

राहुल
गांधी
और
स्मृति
ईरानी
राहुल
गांधी
मैदान
तुम
चुनो
कार्यकर्ता
हम
चुनेंगे….
यह
चुनौती
स्मृति
ईरानी
ने
राहुल
गांधी
को
उस
वक्त
दी
थी
जब
वे
नागपुर
के
नमो
युवा
महासम्मेलन
को
संबोधित
कर
रहीं
थीं.
इससे
कुछ
दिन
पहले
ही
स्मृति
ईरानी
ने
राहुल
गांधी
को
अमेठी
में
चुनौती
दी
थी.
जब
उन्होंने
यह
कहा
था
कि
राहुल
गांधी
वायनाड
जाए
बिना
सिर्फ
अमेठी
से
चुनाव
लड़कर
दिखाएं.
अमेठी
से
कांग्रेस
के
टिकट
पर
कौन
चुनाव
लड़ेगा
अब
तक
यह
साफ
नहीं
है,
लेकिन
स्मृति
ईरानी
ने
अब
वायनाड
जाकर
राहुल
का
खेल
बिगाड़ने
की
तैयारी
कर
ली
है.
स्मृति
ईरानी
और
राहुल
गांधी
अब
तक
दो
बार
अमेठी
की
सीट
पर
मुकाबला
कर
चुके
हैं,
2014
के
चुनाव
में
पहली
बार
स्मृति
ईरानी
ने
राहुल
गांधी
को
चुनौती
दी
थी.
हालांकि
वह
एक
लाख
मतों
से
हार
गईं
थीं.
हार
के
बावजूद
स्मृति
ईरानी
अमेठी
में
लगातार
एक्टिव
रहीं
और
2019
में
फिर
राहुल
गांधी
के
खिलाफ
चुनाव
लड़ा
और
55
हजार
मतों
से
जीतकर
बहुत
बड़ा
उलटफेर
किया.
इन
दस
सालों
में
स्मृति
ईरानी
लगातार
राहुल
गांधी
पर
हमलावर
रहीं
हैं.
ऐसे
में
स्मृति
ईरानी
का
वायनाड
दौरा
सीधे
तौर
पर
राहुल
गांधी
का
खेल
बिगाड़ने
की
मंशा
से
जोड़ा
जा
रहा
है.
राहुल
के
लिए
अमेठी
की
राह
मुश्किल
कर
चुकी
हैं
ईरानी
राहुल
गांधी
वायनाड
से
कल
नामांकन
करने
वाले
हैं,
लेकिन
वह
तीसरी
बार
अमेठी
से
चुनाव
लड़ेंगे
या
नहीं
ये
अब
तक
साफ
नहीं
हो
सका
है.
माना
जा
रहा
है
कि
यदि
राहुल
गांधी
यहां
से
चुनाव
लड़ते
भी
हैं
तो
उनके
लिए
राह
आसान
नहीं
रहने
वाली.
दरअसल
पहला
चुनाव
हारने
के
बाद
से
ही
ईरानी
यहां
एक्टिव
रहीं
और
लगातार
लोगों
के
बीच
जाकर
अपनी
पकड़
बनाई.
2019
के
चुनाव
में
स्मृति
ईरानी
लगातार
वहां
रहीं
इलाके
पर
पकड़
बनाई
और
राहुल
गांधी
पर
निशाना
साधती
रहीं.
जीत
मिली
तो
अमेठी
छोड़ा
नहीं
बल्कि
वहां
2021
में
घर
के
लिए
जमीन
खरीदी
और
अब
वहां
गृह
प्रवेश
भी
कर
लिया.
राहुल
गांधी
ने
जब
अमेठी
में
अपनी
न्याय
यात्रा
का
पड़ाव
डाला
तो
ईरानी
वहां
पहले
से
ही
मौजूद
थीं
और
लगातार
लोगों
से
मुलाकात
कर
रही
थीं.
क्या
खतरे
की
घंटी
है
स्मृति
ईरानी
का
वायनाड
जाना
राहुल
गांधी
वायनाड
सीट
से
दूसरी
बार
चुनाव
लड़
रहे
हैं,
इससे
पहले
वह
सिर्फ
अमेठी
सीट
से
ही
लड़ते
रहे
हैं.
