पूर्णिया फतह करने का पप्पू यादव चल रहे दांव, आरजेडी के खिलाफ बिछा रहे मजबूत बिसात

पूर्णिया फतह करने का पप्पू यादव चल रहे दांव, आरजेडी के खिलाफ बिछा रहे मजबूत बिसात
पूर्णिया फतह करने का पप्पू यादव चल रहे दांव, आरजेडी के खिलाफ बिछा रहे मजबूत बिसात


पप्पू
यादव,
लालू
प्रसाद
यादव
,तेजस्वी
यादव

बिहार
में
सबसे
हॉट
लोकसभा
सीट
पूर्णिया
बनी
हुई
है.
कांग्रेस
में
अपनी
पार्टी
का
विलय
करने
के
बाद
भी
राजेश
रंजन
(पप्पू
यादव)
पूर्णिया
सीट
से
निर्दलीय
प्रत्याशी
के
रूप
में
मैदान
में
है.
इंडिया
गठबंधन
के
तहत
पूर्णिया
सीट
कांग्रेस
के
बजाय
आरजेडी
के
खाते
में
गई
है.
आरजेडी
प्रमुख
लालू
प्रसाद
यादव
ने
जेडीयू
से
आईं
बीमा
भारती
को
टिकट
देकर
मैदान
में
उतार
दिया
है.
ऐसे
में
पप्पू
यादव
के
निर्दलीय
उतरने
से
मुकाबला
रोचक
हो
गया
है
और
सबसे
बड़ा
सिरदर्द
वो
आरजेडी
के
लिए
बन
रहे
हैं.

पप्पू
यादव
ने
नामांकन
करने
के
साथ
ही
पूर्णिया
सीट
पर
आरजेडी
के
खिलाफ
सियासी
बिसात
बिछानी
शुरू
कर
दी
है
ताकि
उनकी
सियासी
राह
आसान
हो
सके.
यही
वजह
है
कि
नामांकन
के
बाद
पप्पू
यादव
भाषण
देते-देते
इतने
इमोशनल
हो
गए
कि
मंच
पर
ही
फूट-फूटकर
रोने
लगे.
इस
तरह
उन्होंने
पूर्णिया
में
सहानभूति
बटोरने
का
काम
किया.
इस
दौरान
उन्होंने
एक
तीर
से
कई
निशाने
साधे.
शहाबुद्दीन
से
लेकर
तारिक
अनवर
और
तस्लीमुद्दीन
का
जिक्र
करके
मुस्लिमों
को
अपने
पक्ष
में
लामबंद
करने
का
दांव
चला.

पप्पू
यादव
का
कांग्रेस
कनेक्शन

वहीं,
लोकसभा
चुनाव
लड़
रहीं
लालू
यादव
की
बेटी
रोहिणी
आचार्य
और
मीसा
भारती
को
पप्पू
यादव
ने
अपनी
बहन
बताते
हुए
उनके
लिए
प्रचार
करने
का
ऐलान
करके
आरजेडी
के
कोर
वोटबैंक
यादव
समुदाय
को
साधने
की
कोशिश
की
है.
कांग्रेस
भले
ही
पूर्णिया
सीट
आरजेडी
से

ले
पाई
हो,
लेकिन
जिस
तरह
पप्पू
यादव
मरते
दम
तक
कांग्रेस
में
रहने
और
राहुल
गांधी

प्रियंका
गांधी
के
साथ
काम
करने
की
बात
कर
रहे
हैं,
उसके
जरिए
यह
बताने
की
कवायद
है
कि
भले
ही
आरजेडी
ने
बीमा
भारती
को
पूर्णिया
से
टिकट
दिया
हो,
लेकिन
इंडिया
गठबंधन
के
प्रत्याशी
वही
हैं.

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इमोशनल
दांव
खेल
रहे
पप्पू
यादव

पांच
बार
के
सांसद
रहे
पप्पू
यादव
ने
पूर्णिया
लोकसभा
क्षेत्र
से
नामांकन
के
बाद
टाउन
हॉल
में
एक
जनसभा
को
संबोधित
किया.
इस
दौरान
मंच
पर
पप्पू
यादव
ने
रोते
हुए
इमोशनल
कार्ड
खेला
और
साथ
ही
लालू
यादव
और
तेजस्वी
यादव
पर
जमकर
तंज
कसा.
उन्होंने
कहा,
आखिर
मुझमें
क्या
कमी
थी
कि
मेरे
खिलाफ
आरजेडी
ने
प्रत्याशी
उतार
दिया
जबकि
मैं
कांग्रेस
में
अपनी
पार्टी
का
विलय
करने
से
पहले
लालू
यादव
से
भी
मुलाकात
कर
कहा
था
कि
मैं
पूर्णिया
से
लड़ूंगा.
इसके
बाद
पूर्णिया
सीट
से
आरजेडी
ने
नामांकन
करा
दिया.

