सत्येंद्र जैन के ओएसडी को विजिलेंस विभाग को नोटिस, पीपीई किट खरीद में अनियमितता का मामला

सत्येंद्र जैन के ओएसडी को विजिलेंस विभाग को नोटिस, पीपीई किट खरीद में अनियमितता का मामला
सत्येंद्र जैन के ओएसडी को विजिलेंस विभाग को नोटिस, पीपीई किट खरीद में अनियमितता का मामला


सत्येंद्र
जैन.
(फाइल
फोटो)

कोरोना
काल
में
दिल्ली
में
पीपीई
किट,
सर्जिकल
मास्क,
सैनिटाइजर
सहित
अन्य
सर्जिकल
आइटम्स
की
खरीद
में
कथित
अनियमितता
का
मामला
सामने
आया
है.
इस
मामले
में
विजिलेंस
विभाग
ने
आम
आदमी
पार्टी
नेता
और
दिल्ली
सरकार
के
तत्कालीन
स्वास्थ्य
मंत्री
सत्येंद्र
जैन
के
ओएसडी
आर.एन.
दास
से
जवाब
मांगा
है.

60
करोड़
रुपये
के
इस
मामले
में
ओएसडी
को
कारण
बताओ
नोटिस
जारी
किया
गया
है.
इसमें
लिखा
है,
‘यह
देखा
गया
है
कि
कुछ
सर्जिकल
आइटम्स
की
खरीद
कुछ
व्यक्तियों
और
कंपनियों/फर्मों
को
लाभ
पहुंचाने
के
लिए
की
गईं.
इस
तरह
सरकार
को
नुकसान
पहुंचा
है’.
बतातें
चलें
कि
आम
आदमी
पार्टी
के
नेताओं
की
मुश्किलें
थमने
का
नाम
नहीं
ले
रही
हैं.

पार्टी
मुखिया
शराब
घोटाले
से
जुड़े
मनी
लॉन्ड्रिंग
मामले
में
पहले
से
जेल
में
हैं.
कुछ
दिन
पहले
ही
पार्टी
सांसद
जेल
से
बाहर
आए
हैं.
जबकि
सत्येंद्र
जैन
पहले
से
जेल
में
हैं.
ED
ने
साल
2022
में
30
मई
को
मनी
लॉन्ड्रिंग
के
मामले
में
गिरफ्तार
किया
था
और
12
जून
से
वो
न्यायिक
हिरासत
में
तिहाड़
जेल
में
बंद
हैं.

ये
है
सत्येंद्र
जैन
पर
आरोप

सत्येंद्र
जैन
पर
आरोप
है
कि
उन्होंने
दिल्ली
में
कई
शेल
कंपनियों
को
लॉन्च
किया
या
खरीदा
था.
उन्होंने
कोलकाता
के
तीन
हवाला
ऑपरेटरों
की
54
शेल
कंपनियों
के
माध्यम
से
16.39
करोड़
रुपये
के
काले
धन
को
भी
सफेद
किया
था.
जैन
के
पास
प्रयास,
इंडो
और
अकिंचन
नाम
की
कंपनियों
में
बड़ी
संख्या
में
शेयर
थे.

जानकारी
के
अनुसार,
2015
में
केजरीवाल
सरकार
में
मंत्री
बनने
के
बाद
जैन
के
सभी
शेयर
उनकी
पत्नी
के
नाम
कर
दिए
गए
थे.
मामला
सामने
आने
पर
गिरफ्तारी
के
बाद
जब
ईडी
ने
मनी
लॉन्ड्रिंग
के
कागजात
दिखाकर
जैन
से
सवाल
पूछे
तो
उन्होंने
कोरोना
के
कारण
याददाश्त
चले
जाने
का
दावा
कर
दिया
था.