पीएम का नेताओं को सबक- बयानों की जिम्मेदारी लीजिए, बोले गए शब्दों की मर्यादा रखिए

पीएम का नेताओं को सबक- बयानों की जिम्मेदारी लीजिए, बोले गए शब्दों की मर्यादा रखिए
पीएम का नेताओं को सबक- बयानों की जिम्मेदारी लीजिए, बोले गए शब्दों की मर्यादा रखिए


इंटरव्यू
में
सवालों
का
जवाब
देते
पीएम
मोदी.

दुर्भाग्य
से
आज
हमारे
यहां
शब्दों
के
प्रति
कोई
जिम्मेदारी
ही
नहीं
है.
मैंने
एक
नेता
को
कहते
हुए
सुना
कि
‘एक
झटके
में
गरीबी
हटा
दूंगा’.
जिनको
5-6
दशक
तक
देश
पर
राज
करने
को
मिला
और
वो
आज
कहते
हैं
कि
एक
झटके
में
गरीबी
हटा
दूंगा…
ये
बात
पीएम
मोदी
ने
न्यूज
एजेंसी
एएनआई
को
दिए
इंटरव्यू
में
कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी
पर
तंज
सकते
हुए
कही.

अपनी
सरकार
के
कार्यों
और
विपक्ष
के
आरोपों
से
जुड़े
तमाम
सवालों
के
जवाब
देने
के
साथ
ही
पीएम
ने
नेताओं
को
सबक
भी
दिया
है.
उन्होंने
कहा
कि
नेताओं
को
अपने
बयानों
की
जिम्मेदारी
लेनी
चाहिए.
शब्दों
की
मर्यादा
भी
रखी
जानी
चाहिए.

‘हम
जो
कहते
हैं
उस
पर
लोगों
को
भरोसा’

वहीं,
कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी
के
बयान
‘एक
झटके
में
गरीबी
हटा
दूंगा’
तंज
कसते
हुए
पीएम
ने
कहा
कि
उन्हें
सुनकर
लोग
सोचते
हैं
कि
ये
क्या
बोल
रहे
हैं.
हम
‘प्राण
जाए
पर
वचन

जाए’
की
महान
परंपरा
से
निकले
हैं.
नेताओं
को
जिम्मेदारी
लेनी
चाहिए.
आज
हम
जो
कहते
हैं
उस
पर
लोगों
को
भरोसा
है.

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पढ़ें

‘इसे
हथियार
की
तरह
इस्तेमाल
किया
गया’

राम
मंदिर
के
मुद्दे
पर
पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
इसका
राजनीतिकरण
किसने
किया?
वोट
बैंक
की
राजनीति
को
मजबूत
करने
के
लिए
इसे
हथियार
की
तरह
इस्तेमाल
किया
गया.
बार-बार
इसे
भड़काया
गया.
जब
मामला
अदालत
में
था
तब
भी
कोशिश
की
गई
कि
फैसला

आए.
विपक्ष
के
लिए
यह
एक
राजनीतिक
हथियार
था.
अब
राम
मंदिर
बन
गया
तो
उनके
हाथ
से
यह
मुद्दा
ही
चला
गया.

‘कांग्रेस
की
मानसिकता
में
ये
कौन
सी
विकृति’

इसके
साथ
ही
डीएमके
की
हालिया
‘सनातन
विरोधी’
टिप्पणी
पर
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
कहा
कि
कांग्रेस
से
पूछा
जाना
चाहिए
कि
सनातन
के
खिलाफ
इतना
जहर
उगलने
वाले
लोगों
के
साथ
बैठना
उनकी
क्या
मजबूरी
है?
कांग्रेस
की
मानसिकता
में
ये
कौन
सी
विकृति
है?
डीएमके
का
जन्म
ही
शायद
इस
नफरत
में
पैदा
हुआ
है.