योग
गुरु
रामदेव
और
पतंजलि
आयुर्वेद
के
प्रबंध
निदेशक
बालकृष्ण
भ्रामक
विज्ञापन
मामले
में
मंगलवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
पेश
हुए
योग
गुरु
रामदेव
और
पतंजलि
आयुर्वेद
के
प्रबंध
निदेशक
आचार्य
बालकृष्ण
भ्रामक
विज्ञापन
मामले
में
मंगलवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
में
पेश
हुए.
न्यायमूर्ति
हिमा
कोहली
और
न्यायमूर्ति
अहसानुद्दीन
की
बेंच
के
सामने
रामदेव
और
बालकृष्ण
ने
एक
बार
फिर
माफी
मांगी,
लेकिन
अदालत
ने
उन्हें
कोई
राहत
नहीं
दी.
कोर्ट
ने
कहा
कि
पिछली
सुनवाई
में
आपसे
सार्वजनिक
माफी
की
मांग
की
गई
थी.
आप
एक
हफ्ते
में
अपनी
गलती
सुधारें.
कोर्ट
23
अप्रैल
को
फिर
इसपर
सुनवाई
करेगा.
कोर्ट
में
आज
की
सुनवाई
में
क्या-क्या
हुआ,
आइए
जानते
हैं…
जस्टिस
हिमा
कोहली-
हम
समझना
चाहते
हैं,
आपकी
गरिमा
है,
आपने
हमें
बताया
है
कि
लोग
आपका
सम्मान
करते
हैं.
ये
जो
बयान
आपने
दिए
हैं.
आप
इसमें
क्या
कह
रहे
हैं..
क्या
आपको
माफी
मांगनी
चाहिए?
ये
भी
पढ़ें
बाबा
रामदेव-
जज
साहिबा…मैं
कहना
चाहता
हूं
कि
मुझसे
जो
भी
गलती
हुई
हो,
मैं
बिना
शर्त
माफी
मांगता
हूं.
जस्टिस
हिमा
कोहली-
आपने
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
की,
विज्ञापन
दिए..आप
जिस
परंपरा
को
बढ़ावा
दे
रहे
हैं,
हमारी
संस्कृति
में
कई
परंपराएं
हैं
और
हमारे
देश
में
जनता
उसका
उपयोग
कर
रही
है,
इसका
मतलब
है
कि
आप
अपनी
परंपरा
को
बढ़ावा
दे
रहे
हैं,
आपका
मतलब
है
आपकी
पढ़ाई
बेहतर
है.
बाबा
रामदेव-
हमारा
इरादा
आदालत
की
अवमानना
नहीं
करना
था.
जस्टिस
हिमा
कोहली-
आप
यह
नहीं
कहेंगे
कि
हम
जो
कर
सकते
हैं,
कोई
और
ऐसा
नहीं
कर
सकता..
आप
अपने
आयुर्वेद
को
बेहतर
बनाने
के
लिए
किसी
और
वेद
को
नीचा
नहीं
दिखाएंगे,
यह
CRT
का
उल्लंघन
है.
बाबा
रामदेव-
हमें
कानून
की
समझ
नहीं
है.
हमने
जो
किया
वे
हमें
नहीं
करना
चाहिए
था.
हमने
बहुत
बड़ी
गलती
हुई
है
और
आगे
हम
सजग
रहेंगे.
जस्टिस
हिमा
कोहली:
बीमारियों
की
दवाओं
के
प्रचार
की
अनुमति
नहीं
है,
न
तो
फार्मेसी
और
न
ही
डॉक्टर
ऐसा
कर
सकते
हैं.
आज
तक
इस
बीमारी
के
इलाज
का
विज्ञापन
भी
किसी
ने
नहीं
दिया
है.
ये
बिल्कुल
गैर
जिम्मेदाराना
हरकत
है.
बाबा
रामदेव:
अब
से
मैं
इस
बात
से
वाकिफ
रहूंगा.
काम
के
उत्साह
में
ऐसा
हुआ,
अब
से
ऐसा
नहीं
होगा.
करोड़ों
लोग
मुझसे
जुड़े
हैं,
ऐसे
में
इस
तरह
की
परिस्थिति
का
सामना
करना
मेरे
लिए
भी
मुश्किल
है.
हमने
बहुत
गलतियां
की
हैं.
आयुर्वेद
और
एलोपैथी
में
आपस
में
प्रतिस्पर्धा
है
इसी
वजह
से
उत्सुकता
में
हमसे
ऐसा
हुआ.
जस्टिस
हिमा
कोहली-
आचार्य
बालकृष्ण
आपका
क्या
कहना
है?
आचार्य
बालकृष्ण
–
अनुसंधान
का
जो
भी
काम
होता
है
वो
पीछे
से
होता
है.
अज्ञानतावश
हमसे
गलती
हो
गई
है,
हम
भविष्य
में
ध्यान
रखेंगे.
हमे
ये
नहीं
करना
था,
हमने
गलती
की
है.
हम
भविष्य
में
ऐसा
नहीं
करेंगे
.
जस्टिस
हिमा
कोहली–
आपकी
कंपनी
कॉरपोरेट
बिजनेस
करती
है
और
एक
लीगल
सेल
भी
है.
बाबा
रामदेव–
हम
विनम्रतापूर्वक
कहते
हैं
कि
अब
से
ऐसा
नहीं
होगा.
जस्टिस
हिमा
कोहली–
हम
आपके
पिछले
इतिहास
को
नजरअंदाज
नहीं
कर
सकते,
हम
अभी
तक
आपको
माफ
करने
का
मन
नहीं
बनाया
है.
आचार्य
बालकृष्ण
–
बाबा
संस्थागत
रूप
से
पतंजली
से
नहीं
जुड़े
हुए
हैं.
जस्टिस
ए
अमानुल्लाह–
आप
बार-बार
घूमकर
इसे
सही
ठहरा
रहे
हैं.
आचार्य
बालकृष्ण
–
मैं
खुद
को
दोषी
ठहरा
रहा
हूं.
जस्टिस
हिमा
कोहली–
सुधार
आपके
रवैये
से
रोता
है.
बाबा
रामदेव–
हमसे
जो
भूल
हुई
हैं
उसके
लिए
माफी
मांग
रहे
हैं.
जस्टिस
हिमा
कोहली–
अब
भी
आपको
कोर्ट
से
छुटकारा
नहीं
मिला
है.