पप्पू
यादव
ने
कहा
कि
मेरी
राजनीतिक
हत्या
की
कोशिश
की
गई.
आरजेडी
पूर्णिया
सीट
से
कभी
चुनाव
नहीं
जीती
फिर
भी
इस
सीट
को
ले
लिया
ताकि
मैं
चुनाव

लड़
सकूं.
इस
तरह
पप्पू
यादव
पूर्णिया
के
लोगों
के
सामने
इमोशनली
दांव
चल
रहे
हैं,
क्योंकि
उन्हें
पता
हैं
कि
मौजूदा
दौर
में
निर्दलीय
प्रत्याशी
के
तौर
पर
चुनाव
जीतना
आसान
नहीं
है.
इसीलिए
पप्पू
यादव
अब
लोगों
की
सहानुभूति
बटोरने
की
कोशिश
में
लगे
हैं,
जिसके
लिए
लालू
यादव
को
ही
कठघरे
में
खड़ा
कर
रहे
हैं.
खुद
को
पूर्णिया
का
बेटा
पप्पू
यादव
बता
रहे
हैं.

मुस्लिम
वोटों
को
साधने
का
दांव
चला

पूर्णिया
सीट
पर
40
फीसदी
मुस्लिम
मतदाता
है,
जो
सियासी
तौर
पर
काफी
अहम
माने
जा
रहे
हैं.
आरजेडी
का
कोर
वोटबैंक
यादव
और
मुस्लिम
है.
पूर्णिया
से
बीमा
भारती
आरजेडी
से
कैंडिडेट
है
तो
पप्पू
यादव
निर्दलीय
मैदान
में
है.
इस
तरह
दोनों
की
नजर
यादव
और
मुस्लिम
वोटबैंक
पर
है.
पप्पू
यह
बात
बाखूबी
समझ
रहे
हैं
कि
उनकी
जीत
तभी
हो
सकती
है,
जब
यादव
और
मुस्लिम
वोट
उनके
पक्ष
में
आए.
ऐसे
में
मुस्लिम
वोटों
को
साधने
के
लिए
पप्पू
यादव
ने
बड़ा
सियासी
दांव
चला.
उन्होंने
शहाबुद्दीन
से
लेकर
तारिक
अनवर
और
तस्लीमुद्दीन
का
जिक्र
किया.

पप्पू
यादव
ने
कहा
कि
इंडिया
गठबंधन
को
जिताने
के
लिए
बिहार
की
सभी
सीटों
पर
मदद
करेंगे,
लेकिन
एक
सीट
छोड़कर.
वह
सीट
सिवान
है,
जहां
से
शहाबुद्दीन
की
पत्नी
हिना
चुनाव
लड़ी
रही
हैं.
शहाबुद्दीन
ने
आरजेडी
के
लिए
अपनी
जान
दे
दी,
लेकिन
उनके
परिवार
को
दरकिनार
कर
दिया
गया.
शहाबुद्दीन
के
परिवार
को
हम
नहीं
छोड़
सकते
हैं
और
हिना
के
लिए
वोट
मांगने
भी
सिवान
जाउंगा.
साथ
ही
पप्पू
यादव
ने
कहा
कि
पूर्णिया
की
बगल
वाली
सीट
कटियार
से
तारिक
अनवर
और
किशनगंज
से
जावेद
अली
चुनाव
लड़
रहे
हैं.
तेजस्वी
यादव
पूर्णिया
में
बीमा
भारती
के
लिए
नामांकन
में
आए,
लेकिन
कटियार
और
किशनगंज
नहीं
गए.

पप्पू
यादव
ने
तो
यह
तक
कह
दिया
कि
तारिक
अनवर
के
खिलाफ
आरजेडी
ने
अपने
एक
पूर्व
राज्यसभा
सदस्य
अशफाक
करीम
को
निर्दलीय
चुनाव
मैदान
में
उतार
दिया.
इस
तरह
तारिक
अनवर
को
हराने
के
लिए
आरजेडी
ने
करीम
को
उतारा
है.
उन्होंने
पूर्णिया
से
सांसद
रहे
तस्लीमुद्दीन
का
भी
जिक्र
किया.
इस
तरह
से
सीमांचल
के
कद्दावर
मुस्लिम
नेताओं
का
जिक्र
करते
हुए
पप्पू
यादव
ने
मुस्लिमों
को
साधने
का
दांव
चला.

