जीवित
रहा.
विशेषकर
उस
छोटे
पाइप
में
जिसे
जरा
भी
हिलाया
तक
नहीं
जा
सकता.
आपको
बता
दें
कि
सात्विक
कल
यानी
04
अप्रैल
की
शाम
लगभग
5.30
बजे
एक
खुले
बोरवेल
में
गिर
गया
था.
वह
16
फीट
की
गहराई
पर
फंसा
हुआ
था.
बाद
में
मामले
का
पता
चलते
ही
जिला
फायर
ब्रिगेड
पुलिस
के
साथ
मौके
पर
पहुंची.
बाद
में
एनडीआरएफ
और
एसडीआरएफ
के
जवानों
ने
बच्चे
को
बचाने
के
लिए
रात
भर
ऑपरेशन
चलाया.
न
सिर्फ
गांव
वालों
ने
बल्कि
पूरे
करुणद
ने
सात्विक
के
लिए
प्रार्थना
की.
आखिरकार
20
घंटे
बाद
सात्विक
ने
मौत
पर
जीत
हासिल
कर
ली
है.