उनकी
राजनीतिक
पारी
की
शुरुआत
2004
में
हुई
थी.
पहले
चुनाव
में
राहुल
गांधी
ने
भारी
मतों
से
जीत
हासिल
की
थी.
2009
में
राहुल
गांधी
ने
बढ़िया
जीत
दर्ज
की,
लेकिन
2014
में
स्मृति
ईरानी
के
अमेठी
से
दावा
ठोंकते
ही
जीत
का
अंतर
कम
हो
गया,
उस
चुनाव
में
राहुल
गांधी
सिर्फ
1
लाख
मतों
से
ही
जीत
सके
थे
और
अगले
ही
चुनाव
में
ईरानी
ने
राहुल
को
हराकर
कांग्रेस
के
अमेठी
किले
को
भेद
दिया
था.
अब
वायनाड
में
स्मृति
ईरानी
का
दौरा
वायनाड
में
राहुल
के
खिलाफ
BJP
के
बिगुल
की
शुरुआत
मानी
जा
रही
है.
ठीक
उसी
तरह
जैसे
उन्होंने
अमेठी
में
किया
था.
वायनाड
में
स्मृति
ईरानी
Vs
राहुल
गांधी
ईरानी
अपने
अगले
मिशन
पर
वायनाड
जा
रही
हैं.
गुरुवार
को
वह
भाजपा
उम्मीदवार
के
सुरेंद्रन
के
समर्थन
में
एक
बड़ा
रोड
शो
करेंगी.
यह
रोड
शो
राहुल
गांधी
के
नामांकन
के
ठीक
24
घंटे
बाद
होगा.
रोडशो
के
बाद
भाजपा
उम्मीदवार
का
नामांकन
होगा
और
उसके
बाद
स्मृति
ईरानी
मीडिया
से
बातचीत
भी
करेंगीं.
यहां
राहुल
गांधी
का
मुकाबला
भाजपा
उम्मीदवार
के
सुरेंद्रन
से
होगा.
हालांकि
माना
ये
जा
रहा
है
कि
के
सुरेंद्रन
तो
बस
चेहरा
हैं.
वायनाड
में
असली
मुकाबला
राहुल
गांधी
Vs
स्मृति
ईरानी
का
है.
पिछले
10
साल
से
स्मृति
ईरानी
यही
करती
आईं
हैं.
उनके
ज्यादातर
वक्तव्यों
और
भाषणों
में
निशाना
राहुल
गांधी
पर
ही
होता
है.
अमेठी
में
भी
पहले
उन्होंने
राहुल
गांधी
को
चुनौती
दी,
फिर
हराया.
अब
वायनाड
में
भी
वह
राहुल
गांधी
को
अप्रत्यक्ष
तौर
पर
चुनौती
देने
जा
रही
हैं.
वायनाड
में
दूसरे
चरण
में
पड़ेंगे
वोट
वायनाड
में
दूसरे
चरण
में
मतदान
होगा.
वहां
26
अप्रैल
को
वोट
डाले
जाने
हैं.
पिछले
चुनाव
में
यहां
राहुल
गांधी
को
सीपीआई
के
पीपी
सुनीर
ने
चुनौती
दी
थी.
हालांकि
राहुल
गांधी
को
यहां
तकरीबन
5
लाख
मतों
से
जीत
हासिल
हुई
थी.
अबकी
बार
उनका
मुकाबला
भाजपा
के
के
सुरेंद्रन
से
हैं
जो
केरल
भाजपा
के
अध्यक्ष
है.
उनकी
राजनीति
की
शुरुआत
भी
भारतीय
जनता
युवा
मोर्चा
के
वायनाड
जिला
अध्यक्ष
के
रूप
में
ही
हुई
थी.
पिछले
लोकसभा
चुनाव
में
के
सुरेंद्रन
पथानामथिट्टा
से
चुनाव
लड़े
थे,
लेकिन
जीत
नहीं
सके
थे.