यादव
वोटों
के
लिए
बिछाई
बिसात

पूर्णिया
लोकसभा
सीट
पर
करीब
पौने
दो
लाख
यादव
वोटर
हैं,
जिस
पर
आरजेडी
और
पप्पू
यादव
दोनों
की
नजर
है.
आरजेडी
प्रमुख
लालू
प्रसाद
यादव
पर
पप्पू
यादव
ने
निशाना
साधा,
लेकिन
चुनाव
लड़
रही
उनकी
बेटियों
के
प्रति
पूरी
सहानुभूति
जाहिर
करते
नजर
आए.
उन्होंने
कहा
कि
रोहिणी
आचार्य,
मीसा
भारती
हमारी
बहन
है,
उनके
लिए
प्रचार
करना
पड़ा
तो
मैं
जरूर
जाउंगा.
इतना
ही
नहीं
पप्पू
यादव
ने
यह
भी
कहा
कि
हमारी
कोशिश
कांग्रेस
को
मजबूत
करने
की
है,
लेकिन
2025
में
तेजस्वी
यादव
को
सीएम
बनाने
के
लिए
भी
पूरी
ताकत
लगाने
का
काम
करूंगा.

इस
तरह
पप्पू
यादव
ने
यादव
और
आरजेडी
के
वोटरों
को
यह
संदेश
देने
की
कोशिश
की
है,
वो
आरजेडी
के
खिलाफ
नहीं
है
और

ही
तेजस्वी
की
राह
में
कोई
बाधा
बनना
चाहते
हैं.
इतना
ही
नहीं
यह
भी
कहा
कि
इंडिया
गठबंधन
को
जिताने
के
लिए
सिवान
छोड़कर
बिहार
की
सभी
सीटों
पर
प्रचार
के
लिए
जाएंगे.
पप्पू
ने
इस
तरह
यह
बताने
की
कोशिश
की
है
कि
वो
आरजेडी
और
इंडिया
गठबंधन
के
विरोधी
नहीं
बल्कि
साथ
हैं.

राहुल-प्रियंका
के
सहारे
खेला
दांव

पप्पू
यादव
ने
कहा
कि
कांग्रेस
के
राहुल
गांधी
और
प्रियंका
गांधी
ने
उन्हें
सम्मान
दिया
है.
वह
कभी
कांग्रेस
से
अलग
नहीं
होंगे,
लेकिन
कांग्रेस
और
आरजेडी
के
कुछ
नेता
उनके
विरोध
में
खड़े
हैं.
इसके
बावजूद
कांग्रेस
नहीं
छोड़ी
भले
ही
कांग्रेस
पूर्णिया
सीट
आरजेडी
से
नहीं
ले
सकी
है.
वो
यह
भी
कह
रहे
हैं
कि
कांग्रेस
को
बिहार
में
मजबूत
करने
के
लिए
पूरी
ताकत
लगा
देंगे.
इस
तरह
पप्पू
यादव
खुद
को
कांग्रेसी
बता
रहे
हैं
ताकि
इंडिया
गठबंधन
के
प्रत्याशी
के
तौर
पर
आरजेडी
की
प्रत्याशी
बीमा
भारती
की
तुलना
में
खुद
को
खड़ा
कर
सकें.

हालांकि,
कांग्रेस
के
प्रदेश
अध्यक्ष
अखिलेश
प्रसाद
सिंह
ने
उनसे
नामांकन
वापस
लेने
की
बात
कही
है,
लेकिन
पप्पू
जिस
तेवर
में
नजर

रहे
हैं,
उससे
यह
बात
साफ
है
कि
किसी
भी
सूरत
में
सीट
नहीं
छोड़ेंगे.
गांधी
परिवार
के
मजबूत
सिपाही
बताकर
चुनाव
लड़ेंगे.
इसके
अलावा
पप्पू
यादव
बहुत
ही
स्ट्रैटेजी
के
साथ
चुनावी
मैदान
में
उतरे
हैं
और
उसी
लिहाज
से
अपने
सियासी
दांव
चल
रहे
हैं.
ऐसे
में
देखना
है
कि
आरजेडी
कैसे
उनसे
पूर्णिया
में
पार
पाती
है?